नैतिक मूल्यों से व्यक्तित्व में और व्यवहार में निखार आता है-ब्रह्माकुमार भगवान भाई

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तरफ से विन्देश्वरी महाविद्यालय धवरिया साथ के तत्वधान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत परमात्मा की याद एवं स्वागत गीत के साथ-साथ दीप प्रज्वलन से किया गया। नैतिक मूल्यों से व्यक्तित्व में और व्यवहार में निखार आता है नैतिक मूल्यों का हास्य व्यक्तिगत सामाजिक, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय शारीरिक, मानसिक और आर्थिक सभी समस्याओं का मूल कारण है अगर समाज में सुधार लाना हो तो नैतिक मूल्यों की आवश्यकता है उक्त उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू के ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहा भौतिकवाद की आंधी को कम किया जा सकता है। जीवन शैली में सरलता के कारण फालतू खर्चे से बच सकते हैं उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्य की धारणा के कारण मन का संघर्ष समाप्त होता है जिसे हम चरित्रवान बन सकते हैं उन्होंने कहा कि कुसंग सिनेमा व्यसन और फैशन से युवा भटके हैं उन्होंने कहा कि व्यक्ति का आचरण भी जुबान से तेज बोलता है लोग जो कुछ आंखों से देखते हैं उसकी नकल कर बैठते हैं उन्होंने बताया कि हमारे जीवन के श्रेष्ठ मूल्यों की धारणा को देख दूसरों में परिवर्तन आ सकता है जिनमें मूल्यों की धारणा होगी वह लालच, हिंसा, स्वार्थ ,झूठ कपट का विरोध करेंगे जिससे समाज में परिवर्तन आएगा अनैतिकता का कर्म शुरू में मीठा लगता है लेकिन उसका अंत बुरा है अनैतिकता मनोबल कमजोर बनाता है उन्होंने कहा कि मूल्यों के द्वारा ही हम जीवन जीने का कौशल्य प्राप्त कर सकते हैं इससे ही हम इस भौतिक जगत में भावनात्मक रूप से जीवन जीने में सफल बन सकते हैं उन्होंने कहा कि मूल्यों के आधार से ही हम जीवन में आने वाली विपरीत परिस्थितियों का सहज ही सामना कर सकते हैं मूल्यों के द्वारा ही मस्तिष्क में रचनात्मक विचारों के कपाट खुल जाते हैं जिससे जीवन में आने वाली बाधाओं के बावजूद भी हम आगे बढ़ सकते हैं जब तक हम अपने जीवन में मूल्यों और प्राथमिकता का निर्धारण नहीं करते व अपने लिए कोई आचार संहिता नहीं बनाते तब तक हम भविष्य में आने वाली परीक्षाओं से मुकाबला करने में सफल नहीं हो सकते हैं जीवन की कुछ आचार संहिता ही मूल्य है जीवन में मूल्यों की धारणा ही व्यक्ति को मूल्यवान व महान बनाती है उन्होंने बताया कि भौतिक शिक्षा द्वारा हम रोजगार प्राप्त करने की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं परंतु परिवार में समाज में कार्यस्थल में आने वाली चुनौतियों का व परेशानियों का सामना नहीं कर पाते इसलिए भौतिक शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा की भी आवश्यकता है जिससे हम जीवन सुखमय शांतिमय बना सकते हैं समाज में अगर स्वयं को सुखी और सशक्त बनाना चाहते हो तो वर्तमान समय नैतिक शिक्षा की बहुत ही आवश्यकता है उन्होंने सभी छात्र छात्राओं को अपने संस्कारों को सरल एवं श्रेष्ठ बनाने की तरफ ध्यान रखने का आग्रह किया स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी विमला दीदी जी ने अपने उद्बोधन देते हुए कहा कि छात्राएं भावी समाज के धरोहर हैं उन्होंने अपने आप को शक्तिशाली मजबूत बनाने के लिए आध्यात्मिकता के तरफ ध्यान देने के लिए कहा कि एक समय था कि भारत की हर नारी देवी थी क्योंकि नैतिक मूल्य थे अब फिर से नैतिक मूल्यों की धारणा से पूजनीय लायक बनना है ब्रम्हाकुमारी पूजा बहन ने अपने उद्बोधन देते हुए कहा कि हमारे विद्यालय का लक्ष्य है बच्चों को संस्कारित बनाने का ब्रह्माकुमार भगवान भाई की बातों को आचरण में लाने का अनुरोध सभी छात्रों को किया और कहा मानव मूल्य का हास् होता जा रहा है मूल्यों की जागृति लाना ही शिक्षा का उद्देश्य होना जरूरी है और मंच संचालन किया
माननीय शैलेश कुमार जी अपने उद्बोधन में कहा कि ब्रह्माकुमारीज के इन शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाकर आप बच्चे देश का निर्माण कर अपने जीवन को सफल बनाएं तथा ब्रह्माकुमार भाई बहनों का आभार प्रकट किया
इस अवसर पर मुख्य रूप से जयवर्धन सिंह,शैलेश कुमार सिंह अमृता सिंह, मंजू राय उपस्थित रहे एवं शिक्षक गण तथा लगभग ४०० विद्यार्थियों ने कार्यक्रम का लाभ लिया प्रसाद वितरण एवं पत्रिका भेंट करते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया।