प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना पखवाड़ा का आगाज 01 सितंबर से
■ एएनएम, आशा संगिनी व आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर, पात्र लाभार्थियों का भरवाया जाएगा आवेदन पत्र- डीपीसी योजना के अंतर्गत तीन किस्तों में 5000 रुपये की धनराशि जाती है सीधे खाते में
■ पीएमएमवीवाई का हेल्प लाइन नम्बर है 7998799804 जनपद में अब तक 51,523 लाभार्थियों को मिल चुका है लाभ
मऊ। केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा 1 सितंबर से 7 सितंबर 21 तक पूरे प्रदेश में प्रधानमंत्री मातृ वंदना (पीएमएमवीवाई) सप्ताह पखवाड़ा मनाए जाने का निर्देश दिया गया है। इस सम्बंध में सभी चिकित्सा अधीक्षक व अन्य सम्बंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि सभी एएनएम, आशा संगिनी व आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर पहली बार मां बनने वाली पात्र गर्भवती महिलाओं का आवेदना पत्र भरवाया जाना है। जिससे कि शत-प्रतिशत पात्र लाभार्थियों तक इस योजना का लाभ पहुंच सके। जनपद में अब तक 51,523 लाभार्थियों के सापेक्ष 20,89,79000 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजा जा चुका है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ श्याम नरायन दुबे का।
योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक विवेक कुमार सिंह ने कहा कि 1 सितंबर से 7 सितंबर 2021 तक मातृ वंदना पखवाड़ा पूरे यूपी में मनाए जाने का निर्देश केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा दिया गया है। इसकी समीक्षा केंद्र व राज्य स्तर के अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन की जायेगी। इस योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को पोषण के लिए 5,000 रुपये का लाभ तीन किश्तों में दिया जाता है। पंजीकरण कराने के साथ गर्भवती को पहली किश्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने पर तीसरी किश्त में 2000 रुपये दिए जाते हैं। तीन किस्तों में 5000 रुपये की धनराशि खाते में डीबीटी के माध्यम से दी जाती है। इस योजना का लाभ मिल चुका है। विवेक कुमार सिंह ने बताया कि इसके साथ ही पीएमएमवीवाई का 7998799804 हेल्प लाइन नम्बर भी जारी किया जा चुका है। कोई भी लाभार्थी उक्त हेल्पलाइन नम्बर पर फोन कर योजना से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते है। साथ ही लाभार्थियों को किसी तरह की समस्या आये अपने गाँव की आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी, एएनएम तथा अपने नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक व बीसीपीएम से सम्पर्क कर सकते है। यह योजना पूरी तरह निःशुल्क है। इस योजना का लाभ पाने के लिए लाभार्थी व पति का आधार कार्ड, खाता पासबुक, एमसीपी कार्ड तथा बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।