मिसाल-ए-मऊ

मऊ की बेटी मिर्जापुर की बहू का झारखंड में प्रोवेशन अधिकारी पर चयन

#manila rajbhar

@ आनन्द कुमार…

मऊ। लक्ष्य बड़ा हो, इरादा मजबूत हो, हौसलों में जान हो, उड़ान की अरमान हो तो ना कोई मंजिल दूर है ना कोई लक्ष्य। ना कोई कोचिंग, ना कोई पढ़ाई, ना पठन पाठन में बहुत कुछ फालतू का खर्च। घर में रहकर घर के सारे कार्य करते हुए एक शादीशुदा बेटी ससुराल और मायके दोनों को संभालते हुए अगर कोई मुकाम हासिल करती है तो यह बड़ी बात है। उसकी जितनी भी तारीफ की जाए वह कम है। कुछ ऐसा ही किया है मऊ की बेटी और मिर्जापुर की बहू मनीला राजभर ने। मऊ जनपद के हरदसपुर निवासी शीतल राजभर की पुत्री मनीला राजभर ने अपने अथक मेहनत से न सिर्फ अपने मां-बाप, परिवार, ससुराल गांव और जनपद का नाम रोशन किया है बल्कि अपनी मेहनत के बूते झारखंड में मऊ व मिर्जापुर का पताका बुलंद किया है। मनीला राजभर ने झारखंड के सिविल सेवा परीक्षा में सामान्य वर्ग में 131वां रैंक हासिल कर यह सिद्ध कर दिया कि मेहनत करने वालों की हार नहीं होती। मंजिल पर हो पैनी नजर तो वह दूर नहीं होती। इसी इरादों को मन में संजों मनीला का चयन प्रोवेशन अधिकारी के पद पर हुआ है। हाईस्कूल और इंटर बोकारो थर्मल से करने के बाद मनीला ने बायोटेक में स्नातक रांची से किया तथा एग्रीकल्चर से एमबीए रांची से किया है। एमबीए में वे गोल्ड मेडलिस्ट हैं। b.ed और एमएड की डिग्री हासिल की। वर्ष 2020 में मिर्जापुर निवासी एमबीबीएस डॉक्टर प्रदीप भारद्वाज से विवाहित होने के बाद पढ़ाई के लिए और सपने पूरा करने के लिए उनके पति व परिवार का उन्हें निरंतर सहयोग मिलता रहा जिसकी बदौलत वे इस मुकाम पर पहुंचने में कामयाब रही।
मनीला ने बताया कि मैं दो वर्ष से सिविल सेवा की तैयारी कर रही थी। मुझे दूसरी बार में यह सफलता मिली है। आगे तैयारी जारी रहेगी। उनके चयन से ओमप्रकाश राजभर, निखिल राजभर, दूधनाथ भारद्वाज, श्रीमती विमला देवी, जितेंद्र भारद्वाज, दीपमाला भारद्वाज, जयप्रकाश, संदीप भारद्वाज, शम्भू राजभर, धर्मवीर, राजेश सिंह, नम्रता, प्रियंका ने मनीला की इस कामयाबी पर बधाई दिया है और खुशी व्यक्त किया है ‌।

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आईएएस बनना है मनीला का लक्ष्य….

उनका लक्ष्य आईएएस बनना है। उन्होंने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के साथ ही अपने पति डाक्टर प्रदीप भारद्वाज को भी देते हुआ कहा कि, जिन्होंने शादी के बाद भी मेरा मनोबल बढ़ाये रखा। जिसका परिणाम है कि यहां तक पहुंच सकी हूं। अभी और सफर तय करनी है। मनीला के पिता शीतल राजभर ईस्टर्न कोलफिल्ड लिमिटेड से सेवानिवृत्त हैं, वहीं माता श्रीमती मंजू कुमारी शिक्षा विभाग में अधिकारी हैं। उन्होंने बताया कि इस सफलता के लिए ससुराल और मायका पक्ष के माता-पिता, सास-ससुर, पति व उसके दोस्तों का विशेष योगदान है।

मनीला का संदेश…

सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं आज के युवाओं को मनीला राजभर ने कहा कि सिर्फ कोचिंग पर डिपेंड नहीं रहना चाहिए। कोचिंग बूस्ट देती है खुद के ऊपर भी भरोसा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 6 माह अपने आप को दें और छ माह में अगर कुछ समझ में नहीं आता है तो फिर कोचिंग का सहारा लें। पढ़ाई की रेगुलेरिटी हमेशा बनाए रहे‌ जितना घंटा समय पढ़ाई की बनाए हैं उतना घंटा नित्य पढ़ाई होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर लक्ष्य साध कर व्यक्ति पढ़ाई करेगा तो सफलता पाने से कोई रोक नहीं सकता।

ननिहाल से मनीला का है बहुत लगाव…

मनीला राजभर अपने पैतृक जन्मभूमि मऊ जनपद के सराय लखंसी थाना क्षेत्र के हरदसपुर गांव के अलावा दूसरा घर बड़रांव ब्लाक के भेलऊर चंगेरी (पूरैना) को अपना कर्म भूमि मानती हैं। ननिहाल से उनका खूब लगाव रहा है। उनके व उनके भाई की शादी भी वहीं से हुई है। वहां मामा मामी आदि पूरे परिवार से उनका काफी लगाव है।

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