मिसाल-ए-मऊ

मऊ के डा. विश्वजीत सिंह को डीएम NEET SS में भारत में 28वां रैंक

Dr. Vishwajit Singh of Mau ranked 28th in India in DM NEET SS

आनन्द कुमार…

मऊ। इरादे मजबूत हो और लक्ष्य पर पैनी नजर हो तो मंजिल मिलता ही मिलता है। इन्हीं इरादों और लक्ष्य की बदौलत मऊ के विश्वजीत सिंह ने चिकित्सा के क्षेत्र में ऐसा विश्वास जीता है कि आने वाले कल में मऊ के लिए डीएम कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में चिकित्सक मिलना तय है। मऊ के विश्वजीत ने डीएम NEET SS की प्रवेश परीक्षा में भारत में 28 वां रैंक लाकर मऊ का मान बढ़ाया है और अपना मऊ के मिसाल-ए-मऊ मऊ कारवां में शामिल होकर मऊ का नाम रोशन किया है।

Dr. Vishwajit Singh of Mau ranked 28th in India in DM NEET SS

मऊ के वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर ओपी सिंह के बड़े पुत्र डॉ विश्वजीत सिंह डीएम DM NEET SS की प्रवेश परीक्षा में देश में 28 वां रैंक लाने और उनके इस सफलता पर परिवार सहित पूरा मऊ गदगद है और उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
हाईस्कूल बिड़ला पब्लिक स्कूल, पिलानी, राजस्थान तथा इंटरमीडिएट लिटिल फ्लावर चिल्ड्रन स्कूल मऊ से करने के बाद विश्वजीत सिंह ने एमबीबीएस बीएचयू से तथा एमडी कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मणिपाल से करने के बाद विश्वजीत से डॉक्टर विश्वजीत बन गए तथा डीएम नीट एसएस की प्रवेश परीक्षा में जब रिजल्ट आया तो उन्हें पूरे भारत में 28 वां स्थान मिला जो मऊ के लिए गौरव की बात है। उनके बाबा राम मूरत सिंह इंजीनियर थे एवं दादी स्वर्गीय शिवदासी सिंह गृहणी, मूल रूप से चंदौली जनपद के रामपुर कला के रहने वाले हैं।

Dr. Vishwajit Singh of Mau ranked 28th in India in DM NEET SS

उनकी माता श्रीमती सुमन सिंह हाउसवाइफ है एवं एक छोटा भाई विप्लव सिंह इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए तैयारी कर रहा है विश्वजीत ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पापा डॉक्टर ओपी सिंह मां श्रीमती सुमन सिंह व चाचा रवि प्रकाश सिंह सहित गुरुजनों व शुभचिंतकों को दिया है। उन्होंने बताया कि उनके आदर्श उनके पिता हैं तथा चिकित्सा क्षेत्र इसलिए उन्होंने चुना क्योंकि क्योंकि उन्हें यह क्षेत्र अच्छा लगता है और इस क्षेत्र से जुड़कर वह समाज की सेवा करना चाहते हैं। कहां कि वे इस क्षेत्र में समाज के लिए कुछ अलग करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मऊ में डीएम कार्डियो का अभाव है इसलिए वे कार्डियो में अपनी सेवा देंगे। पहली बार में मिली सफलता पर डॉ विश्वजीत सिंह काफी प्रश्नचित और खुश हैं उन्होंने कहा कि यह सब अपनों के प्यार और मां-बाप के आशीर्वाद से ही संभव हो सका है।
उन्होंने प्रतियोगी परीक्षा या मेडिकल की तैयारी कर रहे छात्र छात्राओं को अपने संदेश में कहा कि कोई भी क्षेत्र बुरा नहीं होता है बस उस क्षेत्र में पहुंचने के लिए उसमें एक मुकाम हासिल करने के लिए व्यक्ति को इरादा और मजबूत लक्ष्य की आवश्यकता होती है सभी को इसी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

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