BSP सुप्रीमो मायावती ने अपना 69वां जन्मदिन मनाया
लखनऊ, 15 जनवरी 2025, दिन बुधवारः बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री एवं कई बार सांसद रही बहन कु. मायावती ने बुधवार को अपने 69वें जन्मदिन के शुभ अवसर पर मीडिया को सम्बोधन में कहा, जैसा कि आप लोगों को यह विदित है कि आज मेरा ख़ुद का अपना जन्मदिन है और इस शुभ अवसर पर सबसे पहले मैं मीडिया बन्धुओं को व पूरे देशवासियों को तथा बी.एस.पी. के सभी छोटे-बड़े पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं आदि को भी नववर्ष सन् 2025 की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें देती हूँ। साथ ही कुदरत से यह भी कामना करती हूँ कि अपने देश में यह नववर्ष इन सभी की ज़िन्दगी में ख़ूब ख़ुशहाली व तरक़्क़ी लाये।
इस कामना के साथ ही अब मैं अपने जन्म दिन के सम्बन्ध में यह कहना चाहूँगी कि नववर्ष के पहले महीने में ही अर्थात् आज के ही दिन दिनाँक 15 जनवरी को पूरे देशभर में पार्टी के लोग, मेरा जन्मदिन विशेषकर इसे जन-कल्याणकारी दिवस के रूप में मनाते हैं और इस दौरान उन जन-कल्याणकारी योजनाओं के बारे में अपने लोगों को बतातें हैं, जिन्न्हें यहाँ यू.पी. में चार बार मेरे नेतृत्व में रही बी.एस.पी. की सरकार में शुरू व लागू भी किया गया है जिनसे फिर यू.पी. के ख़ासकर ग़रीबों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों, मुस्लिम व अन्य अक़लियतों की स्थिति में (अधिकांशः मामलों में) काफी बदलाव भी (सुधार) आया है और अब उन योजनाओं की देश में दूसरी पार्टियों की राज्य सरकारें भी काफी नकल कर रही है, लेकिन इन लोगों के प्रति उनकी नीति व नीयत साफ नहीं होने की वजह से फिर ये सरकारें इन्हें कोई विशेष लाभ नहीं दे पा रही हैं। इतना ही नहीं,बल्कि मेरी सरकार द्वारा यहाँ मज़दूरों, बेरोज़गारों, किसानों, व्यापारियों व अन्य मेहनतकश लोगों के साथ ही, युवाओं, छात्राओं, महिलाओं, बुजुर्गों एवं विकलांगों आदि के हितों में भी अनेकों नई-नई जनकल्याणकारी योजनायें शुरू व लागू भी की गई है, जिनसे इन्हें काफी लाभ पंहुचा है और जिनसे प्रेरित होकर अब पार्टी के लोग यहाँ फिर से यू.पी. में व यू.पी. की तरह पूरे देश में भी ऐसी ही जन-कल्याणकारी सरकार बनाने के लिए पूरे जी-जान से लगे हैं और यदि इसके लिए पार्टी द्वारा किये गये कार्यों के प्रति इनकी पूरी ईमानदारी व निष्ठा आदि होती है तो फिर यही मेरे जन्मदिन पर इनका हमेशा यह विशेष तोहफा भी होगा।
इस उम्मीद के साथ ही अब मैं अपनी पार्टी के ऐसे सभी छोटे-बड़े पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं एवं शुभचिन्तकों आदि का भी हार्दिक दिल से आभार एवं शुक्रिया अदा करती हूँ जो इसी सोच व धारणा के तहत् ही मेरा जन्म-दिन मना रहे हैं। साथ ही इस अवसर पर परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर काशीराम के कारवां को आगे बढ़ाने लिए बी.एस.पी. को पूरे तन, मन,धन से सहयोग करने का अपना संकल्प भी दोहरा रहे हैं और अब उनका बढ़-चढ़ कर यही नारा है ’’बाबा साहेब का मिशन अधूरा-बी.