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प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना : पौष्टिक आहार व स्वास्थ्य देखभाल के लिए मिलते हैं 5 हजार

■ योजना का लाभ लेने के लिए केवाईसी कराना आवश्यक

■ हेल्प लाइन 7998799804 पर काल कर लें योजना की पूरी जानकारी

मऊ। पहली बार मां बनने वाली गर्भवती महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत तीन किस्तों में 5000 रुपए देने की योजना वरदान साबित हो रही है। इस योजना का उद्देश्य गर्भवती और गर्भस्थ शिशु को पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ श्याम नरायन दुबे ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य पहली बार गर्भवती हुई महिला इस अवस्था में पर्याप्त पोषक आहार ले सके जिससे कि जच्चा और बच्चा स्वस्थ रहे और एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके, इसीलिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत उसके खाते में तीन किस्तों में 5,000रु दिए जाते हैं।

डॉ एसएन दुबे ने बताया कि इस योजना से सम्बंधित सभी लाभार्थी अपने बैंक में जाकर अपने खाता का नो योर कस्टमर (KYC) अवश्य करा लें। एक बार लेन-देन अवश्य कर लें। ताकि लाभार्थियों को आसानी से इस योजना का लाभ मिल सके।
उन्होंने ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा 14 अगस्त 2021 तक 51,101 लाभार्थियों को डीबीटी (DBT) के माध्यम से सीधे उनके खाते में रुपया भेजा जा चुका है।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ पाने के लिए लाभार्थी अपने खाते में केवाईसी (नो योर कस्टमर) अवश्य करायें…

जिला कार्यक्रम समन्वयक (पीएमएमवीवाई) विवेक कुमार सिंह ने बताया कि इस योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को पोषण के लिए 5,000 रुपये का लाभ तीन किश्तों में दिया जाता है। पंजीकरण कराने के साथ गर्भवती महिला को पहली किश्त के रूप में 1,000 रुपये दिए जाते हैं। गर्भावस्था के छह माह बाद जांच कराने पर दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने, बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने पर तीसरी किश्त में 2000 रुपये दिए जाते हैं। कुल तीन किस्तों में 5 हजार रुपये की धनराशि खाते में डीबीटी के माध्यम से दी जाती है।

विवेक कुमार सिंह ने बताया कि पीएमएमवीवाई का हेल्प लाइन नम्बर 7998799804 भी जारी किया गया है। कोई भी लाभार्थी  उक्त हेल्पलाइन नम्बर पर फोन कर योजना से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकता है। साथ ही लाभार्थियों को किसी तरह की समस्या आये तो वह अपने नजदीकी ब्लाक के सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य चिकित्सा अधीक्षक व बीसीपीएम तथा बीपीएम से सम्पर्क कर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

कैसे मिलेगा योजना का लाभ…

सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत प्रभारी चिकित्साधिकारी की निगरानी में गांव व वार्ड की आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी, एएनएम, बीसीपीएम/बीपीएम के माध्यम से फार्म भरा जाता है। लाभार्थियों को इस योजना का लाभ पाने के लिए मुख्य रूप से मातृ एवं शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड, गर्भवती महिला व उसके पति का आधार कार्ड तथा लाभार्थी के खाता की पासबुक की फोटो कॉपी तथा बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र फार्म भरते समय जमा करना होता है।

फोन पर कोई भी लाभार्थी न बताये खाता संख्या या ओटीपी…

फोन पर यदि कोई ब्यक्ति किसी तरह का खाता का डिटेल या ओटीपी मांगे तो कोई भी लाभार्थी  कदापि न दें। क्योकि पीएमएमवीवाई योजना से जुड़े कोई भी अधिकारी कर्मचारी द्वारा फोन पर खाता या ओटीपी सम्बन्धी कोई जानकारी नही मांगी जाती है।

नगर की दसई पोखरा निवासी पूनम गौड़ और निशा का कहना है कि इस योजना के द्वारा उन्हें जब पहली किस्त मिली उनके जीवन में बहुत सहायक हुआ जिसके चलते उन्होंने अपने पेट में पल रहे बच्चे के पोषण के लिए उचित पोषण युक्त पदार्थों का सेवन किया, अब वह और उनके उनका बच्चा दोनों स्वस्थ हैं यह सरकार की योजना बहुत ही अच्छी है।

अईलख ग्राम की निवासी पूजा सिंह और शिल्पी सिंह का कहना है कि इस योजना ने आशा के माध्यम से उन्हें पोषण युक्त आहार लेने की जानकारी उपलब्ध कराया, साथ उन्हें इस अवस्था में आर्थिक सहायता के रूप में सहायक सिद्ध हुई, इस तरह की योजना हमारी तरह की महिला के जीवन में आर्थिक और जानकारी के रूप से बहुत सहायक सिद्ध हो रही है।

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