जरा याद करो कुर्बानी

मऊ के मधुबन नंदौर के स्वतंत्रता सेनानी

पूर्व विधायक स्वर्गीय श्री विष्णुदेव गुप्त

@ राजकुमार मल्ल…

स्वतंत्रता दिवस जब भी आता मन में उल्लास के साथ पुरानी यादें भी हमेशा बनी रहती । मधुबन में हर 15 अगस्त को मेला लगता रहा शहीदों की याद में। इस मेले में अपने बाबा के साथ बचपन में याद नही कितने छोटे थे तबसे जाते रहे। हर दल का अपना मंच होता नेताजी लोग भाषण देते इस दिवस पर। हमारे गाँव नन्दौर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय श्री नन्दलाल मल्ल, स्वर्गीय श्री लाली गडेरी, प्रथम क्लास के समाजवादी नेता पूर्व विधायक स्वर्गीय श्री विष्णुदेव गुप्त जी। 15 अगस्त 1942 के मधुबन थाना कांड में हमारे दोनों बड़ेबाबा स्वर्गीय श्री नन्दलाल मल्ल मेरे बाबा स्वर्गीय श्री चन्द्रबली मल्ल व स्वर्गीय श्री लाली गडेरी अनय लोग गाँव के बहुत लोगो के साथ थाना पर विरोध / फुंकने इक्कठा हुए । अंग्रेज और उनके पुलिस बल के साथ जब लड़ाई लगी तो गोली चलने लगी लोग भागने लगे।

स्व. नंदलाल मल्ल

उस समय लोगो श्री शिवराज मल्ल 14 साल की उम्र में पहुचे थे अचानक जब गोली चली तो सामने से बाबा ने इनको दूर फेक कर बचाया। इस आन्दोलन में बहुत लोग शहीद हुए। जब मामला शांत हुवा तो अंग्रेजो का जुल्म बढ़ गया। हमारे बाबा लोगो को पुलिस तलास करने लगी। 1942 अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बिगुल मधुबन में बज गया था, थाना घेराव के बाद अंग्रेज हुकूमत सामिल लोगो के खिलाफ गांव गांव खोज अत्यचार करने लगे , हमारे दोनों बाबा स्वंतत्रता संग्राम की लड़ाई में शामिल थे। गांव के एक विभीषण ने मधुबन थाने में मुखबिरी कर दी, पुलिस बड़े बाबा स्वर्गिय श्री नंद लाल मल्ल 2 साल जेल में स्वंतत्रता संग्राम की लड़ाई में 1942 से 1944 तक आजमगढ़ रहे। थाना घेराव आंदोलन में गाँव आसपास दर्जनों लोग का झुंड गया था, उस समय किशोरावस्था में शिवराज मल्ल भी साथ गये थे, पुलिस वाले गोलियां चलाने लगे, शिवराज मल्ल एक रेंज में आ गये, बाबा की नजर जब पड़ी उंन्होने उठा कर दूर उन्हें धकेला दोनों लोजी बचे, वँहा से सब लोग निकले।


थाना फूकें जाने के बाद अंग्रेजो ने अत्याचार बढा दिया।
बाबा को खेत से दरोगा ने पकड़ लिया, सिपाह के पास दरोगा बीच पहलवानी ह्यूई, दरोगा को बाबा ने ललकारा एक आदमी को इतने सारे सिपाही के दम पर पकड़ रहे दम हो तो अकेले लड़ कर दिखाओ, दरोगा को बात लग गई, दरोगा लड़ने पर तैयार होगया दरोगा को बाबा पटक कर और उनके चुंगुल से चकमा देकर निकल लिए, पुलिस की बौराहट निन्सल का अत्याचार बढ़ गया उंन्होने हमारा घर जलवा दिया , जानवरों की नीलामी करवा दिया, घर से सभी लोग दूसरे जगह शिफ्ट हो गये, छोटे बाबा स्वर्गीय चंद्रबली मल्ल पुलिस ने पकड़ लिया! गाँव में हमारा घर अंग्रेजो ने आग के हवाले कर दिया । एक विभीषण रूपी व्यक्ति ने बाबा लोगों की मुखबिरी अंग्रेजो से की । पुलिस ने बाबा को पकड़ लिया फिर बड़े बाबा सामाने आये त्याग का परिचय देते हुए सारा इल्जाम अपने उपर ले लिया छोटे बाबा को बचा लिया। स्वयं जेल चले गये। करीब 2 बर्ष जेल में बिताये। जेल से वापस आने के बाद तक आजाद भारत होने तक हमारा परिवार गाँव अंग्रेज मधुबन के निशाने पर रहा। जय हिन्द। स्वंत्रता दिवस की ढेरों शुभकामनायें बधाई।

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