योगी बाबा सीएम टू पीएम वाचें
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार
(बुरा न मानो होली है)
मोदी जी कहलन शाह से,
ऐसा एक दिन आएगा,
जो जितना चिल्लाएगा,
वह उतना ही पाएगा।
बात सुन ममता गुर्राईं,
कहीं बहुत बुड़बक है भाई,
बंगाल है यह गुजरात नहीं है ,
बहक जाए जो वह आवाम नहीं है।
तभी केजरी सीना ताने,
कहें आप से सब हैं भागे,
दिल्ली का तो हम राजा हैं,
नमो- नमो बस जतरा नापे।
बात सुन बिहार से लालू जी बोले,
कहे नीतीश समझ जा तू डोरे,
तेजस्वी के तू गले लगावा,
आफत से आपन गला बचावा।
उधर अखिलेश हवन सीना ताने,
2022 में यूपी के सत्ता साजे,
माया तो चुपचाप पड़ल हईन,
योगी बाबा सीएम टू पीएम वाचें।
उत्तराखंड ह हिल्लत डुल्लत,
अदल बदल कर बचत ह इज्जत,
मध्य प्रदेश से शिवराज कहत हैन,
अब हमहू के दिल्ली चाहत।
राजस्थान के राज बस चल रहल,
दल बदलून क बात फिरल रहल,
हरियाणा क हाल बुरा है,
खट्टर क अंजाम बुरा ह।
राहुल बाबा चुप्पे-चापे,
कभी बंगाल त, कभी हालात नापे,
सपना दूगो शेष बचल ह,
दुल्हन आवे न पीएम पद पावे।
राजनीति क हाल बुरा ह,
जनता क हालात बुरा ह,
सपना सगरो देखा रहलन,
रोटी, रोजगार क अंजाम बुरा ह।
इतिहास, भूगोल सब समझावत हउवन,
आपन-आपन राग अलापत हउवन,
नखड़ा कुलहन क माथे एक्के,
अलग-अलग समझावत हउवन।
कोरोना भी डरावत हउवे,
ना समझत, ना समझावत हउवे,
बिजनेस क त हाल बुरा ह,
सरकार क खजाना, अड़सावत हउवे।
ऐ मोदी तू सुन ला विनती,
जनता करत निवेदन ह,
तू जो फेल हो जईबा तो,
उठ जाई भरोसा पीएमओ से।
ना चाहत ह पन्द्रह लाख,
ना सस्ता सोना चाहत ह,
शिक्षा, रोजगार, व्यवसाय, दवाई,
जनता ऐतने बस मांगत ह।
तू जो करबा 135 करोड़ क सपना पूरा,
त हमहू नमो-नमो चिलाईब हो,
नहीं त कोने में दुबक के कहीं,
का आफत मोल लेहलीं पछताईब हो।
बुरा न मनबा जो मोरे बात क,
जीवन तोहार धन्य हो जाई,
विपक्षी जो केतनों चिल्लईहन,
नाम तोहार अजर अमर हो जाई।
ना खेलब होली तोहरे संगे,
ना लगाईब गुलाल हम माथे हो,
पहिले देश के सोने क चिढ़िया तू कर द,
त चूमब तोहार पांव अऊर माथा हो।
(बुरा न मानो होली है)
बहुत खुब, बहुत ही खूबसूरत अंदाज़ में आप ने सारी बाते कह डाली।