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सचल वाहन स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से पशुपालकों को किया गया जागरूक, बताये गये तरह-तरह के टिप्स

रतनपुरा/मऊ। विकास खण्ड में सचल वाहन स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया जिसमें पशु चिकित्सा अधिकारी गांव में घूम-घूम कर के पशुओं को होने वाली बीमारी और उससे होने वाले बचाव के संदर्भ में विस्तृत जानकारी पशुपालकों को दे रहे हैं। स्थानीय पशु चिकित्साधिकारी डॉ विनय कुमार पांडेय ने पशुपालकों को जानकारी देते हुए कहा कि पशुओं को खुली जगह में न रखें, ढके स्थानों में रखे।रोशनदान, दरवाजों व खिड़कियों को टाटऔर बोरे से ढंक दें।
पशुशाला में गोबर और मूत्र निकास की उचित व्यवस्था करे ताकि जल जमाव न हो पाए।
पशुशाला को नमी और सीलन से बचाएं और ऐसी व्यवस्था करें कि सूर्य की रोशनी पशुशाला में देर तक रहे। बासी पानी पशुओं को न पिलाए।
बिछावन में पुआल का प्रयोग करें। पशुओं को जूट के बोरे को ऐसे पहनाएं जिससे वे खिसके नहीं। गर्मी के लिए पशुओं के पास अलाव जला के रखें। नवजात पशु को खीस और एमिनो पॉवर जरूर पिलाएं, इससे बीमारी से लडऩे की क्षमता में वृद्धि होती है और नवजात पशुओं की बढ़ोतरी भी तेजी से होता है।
प्रसव के बाद मां (पशु) को ठंडा पानी न पिलाकर गुनगुना पानी पिलाएं। गर्भित पशु का विशेष ध्यान रखें व प्रसव में जच्चा-बच्चा को ढके हुए स्थान में बिछावन पर रखकर ठंड से बचाव करें। बिछावन समय-समय पर बदलते रहे।
अलाव जलाएं पर पशु की पहुंच से दूर रखें। इसके लिए पशु के गले की रस्सी छोटी बांधे ताकि पशु अलाव तक न पहुंच सके।
ठंड से प्रभावित पशु के शरीर में कपकपी, बुखार के लक्षण होते हैं तो तत्काल निकटवर्ती पशु चिकित्सक को दिखाएं।
ठंढ के मौसम में पशुपालन करते समय पशुओं पर कुप्रभाव न पड़े और उत्पादन न गिरे इसके लिए पशुपालकों को अपने पशुओं की देखभाल ऊपर दिए निर्देशों के अनुसार करना बहुत जरूरी है। ठंड के मौसम में पशुओं की वैसे ही देखभाल करें जैसे हम लोग अपनी करते हैं। उनके खाने-पीने से लेकर उनके रहने के लिए अच्छा प्रबंध करे ताकि वो बीमार न पड़े और उनके दूध उत्पादन पर प्रभाव न पड़े। खासकर नवजात तथा छह माह तक के बच्चों का विशेष देखभाल करें।
सचल वाहन स्वास्थ्य शिविर में पशु चिकित्साधिकारी डॉ विनय कुमार पांडे के अतिरिक्त पशुधन प्रसार अधिकारी विनोद कुमार जितेंद्र चौहान जितेंद्र कुमार विनोद कुमार राजेश कुमार भारती और जेके पाल फार्मासिस्ट ने ग्रामीण शिविर के माध्यम से पशुपालकों को जागरूक किया पशुपालन विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के उपरांत अपने पशुओं को देखभाल में सक्रिय हो गए हैं।

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