रचनाकार

अरे मियां मरदवां देहाती तूही हऊवां

मनोज कुमार सिंह…

अरे मियां मरदवां देहाती
अबभीन तक रह गइला
सुच्चा खांटी भुच्चड देहाती
कबले रहबा निपट निरक्षर देहाती,
ऊंचे-ऊंचे पेड़ों पर लहराला फहराला ,
आम अमरूद अखरोट सेब संतरा
अऊर तरह-तरह के मौसमी फल
हर तरह के कन्द मूल फल के तुहीं
तोड़ तोड़ के मंत्री विधायक सांसद अऊर
हर रसूखदार के दस्तरखान पर सजावेला
मंत्री विधायक सांसद अऊर रसूखदार लोग
पेड़ पर चढ़ के एक्को सेब संतरा नींबू आम
ना तोड़ें पइये ।
जाड़ा पाला गर्मी बरसात कौनौ हो मौसम
तरह-तरह के मछली केकड़ा पकड़ल तूही
जाने ल मियां मरदवां देहाती, पर
मछली क स्वाद केहु अऊर लेला
तोहरे पकड़ल मछली, केकड़ा से सजेला
टू स्टार,त्रिस्टार फाइव स्टार क
बेहद लज़ीज़ दस्तरखान,
पूंजीपति धन्नासेठ अऊर सुविधापरस्त लोग
मुर्गा मुर्गी तीतर बटेर पकड़त में हांफे लगइहे,
मिल्खा सिंह और पीटी ऊषा नीयर करिश्मा
दिखा के अरे मियां मरदवां देहाती तूही
पकडले ल मुर्गा मुर्गी तीतर बटेर अउर चिरई
पर एकर जूस एकरे मास क मजा लेलल
नेता विधायक मंत्री सांसद अऊर अधिकारी।
अरे मियां मरदवां देहाती तोहरही बनावल नांव से
पार उतरे ल हर तरह क नर नारी।
अरे मियां मरदवां देहाती तूही हऊवां
देश क असली निर्माता अऊर भाग्यविधाता।


अध्यक्ष – जन संस्कृति मंच मऊ
लेखक/साहित्यकार /स्तम्भकार

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