विभूति राय शर्मा का निधन, सभी ने व्यक्त किया संवेदना
मऊ। वन अवध इण्टर कॉलेज ललितपुर, लुदुही, मऊ के संस्थापक प्रधानाचार्य, एवम् पूर्व प्रबंधक विभूति राय शर्मा का निधन दिनांक 7 अक्टूबर 2024 को हो गया, जिनका अंतिम संस्कार दोहरीघाट के मुक्तिधाम पर आज दिनांक 8 अक्टूबर 2024 विधि विधान से हुआ।
नेहरू स्मारक इन्टर कॉलेज फैजुल्लाहपुर,मऊ में स्व.विभूति राय शर्मा के निधन की सूचना पर विद्यालय में शोक सभा का अयोजन किया गया।
विद्यालय के प्रधानाचार्य कृष्णानंद सिंह ने शोक सभा के पूर्व स्व.राय साहब के कृतियों और व्यक्तिव की चर्चा करते हुए बताया कि आप हमारे प्रधानाचार्य के साथ ही साथ प्रबंधक भी रहे। आपकी कर्मठता,शिक्षा,शिक्षक एवम् शिक्षार्थियों के प्रति समर्पित भावना और अपने दायित्व एवम् कर्तव्य के प्रति पूरी निष्ठा का परिणाम रहा की सुदूर ग्रामीण अंचल में अवस्थित होने के बावजूद भी विद्यालय अपनी गरिमा,भव्यता और उत्कृष्ट शिक्षा, के साथ ही साथ अनुशासन के लिए सदैव प्रसिद्ध रहा।
आपकी कार्य शैली और प्रशासनिक व्यवस्था आज भी जन मानस के स्मरण पटल पर अंकित है।आपका आदर्श सभी के लिए अनुकरणीय है।
श्री सिंह ने कहा कि आपके सानिध्य में लगभग 26 साल तक रहने का अवसर मिला,उसी का परिणाम है कि नेहरू स्मारक इन्टर कॉलेज फैजुल्लाहपुर,मऊ कभी जनपद के आखिरी पायदान पर खड़ा था,लेकिन उनके आदर्शो को अपने जीवन में आत्मसात करते हुए उनकी कार्यशैली का अनुकरण किया जिसका परिणाम आप सभी के सामने है कि विद्यालय को मात्र 5 वर्षो में आदर्श विद्यालय कायम करने में मुझे जो सफलता प्राप्त हुई ,उसके पीछे उस महामानव के सानिध्य और उनके जीवन से प्राप्त प्रेरणा का परिणाम है।*
*प्रधानाचार्य जी ने अनेक संस्मरणों को बताया और सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए प्रेरित किया और कहा कि यदि दृढ़ निश्चय कर लिया जाय और मन में कुछ करने का जज्बा हो तो संकल्प के साथ आगे बढ़े, दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। बस आवश्यकता है कि अपने कर्तव्य और दायित्व के प्रति सदैव,जागरूक समर्पित, तत्पर,सतर्क एवम् सावधान होकर पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ आगे बढ़ा जाय तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।इसका जीता जागता उदाहरण स्व. विभूति राय शर्मा जी अपने जीवन काल में प्रमाणित कर दिया है।
प्रधानाचार्य उनकी कार्यशैली,कृतियों और व्यक्तिव की चर्चा करते करते भाऊक हो गए और उनकी आंखे नम हो गईं और थोड़ी देर के लिए असहज हो गए। कहा कि जब तक सूरज चांद रहेगा, शिक्षा जगत में स्व. विभूति राय शर्मा जी का नाम रहेगा। ये ही नही आपकी कार्यशैली,कृतियां और अनुशासन तथा आपके कार्यकाल की पढ़ाई और सुधार के लिए पिटाई और विधिवत कुटाई का नाम रहेगा।
अंत में दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा के शांति एवम् उनके परिवार को इस अपार कष्ट को सहन करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना किया गया कि हे प्रभु आप उनको अपने श्री चरणों में स्थान दें और परिवार इस अपार कष्ट को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।विद्यालय परिवार ने अश्रुपूरित नेत्रों से भाव भीनी श्रद्धांजलि दी।