एस.पी. करेगी पूरा, बहनजी करेंगी पूरा’’ जो बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के धनबल पर नहीं बल्कि बहुजन समाज के गरीब एवं अन्य स्वाभिमानी मेहनतकश समाज के लोगों के खून-पसीने की कमाई के अंशदान से ही पूरा होगा। इसके साथ ही अब मैं अपने जन्म-दिन के इस खास मौके पर भी देश में विशेषकर अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गों में, समय-समय पर जन्में, अपने उन सभी महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों में भी खासकर महात्मा ज्योतिबा फूले, श्री छत्रपति शाहूजी महाराज, श्री नारायणा गुरू, परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर कांशीराम आदि को भी पूरे तहेदिल से नमन् एवं आदर-सत्कार करती हूँ जिन्होंने अपनी पूरी जिन्दगी इन वर्गों के लोगों को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए समर्पित की है और जिनके अधूरे रहे कारवा को आगे बढ़ाने लिए अब मेरी भी पूरी जिन्दगी लगी है जिससे प्रभावित होकर ही मान्यवर कांशीराम के जीते-जी से ही पूरे देश में पार्टी के लोग आज के ही दिन अर्थात् हर वर्ष 15 जनवरी को मेरा जन्मदिन काफी उत्साह के साथ व इसे प्रेरणा एवं जन-कल्याणकारी दिवस के रूप में बहुत ही गर्व व हर्ष के साथ मनाते है। और इस बार भी ये लोग मेरे 69वें जन्मदिन को हमेशा की तरह इसे मिशनरी भावना से जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मना रहे हैं जिनकी मैं पूरे तहेदिल से आभारी भी हूँ। और इस मौके पर मैं भी अपनी जिम्मेवारी एवं दायित्व को समझते व निभाते हुये अपनी पार्टी व मूवमेन्ट के हित में पार्टी के लोगों को हमेशा की तरह, इस बार भी सावधानी के तौर पर उन्हें यह आगाह करना चाहती हूँ कि पिछले कुछ वर्षों से बी.एस.पी. के विशेषकर दलित बेस वोट को कमजोर करने व उसे तोड़ने के लिए अब यहाँ कांग्रेस, बीजेपी, सपा व अन्य जातिवादी पार्टियाँ भी आयदिन किस्म-किस्म के साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों हथकण्डे इस्तेमाल कर रही है जिनसे इन्हें कदम-कदम पर जरूर सावधान रहना है।
हालांकि इस मामले में, मैं भी इन्हें समय-समय पर काफी सचेत करती रहती हूँ वरना ये सभी जातिवादी पार्टियां इन्हें कभी भी सत्ता में आसीन नहीं होने देंगी, और इसके बिना इन्हें बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अथक प्रयासों से, भारतीय संविधान में मिले कानूनी अधिकारों का सही से पूरा लाभ नहीं मिल सकता है। खासकर सरकारी नौकरियों में तो इनके आरक्षण को इन्होंने कोर्ट कचहरीकी आड़ में काफी हद तक निष्प्रभावी (प्रभावहीन) ही बना दिया है। इतना ही नहीं बल्कि SC-ST के साथ-साथ OBC वर्गों के लोगों को भी आरक्षण एव अन्य कानूनी अधिकारों का अभी तक भी, इन्हें पूरा लाभ नहीं दिया जा रहा है। और अब कांग्रेस पार्टी तो सही समय आने पर, इनके आरक्षण को ही, पूरेतौर से खत्म करने में लगी है। जिसका यह एलान भी कर चुके