जब तक साँस है लगाता रहूँगा प्रतिदिन एक पौधा, शैलेन्द्र के भागीरथ प्रयास का 4 वर्ष पूर्ण
@आनन्द कुमार…
मऊ। जब कोई युवा अपने लक्ष्य को अपने फ़ौलादी इरादों को अपने सांसों की डोर से बाँध कर चल पड़े तो, यह सत्य है कि कोई उसे रोक ना पाएगा और ना ही कोई उसे टोक पाएगा। वह चलता जाएगा, बढ़ता रहेगा अपनी मंज़िल की ओर जिसका जुनून उसने अपने मन में और अपने दिल में पाल रखा है कि जब तक तन है तब तक यह कार्य करता रहूंगा। जो जानता है इस युवा को वह तो जानता ही है, जो नहीं जानता है उन्हें हम बताते हैं शख़्स से शख़्सियत बने शैलेन्द्र यादव के बारे में जो पर्यावरण के समर्पित ही नहीं है बल्कि हर रोज़ समर्पित हैं।
बलिया जनपद के शिक्षा क्षेत्र नगरा में एआरपी पद पर तैनात व मऊ ज़िले के नगर के सहादतपुरा निवासी शिक्षक शैलेन्द्र यादव पर्यावरण संरक्षण के लिए अब परिचय के मोहताज नहीं हैं। पर्यावरण के प्रति उनकी अटूट निष्ठा व लगन ने उनके कर्म को सराहा है। तभी तो उनके इस कार्य पर उनके प्रशंसकों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है।
शैलेन्द्र प्रतिदिन एक पौधा बांटकर मिशाल बनते जा रहे हैं, मऊ, बलिया ही नहीं गाजीपुर जनपद तक उनके इस कार्य की गूंज सुनाई देने लगी है। उनके द्वारा दिया गया 5000 पौधा तथा उसमें स्वयं द्वारा अब तक 1360 पौधा लगाया जा चुका है। शिक्षक दिवस 05 सितंबर 2020 से प्रति दिन एक पौधा लगाकर समाज के सभी वर्गों को जागरूक करने का शैलेंद्र के भागीरथ प्रयास के आज शिक्षक दिवस पर 4 वर्ष पूरे हो गए। शैलेंद्र बताते हैं जीवन शैली में परिवर्तन करके ही पर्यावरण प्रदूषण एवं जलवायु परिवर्तन के वैश्विक चुनौती से लड़ सकते हैं। शैलेन्द्र हर पौधे की जियो टैगिंग कर सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों को जागरूक एवं प्रेरित करते है। उन्होंने बताया जब तक सांसें चलती रहेंगी यह अभियान चलता रहेगा शैलेन्द्र पर्यावरण जागरुकता हेतु पद यात्रा साइकिल यात्रा भी कर चुके हैं। जून 2022 में मऊ-वाराणसी तक पदयात्रा, गांधी जयंती 2 अक्टूबर पर मऊ से लुम्बनी नेपाल तक साइकिल यात्रा, 1100 से अधिक शिक्षण संस्थानों में पर्यावरण जागरुकता कार्य एवं तमसा नदी के संरक्षण हेतु वाराणसी के अस्सी घाट पर अनशन तक कर चुके है उन्होने बताया अपने वेतन से ढाई हज़ार से तीन हजार रुपया प्रतिमाह पर्यावरण संरक्षण हेतु खर्च करता हूं। इसे मुझे बहुत ही आत्म संतुष्टि मिलती है।
शैलेन्द्र की सबसे अच्छी पहल यह है कि वह अपनी तनख़्वाह में से रुपए खर्च कर पर्यावरण के प्रति यह नित्य करते हैं। हर माह 2500 से 3000 रुपए का सामाजिक कार्य वह भी पर्यावरण के प्रति योगदान कम नहीं है। वह भी एक शिक्षक द्वारा। शैलेंद्र अपने इसी अनूठे कार्य के लिए कई संस्थाओं द्वारा कई मंचों पर सम्मानित किया जा चुका है । शैलेन्द्र निरंतर अपने अनूठे प्रयास को लेकर आगे बढ़ते रहे यही अपना मऊ टीम की कामना है और चार वर्ष उनके इस अनुपम कार्य के पूर्ण होने पर शुभकामनाएँ है।
चार वर्ष की यात्रा के पूर्ण होने पर शैलेंद्र ने बच्चों के साथ किया पौधारोपण, हुए सम्मानित
पर्यावरण के प्रति समर्पित शैलेन्द्र यादव के इस नेक काम के आज 4 वर्ष पूरा होने पर राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त पूर्व माध्यमिक विद्यालय धरौली घोसी केप्रधानाध्यापक डॉ. रामविलास भारती ने अपने विद्यालय पर प्रधान बालचंद व पूरे शैक्षिक स्टाफ बच्चों के साथ 4 वर्ष पूरा होने पर पौधरोपण किया तथा उन्हें अंगवस्त्र व पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया।