एक कालजयी किताब : द नियोजित शिक्षक
@ राजीव कुमार, पटना, बिहार से…
हालाँकि मुझे आध्यात्मिक विषयों पर किताबें पढ़ना ज्यादा पसंद हैं, किन्तु शिक्षक होने के कारण मैं “द नियोजित शिक्षक” पुस्तक को पढ़ने से रोक नहीं पाया और मैंने जब इस पुस्तक को पढ़ लिया है, तो सोचा कि इसके बारे में अन्य लोगों और शिक्षक साथियों को बताऊँ।
‘शिक्षक’, जिसे वर्त्तमान में राजनीतिक कारणों से महत्वहीन बना दिया गया है, उनपर लिखा गया हिंदी उपन्यास ‘the नियोजित शिक्षक’ वर्त्तमान शिक्षकों की सच्चाई हैं, हालाँकि उपन्यास को कोई भी व्यक्ति पढ़ सकता है, किन्तु सरकारी ऑफिसरों और नेताओं को यह उपन्यास जरूर पढ़ना चाहिए, ताकि वे लोग शिक्षकों के दर्द और ज़िंदगी के बारे में जान सके।
मैं जैसे-जैसे उपन्यास के अंदर भ्रमण करते रहा, वैसे-वैसे मुझे लगने लगा कि कहीं यह मेरी कहानी तो नहीं है, लेकिन कई प्रसंग मेरी ज़िंदगी को छूती हुई आगे यूँ बढ़ गई, जैसे हवा बहती हुई निकल जाती है और तन-मन को फ्रेश कर देती।
आने वाला वक़्त में “तत्सम्यक मनु” का यह किताब ‘कालजयी’ रचनाओं के श्रेणी में होंगी, ऐसा इस शिक्षक के तरफ से कामना हैं।