है। ऐसे में कदम-कदम पर कांग्रेसी नेताओं द्वारा संविधान को दिखाना व नीले कपड़े आदि पहनकर किस्म-किस्म की नाटकबाजी करना यह सब यहाँ दलितों एवं अन्य उपेक्षित वर्गों के साथ इनका छलावा व ढोंग नही है तो ओर क्या है? इस पर भी इन लोगों को जरूर ध्यान देना है जबकि देश में बीएसपी मूवमेन्ट के कारण दलितों एवं अन्य उपेक्षित वर्गों में परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर व उनके निर्मित किये गये, मानवतावादी संविधान के प्रति आई जागृति व सत्ता संघर्ष हेतु आई चेतना आदि के कारण अब विशेषकर दलित एवं आदिवासियों के वोटों को हथियाने में इन सभी विरोधी पार्टियों में उनके चहेते बनने की काफी होड़ लगी हुई है किन्तु उनका हक छीनने में अभी भी कोई पार्टी पीछे नहीं है अर्थात् ये सभी पार्टियां एक ही थैली के चट्टे-बट्टे है। और जिस प्रकार से जातिवादी सोच व द्वेष के तहत चलकर कांग्रेस पार्टी की सरकारों में बाबा साहेब सहित बहुजन समाज के सभी महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों का हर स्तर पर उपेक्षा व अनादर किया गया है। तथा उनके अनुयायियों की हर स्तर पर अवहेलना की गयी है वह किसी से भी छिपा नहीं है और ना ही दलित एव अन्य उपेक्षित वर्गों के लोग उसे कभी भुला सकते हैं। और इस मामले में भाजपा व उनकी सरकारें भी कोई पीछे नहीं हैं बल्कि जिस प्रकार से इस पार्टी के वरिष्ठ मंत्री ने संसद में बाबा साहेब का अपमान किया है और उसका अभी तक भी इन्होंने पश्चाताप नहीं किया है, तो उससे अब इन वर्गों में इस पार्टी के प्रति रोष व आक्रोश कभी भी कम होने वाला नहीं है चाहे इनके वोटों के लिए यह पार्टी आयदिन कितने भी अभियान क्यों ना चलाती रहे। और इस मामले में, घोर जातिवादी चाल, चरित्र व चेहरे वाली समाजवादी पार्टी भी विशेषकर दलित वोटों के स्वार्थ में अपना रूप थोड़ा बदला दिखाने के लिए आयदिन किस्म-किस्म के हथकण्डे इस्तेमाल करने में लगी रहती है।
जबकि यूपी में इनकी सरकार में दलितों के प्रति अन्याय-अत्याचार व इनके महापुरुषों का हुआ अपमान आदि को भला कौन भुला सकता है। इससे यह स्पष्ट है कि बाबा साहेब एव उनके संविधान तथा उनके द्वारा मिले आरक्षण व अन्य संवैधानिक अधिकारों को लेकर दलितों एवं अन्य उपेक्षित वर्गों की राजनीतिक शक्ति बीएसपी से ही बन पायी है, किन्तु इनके वोटों के स्वार्थ के लिए कांग्रेस, बीजेपी व सपा आदि अब आसानी से कामयाब होने वाले नही है। जिसके लिए ये पार्टियाँ आयदिन किस्म-किस्म के हथकण्डे भी इस्तेमाल कर रही है, जिनसे इन लोगों को हमेशा सावधान रहना है।
