मिसाल-ए-मऊ

हिन्दू ने मुस्लिम को, मुस्लिम ने हिन्दू को बांधा, रक्षा सूत्र

मऊ । कोई पूजे पत्थर को, कोई सजदे में अपना सर झुकाते है, ये एक ही है बस कुछ इसे पूजा, तो कुछ इसे अपना ईमान बताते है, एक ही रिवाज़, एक ही रस्म, बस कुछ अंदाज़ बदल जाते हैं,
वरना एक ही है जिसे कुछ उपवास, तो कुछ रमज़ान कहते है। यह कहावत आज चरितार्थ हुई आज पूरा देश कोरोना की चपेट में है, रमज़ान की पाक महीने में हिन्दू मुस्लिम एकता की मिशाल पेश किए मऊ रोटी बैंक के संरक्षक, मदरसा बहरुल उलूम के नायाब प्रबन्धक, समाजसेवी, व्यवसायी हाजी हबीबुल्लाह टांडवी व प्रसिद्ध श्री राम कथा वाचक श्री कमलेश जी महाराज ने मऊ रोटी बैंक द्वारा दी गयी कोरोना रक्षा कवच को एक दूसरे के कलाई बांध साम्प्रदायिक मिशाल पेश किए और देश में तैनात सभी कोरोना योद्धाओं को सलाम कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की साथ मे रोटी बैंक के एम डी अमरनाथ मद्धेशिया, अध्यक्ष अभिषेक मद्धेशिया, धनेश शर्मा ,गौरव गुप्ता, अनिल गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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