किसानों तक ये ख़बर पहुंचनी ज़रूरी है।
10 हजार कृषक उत्पादक संगठनों की स्थापना से ग्रामीण क्षेत्रों में होगा व्यापक बदलाव; एफपीओ से न सिर्फ कृषि की प्रगति में सहायता मिलेगी, बल्कि विकास के नए द्वार खुलेंगे : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
मूल्य संवर्धन, विपणन व निर्यात को बढ़ावा देने के लिए “एक जिला-एक उत्पाद” की रणनीति; एफपीओ से तकनीक जानकारियां, वित्त और उनकी उपज के लिए अच्छा बाजार व बेहतर कीमत मिलने से छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों को फायदा होगा

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि 10 हजार नए कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की स्थापना से किसान समूहों के साथ एक नया आयाम जुड़ने जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के 60 प्रतिशत किसान छोटे और सीमांत हैं, जो इन एफपीओ के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएंगे। इससे न सिर्फ कृषि की प्रगति में सहायता मिलेगी, बल्कि देश में विकास के नए द्वार भी खुलेंगे। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से लघु उद्योग भारती और सहकार भारती की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे, जिसमें कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और कैलाश चौधरी तथा केन्द्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल भी उपस्थित रहे।
योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए नरेंद्र तोमर ने कहा कि इसे नाबार्ड, एसएफएसी और एनसीडीसी जैसी एजेंसियों के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा। आर्थिक स्थायित्व के लिए समान इक्विटी के आधार पर 15 लाख रुपये तक के पूंजी अनुदान की सुविधा मिलेगी। नाबार्ड व एनसीडीसी के साथ क्रेडिट गारंटी फंड बनाया जाएगा, जिसमें 2 करोड़ रुपये प्रति एफपीओ तक उपयुक्त क्रेडिट गारंटी उपलब्ध कराई जाएगी। हितधारकों के लिए क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, कौशल विकास के महत्व को समझते हुए विशेष राष्ट्रीय/क्षेत्रीय संस्थानों के माध्यम से संगठनात्मक प्रबंधन, संसाधन नियोजन, विपणन, प्रसंस्करण क्षेत्रों में प्रशिक्षण उपलब्ध कराने का प्रावधान किया है, ताकि एफपीओ के संगठन व व्यवसाय का अच्छी तरह से प्रबंधन किया जा सके।
बैठक में लघु उद्योग भारती से जुड़े विभिन्न प्रतिनिधियों ने अनेक सुझाव दिए और परस्पर संवाद के माध्यम से अनेक मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई।