हालाँकि इन वर्गों के साथ-साथ अन्य सभी मामलों में भी केन्द्र व राज्य सरकारों की अधिकांशः चल रही गलत नीतियों एव गलत कार्यप्रणाली की वजय से ही अब देश की जनता काफी ज्यादा दु:खी व परेशान है। जो ये आयदिन ऐसी सरकारों के विरूद्ध काफी आवाज भी उठा रहे हैं। जिनसे भी अब कोई हल नहीं निकल पा रहे है। यह भी बड़ी चिन्ता की बात है। रोटी-रोजी के नये-नये नियम-कानून बनाकर उनकी आड़ में भी, यहां बेरोजगारों को वर्षों तक नौकरियों से वंचित रखा जा रहा है। फिर चुनाव में उनका मुंह बन्द करने के लिए इनको किस्म-किस्म के लुभावने वायदे कर दिये जाते हैं जिनसे इन्हें अभी तक कुछ भी हासिल नहीं हो पा रहा है। जबकि यू.पी. में हमारी पार्टी की चार बार रही सरकारों में हमने खासकर गरीब एवं बेरोजगार लोगों को किस्म-किस्म के लुभावने वायदे ना करके उन्हें सरकारी व गैर-सरकारी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रोटी-रोजी के साधन उपलब्ध कराये हैं, जिनसे आप सभी अवगत हैं। लेकिन दुःख इस बात का है कि चुनाव में भोली-भाली जनता अपनी पार्टी के इन सब कार्यों को भुलाकर विरोधी पार्टियों की गारन्टी व लुभावने वायदों आदि के बहकावे में आकर पुनः ऐसी सरकारों को सत्ता में ले आते है , जिनकी शुरू से ही कथनी व करनी में काफी अन्तर रहा है।
इसके साथ-साथ देश में दलितों, आदिवासियों व अन्य पिछडे़ वर्गों को अब खासकर सरकारी नौकरियों में उन्हें आरक्षण का भी पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। अर्थात् अब इनकी यह सुविधा ना के बराबर ही रह गई है। मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोग भी, हर मामले में अब अपने आपको काफी असुरक्षित ही महसूस कर रहे है, जिससे इनका विकास भी रूका हुआ है। केन्द्र व राज्य सरकारों की भी गलत आर्थिक नीतियों के कारण, आयदिन देश में गरीबी बेरोजगारी एवं महंगाई आदि भी काफी ज्यादा बढ़ रही है। जिससे विशेषकर यहाँ गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोग सबसे ज्यादा परेशान व दुःखी है। ऐसे में अब मैं अपने जन्म-दिन के मौके पर सर्वसमाज के लोगों मे से खासकर दलित एवं अन्य उपेक्षित वर्गों के लोगों से यही कहना चाहती हूँ। कि इन्हें अपनी सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए, अब बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर कांशीराम आदि के बताये हुये रास्तों पर ही चलना होगा, वरना इनकी जिन्दगी सदियों पुरानी यहाँ गुलाम व लाचार ही बनकर रह जायेगी जिससे बचने के लिए अब इन वर्गों के लोगों को एकजुट होना व सत्ता में आना बहुत जरूरी है साथ ही इसके लिए इनको कांग्रेस, बीजेपी व अन्य जातिवादी पार्टियों के सभी हथकण्डों से हमेशा ही सावधान रहना है। जिनके बारे में, समय-समय पर मैं खुद भी अपने लोगों को सचेत करती रहती हूँ। और अब मेरा यही कहना है कि यदि हमारी पार्टी के लोग हर स्तर पर सावधानी बरतते हुये अपनी पार्टी व मूवमेन्ट को आगे बढ़ाते हैं। साथ ही समय-समय पर, जो भी इन लोगों को पार्टी से सम्बन्धित जरूरी कार्य व दिशा-निर्देश आदि दिये जाते हैं। और यदि वे समय से उन पर पूरी ईमानदारी व निष्ठा से अमल करते हैं और अपनी पार्टी व मूवमेन्ट को हर चुनौती का मुकाबला करके, उस आगे बढ़ाते हैं। तथा सत्ता में भी लाते है। तो तभी फिर यहां अपने लोग विकसित हो सकते हैं तथा वे आत्म-सम्मान एवं स्वाभिमान की भी जिन्दगी व्यतीत कर सकते हैं। जो इस समय बहुत जरूरी है।
