मिसाल-ए-मऊ

मऊ के 15 साल के आदित्य की पेंसिल आर्ट देखकर आप भी हो जाएंगे हैरान

पूरा वीडियो देखिए बस एक क्लिक में…

@आनन्द कुमार मऊ से…

हुनर को उम्र की सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता है. यकीन ना हो तो आज अपना मऊ पोर्टल और अपना मऊ यूट्यूब चैनल पर इसका जीता जागता उदाहरण देखिए और पढ़िए.

और अच्छी बात ये है कि ये हुनरबाज अपने ही जिले के सदर बाजार का है. जिसकी कलाकारी जिसने भी देखी वो उसका  कायल हो गया.

महज कुछ पेंसिल्स की मदद से वो सादे कागज पर बिना रंगों के ही ऐसा रंग भर देता है कि जैसे तस्वीर खुद बोल पड़ती है.

भले ही नन्हें आर्टिस्ट आदित्य कुमार यादव को अभी वो पहचान नहीं मिली है. जिसके वो हकदार हैं लेकिन अब वो दिन दूर नहीं जब उसकी कला की दुनिया दीवानी होगी.

दसवीं के 14 साल के छात्र आदित्य ने अब तक करीब 300 ऐसी पेंसल आर्ट बनाएं हैं. जिसमें मशहूर हस्तियों से लेकर, कार्टून करैक्टर्स, भगवान की तस्वीरें, जानवरों की तस्वीरें, मानवीय जीवन और देश दुनिया के ज्वलंत मुद्दे शामिल हैं.

सबसे चौकाने वाली बात ये है कि आदित्य ने इस कला कि कहीं से ट्रेनिंग नहीं ली है. उसने करीब 3-4 साल पहले इसकी शुरूआत खुद से ही घर में की और फिर उनका मन पेंसिल आर्ट में बढ़ता गया. जिसमें उनके परिवार ने भी उनका पूरा साथ  दिया.

यही वजह थी कि वो कुछ ही दिनों में पेंसिल आर्ट का धुरंधर बन गया है. और अब इस क्षेत्र में बड़ा मुकाम हासिल करना उसके जीवन का मकसद बन गया है.

इतना ही नहीं आदित्य ने अपनी इस कला को उन लोगों में बांटने का भी फैसला किया है. जिनकी पेंसिल आर्ट में रुचि है वो अपने आस-पास के बच्चों और इसमें रुचि रखने वाले लोगों को इसकी मुफ्त में ट्रेनिंग भी देने का मन बना लिया है.

आदित्य बताते हैं कि पिछले लॉकडाउन में उन्होंने अपनी इस कला को चमकाने पर जमकर मेहनत की और इस दौरान करीब 100 पेटिंग्स बनाएं.

वो अपनी इस हुनर का सारा श्रेय अपने परिवार वालों को देते हैं वो कहते हैं कि अगर उनके मां-बाप का प्यार और आर्शिवाद उनको नहीं मिलता तो ये कभी संभव नहीं था.

अपना मऊ की टीम भी जब आदित्य से मिली और उनकी कला को लाइव देखा तो हैरान रह गई. आदित्य ने कुछ ही समय में कई खूबसूरत चित्रकारी लाइव बनाकर पेश की.

इब्राहिम पुरा संगम गली, सदर चौक मऊ के निवासी श्याम सुन्दर यादव उर्फ सुबाष यादव व श्रीमती संगीता यादव के पुत्र आदित्य यादव अपनी एक बहन अंजली यादव व भाई अभय यादव में सबसे छोटे हैं। पढ़ाई के साथ-साथ वे कला को भी विशेष ध्यान देते हैं।

अपना मऊ की टीम की कोशिश है कि आदित्य जैसे हुनरबाज को ना सिर्फ प्रदेश स्तर पर बल्कि देश और दुनिया के स्तर पर पहचान मिल सके. और प्रशासन उनके इस मकसद को पूरा करने में सहयोग करें.

अपना मऊ की टीम उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देती है.

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