रचनाकार

रचना : गुलामी से आजादी

अशोक कुमार यादव मुंगेली…

गरीबी, दरिद्रता और बेबसी जन मन का प्रतीक,
समर्पण, चाटुकारिता, दासता, हैं उनके साथी।
सलाहकार बन बैठे हैं निराशा और असत्य दल,
अब कब मिलेगी मानसिक गुलामी से आजादी?

असफलताओं की बेड़ियों में जकड़ी है जीवन,
नकारात्मक मनोभाव अंग्रेजों से परतंत्रता है।
कर्म, साहस और उत्साह वतन रक्षक फौजी,
सफलता और मंजिल की प्राप्ति स्वतंत्रता है।।

दिव्य शक्ति का संचार कर अंतर्मन में हिलोर,
धर्म चक्र आत्म शांति जन-जन का सहारा।
मन, वचन में मातृभूमि की समृद्धि, पवित्रता,
प्रगति पथ अशोक चक्र निर्मित तिरंगा प्यारा।।

सत्य और अहिंसा सिद्धांत राष्ट्रपिता गाँधी जी,
भगत सिंह की देश भक्ति ने कोहराम मचाया‌।
वीरांगना झाँसी की रानी ने गोरों से लोहा ली,
बाबा साहेब ने समानता का संविधान बनाया।।

कवि- अशोक कुमार यादव मुंगेली, छत्तीसगढ़
जिलाध्यक्ष राष्ट्रीय कवि संगम इकाई

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