मिसाल-ए-मऊ

मऊ के ‘स्वदेश’ का पूरे देश में छात्रों के उज्जवल भविष्य और शिक्षा के क्षेत्र में है बड़ा योगदान

स्वदेश कुमार सिंह

( आनन्द कुमार )

किसी भी राष्ट्र का भविष्य उस देश के छात्रों पर निर्भर करता है, क्योंकि छात्र ही देश की उन्नति को दिशा देते हैं, ऐसे में उन छात्रों को सही मार्गदर्शन मिले तो ना सिर्फ छात्रों का उज्जवल भविष्य होगा बल्कि सशक्त राष्ट्र का निर्माण भी होगा। और आज हम मिसाल-ए-मऊ में आपको एक ऐसे ही जौहरी से मिलाएंगे जो देश के होनहारों को तराशने कि ज़िम्मेदारी बखूबी निभा रहा है।
कड़ी मेहनत एवं लगन से सब कुछ हासिल किया जा सकता है, ये तो आपने सुना ही होगा लेकिन आज हम आपको इस उक्ति के जीते जागते उदाहारण से मिलवाने जा रहे हैं। जिनका शुभ नाम है स्वदेश कुमार सिंह सीईओ जीआईएमएस।

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के भदीड़ गांव में एक साधारण परिवार में जन्मे स्वदेश कुमार सिंह एक अच्छे छात्र के रूप में जाने जाते हैं, अपनी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा गांव में ही पूरी करने के बाद स्वदेश, अभियांत्रिकी की पढ़ाई करने उत्तर प्रदेश के औद्योगिक नगर नोएडा आ गए उस समय नोएडा एक उभरता हुआ क्षेत्र था स्वदेश ने बी.टेक. कोर्स के पूर्ण होने उपरांत पढ़ाई जारी रखने का निर्णय लिया एवं प्रतिष्ठित मेवाड़ विश्वविद्यालय से एम.टेक. की उपाधि प्रथम श्रेणी में अर्जित की।

उच्च शिक्षा के वर्षों में स्वदेश सिंह ने महसूस किया की सुदूर क्षेत्रों से आने वाले छात्रों को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसमे सबसे प्रथम समस्या थी उच्च शिक्षा के लिए एक अच्छे संस्थान की तलाश करना। वही शिक्षा संस्थानों को भी कई तरह का संघर्ष जैसे छात्रों की चयन प्रक्रिया को सरल परन्तु गुणवत्ता पूर्ण बनाना, संस्थान के संसाधनों का समुचित उपयोग छात्रों हित में करना इत्यादि शामिल थी।

स्वदेश सिंह ने इन सभी समस्याओं के निवारण को ही अपना लक्ष्य बना लिया, वो चाहते तो उद्योग जगत में किसी सुविधापूर्ण नौकरी का चयन कर सकते थे अपितु स्वदेश कुमार सिंह ने अपने छात्र बंधुओं के उत्थान को ही चुना। विगत 14 वर्षो में वे 350 से भी ज्यादा शैक्षिणिक गोष्ठियों का आयोजन कर चुके है। इतने संभ्रांत एवम निपुण होते हुए भी स्वदेश कुमार सिंह को आप सदैव ही विनम्र पायेंगे। वे आज जीएनआईओ इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनज्मेंट स्टडीज़ (जी॰आई॰एम॰एस॰) संस्थान ग्रेटर नॉएडा के सीईओ के रूप में कार्यरत हैं। इसके बावजूद छात्रों की छोटी से छोटी समस्या के निवारण के लिए उपलब्ध रहते हैं और परस्पर छात्रों को शिक्षित करना ही नहीं नौकरी दिलाना प्रथम उद्देश रहता है। मऊ के स्वदेश कुमार सिंह आज सफलता का पर्याय बन चुके है उनकी अथक मेहनत के कारण ही उनके संस्थान के कई छात्र प्रतिष्ठित कम्पनियों में अच्छे पैकेजेस एवं सम्मानजनक पदों को अर्जित कर चुके हैं।

स्वदेश सिंह संपूर्ण उत्तर भारत के हाई परफार्मिंग शिक्षाविदों में गिने जाते हैं उनके बारे में ये प्रसिद्ध है की वे जिस भी संस्थान के साथ जुड़ते हैं उस संस्थान के शिक्षा मानदंड एवं व्यवस्थापनीय मापदंडों को कुछ ही समय में उत्कृष्ता के शिखर पर पहुँचा देते हैं। यही वजह है की स्वदेश सिंह को उत्तर भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों में विशेष सम्मान प्राप्त है। स्वदेश कुमार सिंह कई शैक्षणिक संस्थानों एवम विश्विद्यालयों में अतिथि एवं सलाहकार के रूप में अपनी सेवाएं देते रहते हैं।

स्वदेश कुमार सिंह शिक्षक वर्ग के हितों की रक्षा हेतु भी सक्रिय रहते हैं और इसी कारण उन्होंने अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष (तकनीकी शिक्षा) के पदभार को ग्रहण करना स्वीकार किया है। स्वदेश कुमार सिंह को विभिन्न संस्थानों की ओर से बहुत बार सम्मानित किया जा चुका है इन सम्मानों में प्रमुख राज्यपाल गोवा द्वारा प्रदत्त उत्कृष्ट शिक्षा एवम करियर सलाहकार पुरस्कार एवं शिक्षा तथा सामाजिक सेवा क्षेत्र में सेवाओं लिए शिक्षक सम्मान समारोह में राष्ट्रीय अवार्ड से 3 बार सम्मान इत्यादि प्रमुख हैं।

इस कठिन दौर में जब छात्र अपने भविष्य के लिए एवं उच्च शिक्षा के निर्धारण हेतु अति चिंतिति है ऐसे में हमने स्वदेश सिंह से छात्रों के लिए उत्तम सलाह मांगी जिस पर अपनी चिर-परचित मुस्कान के साथ स्वदेश सिंह ने कहा “छात्र देश का भविष्य ही नहीं बल्कि भविष्य निर्माण करता भी हैं जहाँ कुछ लोग इस कालखंड को लेकर चिंतित हैं वही इस कालखंड को एक बहुत ही उत्तम अवसर की तरह भी लिया जा सकता है छात्रों को चाहिए की वे एक सही संस्थान में प्रवेश लेने के उपरांत अपने संपूर्ण प्रयास को ज्ञानअर्जन एवं स्किल डेवलपमेंट पर केंद्रित कर दें क्यूँकि भारत में उद्योगों को 2 तरह के युवा मिलते हैं एक)-शिक्षित 2)-उत्कृष्ट कॉर्पोरेट रेडी प्रतिभावान युवा। दूसरी श्रेणी के युवाओं की बहुत मांग है एवं आप जितनी जल्दी अपने आप को दूसरी श्रेणी में ले आएंगे उतनी ही जल्दी सफलता आपके कदम चूमेगी”

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