इन्ही जरूरी बातों के साथ ही अब मैं हर वर्ष की तरह, इस वर्ष भी, आज अपने जन्म-दिन के मौके पर मेरे नेतृत्व में अपनी पार्टी व मूवमेन्ट की एक वर्ष की अवधि में जो भी गतिविधियां रही हैं। जिनका पूरा लेखा-जोखा व विवरण मेरी किताब (पुस्तक) मेरे संघर्षमय जीवन एवं बी.एस.पी. मूवमेन्ट का सफरनामा (A Travelogue of My Struggle Ridden Life and BSP Movement – ए ट्रेवेलोग ऑफ माई स्ट्रगल-रिडेन लाइफ एण्ड बी.एस.पी. मूवमेन्ट) में हिन्दी व अंग्रेज़ी में वर्णित किया गया है। और यह पुस्तक पार्टी से जुड़े रहे खासकर नयी युवा पीढ़ी को सही मार्गदर्शन देने का कार्य करेगी तथा इसमें बी.एस.पी. का वास्तविक इतिहास भी निहित (दर्ज) है। जो आगे आने वाली पीढ़ी के लिए भी बहुत जरूरी है। और अब मैं इस अति-महत्वपूर्ण पुस्तक के 20वें हिन्दी व अंग्रेजी संस्करण का विमोचन करूँ।
लेकिन उससे पहले मैं देश की राजधानी दिल्ली में, इस समय यहां धानसभा के लिए हो रहे आमचुनाव में, जिसमें BSP भी पूरी तैयारी व दमदारी के साथ अकेले यह चुनाव लड़ रही है। और जिनसे मुझे यह उम्मीद है कि इस बार, चुनाव में, हमारी पार्टी पहले से बेहत्तर परिणाम जरूर लायेगी। वशर्ते यदि यह चुनाव पूरे तौर से j ls Free and Fair और EVM में कोई गढ़बढ़ी व धांधली आदि नहीं की जाती है, जैसा कि अधिकांशः पार्टियाँ, इसकी अशंका भी जता रही हैं। साथ ही आप लोगों को यह भी मालूम है कि इस चुनाव में कांग्रेस, बीजेपी व आम आदमी पार्टी, पूर्व की तरह, इस बार भी जनता को अनेकों लुभावने वायदे व गारन्टी आदि देकर यह चुनाव लड़ रही है। जिसमें काफी होड़ मची हुई है जबकि इन पार्टियों ने यहाँ कई बार सत्ता में रहकर अपने किसी भी चुनावी वायदे को पूरा नहीं किया है। इतना ही नहीं बल्किी दिल्ली में अपनी रोटी-रोजी के लिए बड़ी संख्या में खासकर नजदीक के राज्यों से और उसमें भी यू.पी. व बिहार से आकर अधिकांशः झुग्गी, झोपड़ियों में बसे लोगों के साथ तो यहाँ इन सभी विरोधी पार्टियों की रही सरकारों नें, हर स्तर पर इनके साथ काफी सौतेला रवैया अपनाया है।
कोरोना काल में तो इनके साथ काफी बुरा बर्ताव किया गया है, जिसकी जानकारी आप सभी को है इसके साथ ही दिल्ली के गवरनेन्स को लेकर आप पार्टी की दिल्ली सरकार व केन्द्र सरकार भी कोई कम नहीं है और कांग्रेस पार्टी तो इन दोनों की जननी है। जबकि व्यापक जनहित व जनकल्याण के मामले में सर्वसमाज का हित बी.एस.पी. में ही निहित व सुरक्षित है , यह सभी जानते हैं और इसीलिए दिल्ली विधानसभा आमचुनाव में सभी लोग बहुत सोच-समझ कर अपना वोट करें तो यह उचित होगा हालाँकि दिल्ली के करोड़ों लोगों की रोटी-रोजी, हर प्रकार की सुख-शान्ति, कानून-व्यवस्था व अन्य बुनियादी सुविधाओं सम्बंधी देखभाल आदि के मामलों में केन्द्र व दिल्ली राज्य सरकार की अलग-अलग कानूनी जिम्मेदारियाँ है जिसके अभाव को लेकर कोई सरकार अपने आपको दोषमुक्त नहीं कर सकती है। इसके बावजूद संकीर्ण राजनीति व चुनावी स्वार्थ के कारण आप व भाजपा आदि का रवैया जन व देशहित से परे गंभीर आरोप-प्रत्यारोप व एक-दूसरे को जनविरोधी साबित करने का ही ज्यादा है साथ ही आये दिन की जा रही नफरती व भड़काऊ पोस्टरबाजी आदि पर चुनाव आयोग को तत्काल सख्त कार्रवाई करनी बहुत जरूरी है तथा इस चुनाव को आप,भाजपा व कांग्रेस के लुभावने वायदों आदि से भी बचाना होगा।
