सत्य अहिंसा के पुजारी को आन पड़ी है जरूरत बापू
मऊ। “कला एवं साहित्य” के लिए समर्पित अखिल भारतीय संस्था “संस्कार भारती” की मऊ इकाई द्वारा “गांधी जयंती” एवं “लाल बहादुर शास्त्री” जयंती के अवसर पर दिनांक 02 अक्टूबर 2024, दिन बुधवार देर शाम संस्था के अध्यक्ष शिवेन्द्र त्रिपाठी के आवास पर एक “विचार गोष्ठी” एवं “काव्य संध्या” का आयोजन करके मनाया गया। कार्यक्रम का आरंभ “मां सरस्वती”, “महात्मा गांधी” एवं “लाल बहादुर शास्त्री” के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। संस्था द्वारा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं भोजपुरी विधा के सुप्रसिद्ध कवि “दयाशंकर तिवारी” का अंगवस्त्रम् एवं माल्यार्पण द्वारा सम्मान कर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता “संस्कार भारती” के पूर्व अध्यक्ष डॉ “रामनिवास राय” ने किया। सुप्रसिद्ध संगीतज्ञ पंडित “गिरिजा शंकर त्रिपाठी” द्वारा सरस्वती वंदना गायन किया गया एवं संस्कार भारती गीत के सामूहिक गायन के साथ “विचार गोष्ठी” का आरंभ हुआ। मृत्युंजय तिवारी, डॉ “सी. पी. राय” ने अपना सारगर्भित व्याख्यान दिया। साहित्य के युवा विद्यार्थी “शिखर त्रिपाठी” ने “बापू” एवं “लाल बहादुर शास्त्री” कृतित्व का आज के परिपेक्ष्य में व्याख्या किया। डी.सी.एस.के. के प्राचार्य डॉक्टर सर्वेश पांडेय ने कहा आज भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी हमारे देश के लिए “भरोसा” है। डॉक्टर “रामनिवास राय” द्वारा राष्ट्रपिता “महात्मा गांधी” एवं पूर्व प्रधानमंत्री “लाल बहादुर शास्त्री” के जीवन एवं कृतित्व पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला गया। विचार गोष्ठी का संचालन “संस्कार भारती” के पूर्व प्रांतीय लोक कला प्रमुख श्री प्रमोद राय ‘प्रेमी’ ने किया।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में काव्य गोष्ठी का आरंभ डॉक्टर “कमलेश राय” के संचालन में “सुमित उपाध्याय” के सरस्वती वंदना से आरंभ हुआ। कवि “बृजेश गिरी” ने गांधी जी पर सामयिक रचना प्रस्तुत की। कुंवर “तूफान सिंह” निकुंभ ने गांधी जी के जीवन से प्रेरित काव्य पाठ किया। भोजपुरी भाषा के कवि “जितेंद्र मिश्र”काका” ने “निरुपयोग हो गईल जुवाठ, हरीश और हेंगा” सुना कर आज के आधुनिकता पर करारा व्यंग्य किया। संस्कार भारती के प्रमोद राय “प्रेमी” ने “भारत विश्व गुरु कहलाई” शीर्षक से अपनी कविता पाठ करके कार्यक्रम को नई ऊंचाई प्रदान की। मृत्युंजय तिवारी ने “नेता पेड़ इसलिए लगते हैं कि लोग पेड़ से कुर्सियां बनाते हैं” सुनाकर आज के राजनीतिक परिदृश्य पर करारा व्यंग प्रस्तुत किया। संस्कार भारती सदस्य श्री “स्वामीनाथ पांडे” ने “अबकी चल बनारस घुमाईंजा काशी ये गुइयां” सुनाकर “काशी” की महिमा का बखान किया। “काव्य-संध्या” का संचालन कर रहे डॉक्टर “कमलेश राय” ने “हम पतझड़ में प्रीति जगाके, पात-पात मधुमास लिखीलां” शीर्षक का गीत सुनकर कार्यक्रम को सर्वोच्चता प्रदान की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं भोजपुरी के वरिष्ठ कवि “दयाशंकर तिवारी” ने “सत्य अहिंसा के पुजारी को आन पड़ी है जरूरत बापू” सुनाकर आज के परिदृश्य में बापू की सार्थकता को चरितार्थ किया। “संस्कार भारती” मऊ इकाई के लोक कला विधा प्रमुख “राम बली यादव” ने “आप सभी का गीत सुनकर हम कायल हो गए” सुना कर सदन की वह-वाही लूटी तत्पश्चात कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं डॉ “रामनिवास राय” ने अपनी छडिकाओं, “परेशानी के दिनों में हम उनके घर गए, इसलिए उनके एहसान से हम मर गए” सुनाकर कार्यक्रम को पूर्णता प्रदान की। संस्कार भारती के प्रांतीय कोषाध्यक्ष “नंदकिशोर थरड” ने कार्यक्रम में आए हुए सम्मानित एवं ख्यातिलब्ध साहित्यकारों एवं कवि गणों तथा कार्यक्रम को सफलता पूर्वक संपन्न कराने में योगदान देने वाले संस्कार भारती के प्रत्येक सदस्य एवं श्रोता गणों का आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया तथा कार्यक्रम “संयोजक” “शिवेन्द्र त्रिपाठी” को बधाई दी। अंत में “वंदे मातरम्” गीत गायन के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।