नफीस अब्दुल हकीम का असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ चयन
(सईदुज़्ज़फर)
मऊ। शहर जो कि अपनी साड़ियों और ताने-बाने की वजह से पहचाना जाता है आज शिक्षा के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ एक नई पहचान बना रहा है, कई वर्षों से मऊ शहर में शिक्षा का ग्राफ काफी तेजी से बढ़ रहा है और उसका रिजल्ट भी देखने को मिल रहा है।
इसी सिलसिले की कड़ी में मऊ के थाना कोतवाली अन्तर्गत मुहल्ला मूदनपुरा (कासिमपुरा) निवासी नफीस अब्दुल हकीम का चयन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सीएमपी डिग्री कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ है
सीएमपी डिग्री कालेज में पिछले दिनों अलग अलग विषयों में 31 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती हुयी जिसमें उर्दू विभाग में सामान्य के एक पद पर नफीस अहमद का चयन किया गया
नफीस अहमद की प्रारंभिक शिक्षा मदरसा दारूलहदीस में हुयी, उसके बाद इन्होनें ग्रेजुएशन की शिक्षा आज़मगढ़ के शिब्ली कालेज से हासिल की, उसके बाद कुछ दिनों तक इनकी शिक्षा का सिलसिला स्थगित रहा और स्कालर पब्लिक स्कूल में शिक्षण का कार्य करने लगे इसी दौरान इन्होंने डीसीएसके पीजी कॉलेज मऊ से पोस्ट ग्रेजुएट की शिक्षा प्राप्त की।
आगे की शिक्षा जारी रखने के लिए इन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में डी-फील में प्रवेश लिया और प्रोफेसर अली अहमद फातमी के देखरेख में “उर्दू अफसाने पर विभिन्न अदबी तहरीकात व रूजहानात के प्रभाव” विषय पर अपनी पीएचडी की डिग्री हासिल की, इसी बीच यूजीसी की परीक्षा नेट/जेआरएफ क्वालीफाई किया।
इसके बाद इन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सीएमपी डिग्री कालेज में (गेस्ट फैक्लटी) असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में सेवाएं प्रदान कीं। इसी दौरान यूजीसी नई दिल्ली की फेलोशिप (पोस्ट डिक्टोरल फेलोशिप) के तहत उर्दू विभाग इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रोफेसर अली अहमद फातमी के गाइडेंस में रिसर्च के काम में व्यस्त थे कि इसी बीच इनको यह सफलता प्राप्त हुई।
अब तक इनकी पांच किताबें और दर्जनों लेख इंडिया व पाक के अलग अलग पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। इनकी इस कामयाबी पर प्रोफेसर अली अहमद फातमी, प्रोफेसर अनवर ज़हीर, डॉक्टर शकील, डॉक्टर रफीक अश्फाक, डाक्टर फिरोज़, मुनव्वर अली, शाहनवाज़ अख्तर सामाजिक व एयू स्टूडेंट्स संगम मऊ के पदाधिकारियों व मेम्बरों ने शुभकामनायें देते हुए बधाई दी।