ऐसे में दिल्ली की जनता अगर आप व केन्द्र सरकार एवं कांग्रेस पार्टी आदि से मुक्ति चाहते हैं तो इनको बड़े सुधार की तरफ अर्थात् अम्बेडकरवादी बी.एस.पी. को चुनाव में समर्थन करना व उसके उम्मीदवारों का जिताना बहुत जरूरी है तभी फिर भारतीय संविधान के मूल निर्माता व खासकर SC-ST व OBC वर्गों के मसीहा, परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अथक प्रयासों से, इन्हें सरकारी नौकरियों में व अन्य ओर क्षेत्रों में मिले कानूनी अधिकारों का भी यहाँ दिल्ली में पूरा लाभ नहीं दिया गया है। इन्ही की तरह ही यहाँ मुस्लिम समाज व अन्य अकलियतों की भी स्थिति कोई खास ठीक नहीं रही है। इसलिए अब इन लोगों को यहां ऐसी सभी विरोधी पार्टियों को, फिर से आजमाने की जरूरत नहीं है। अर्थात् अब इन्हें सत्ता में आने से जरूर रोकना होगा। बल्कि इसके स्थान पर इन्हें यहाँ सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की नीतियों एवं सिद्धान्तों पर आधारित अपनी एकमात्र हितैषी पार्टी बीएसपी को ही कामयाब बनाना जरूरी है। जो हमारी यह पार्टी यू.पी. में बीएसपी की चार बार रही सरकार की तरह ही यहाँ दिल्ली में भी सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की नीतियों एवं सिद्धान्तों पर आधारित ही सरकार चलायेगी, जिसके लिए मेरे दिशा-निर्देशन में यहाँ पार्टी के National Co-ordinator आकाश आनन्द के नेतृत्व में पार्टी दिल्ली यूनिट के लोग तथा अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी पूरे जी-जान से लगे हैं। और ऐसा हो जाने पर ही तभी फिर यहां बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं BSP के जन्मदाता व संस्थापक मान्यवर कांशीराम का भी अधूरा रहा सपना जरूर साकार हो सकता है इस भरोसे के साथ ही, अब मैं अपनी पार्टी के लोगों से, यहाँ दिल्ली विधानसभा आमचुनाव में व कुछ ही महीनों के बाद, फिर बिहार प्रदेश में भी होने वाले विधानसभा आमचुनाव में अपनी पार्टी का बेहत्तर Result लाने की पुरजोर अपील करती हूँ और ऐसा हो जाने पर फिर आज यही इनका मेरे जन्म-दिन पर खास तोहफा भी होगा।
अब मैं अपनी पुस्तक का हमेशा की तरह आज अपने जन्मदिन के शुभ अवसर पर विमोचन भी कर रही हूँ। अन्त में मेरा यह भी कहना है कि यदि मीडिया बन्धुओं के कुछ जरूरी सवाल हैं तो वे पूछ सकते है वरना मैं आप लोगों से यहीं रजा लेती हूँ। हालाँकि मीडिया द्वारा जो कुछ भी सवाल पूछे गये है तो उनमें से अधिकांशः का जवाब मेरे द्वारा आज रखी गई बातों में ही दे दिये गये हैं तथा कुछ के बारे में समय-समय पर एक्स (पूर्व में ट्विटर) व प्रेस नोट आदि के जरिये स्थिति स्पष्ट कर दी गई है इसलिए उनका यहाँ पुनः उल्लेख करना जरूरी नहीं है।