निर्भया सेना के कर्त्तव्यबोध एवं सम्मान समारोह में सभी ने संगठन के कार्य को सराहा, सम्मानित हुए कई
मऊ। निर्भया सेना के तत्वधान में नगर के हिंदी भवन के सभागार में मंगलवार को कर्त्तव्यबोध एवं सम्मान समारोह का आयोजन संगठन के राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक पदाधिकारियों के सामूहिक सहयोग से सम्पन्न हुआ।
कर्त्तव्यबोध एवं सम्मान समारोह कार्यक्रम में देश के नामी-गिरामी प्रतिभाओं ने अपना अमूल्य सहयोग एवं समय प्रदान किया। इस अवसर पर अलग-अलग क्षेत्र में अपने कार्यों से यश किर्ती व वैभव का कार्य कर रहे लोगों को सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम का उदघाटनकर्ता अतिथियों के दीप प्रज्ज्वलन के साथ सम्पन्न हुआ। तदोपरांत संगीत मर्मज्ञ नंदू मिश्र ( राष्ट्रीय प्रचार मंत्री निर्भया सेना) ने मां सरस्वती की आराधना में सरस्वती गीत प्रस्तुत करके सभागार को आध्यात्म से सराबोर कर दिया। माही मृदुल ने महिलाओं के मर्म को स्पर्श करती हुई अपनी प्रस्तुति दी।
मुख्य अतिथि सलाहकार राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, भारत सरकार, रामायण यादव ने कहा कि निर्भया सेना जिस उद्देश्य के साथ काम कर रही है वह काबिले तारीफ है। निर्भया सेना का महिला उत्थान व जागरूकता के प्रति यह ललक देखकर अच्छा लगता है। निर्भया सेना वरिष्ठ नागरिक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अशोक कुमार श्रीवास्तव ने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि सतीश मिश्र बाबा ने निर्भया कांड के बाद निर्भया सेना का गठन कर अपनी वेदना की अभिव्यक्ति को संगठन के माध्यम से बेटियों के सम्मान, सुरक्षा के प्रति एक सशक्त माध्यम बनकर उभर रहे हैं। वास्तव बाबा का यह कार्य सराहनीय है।
विशिष्ट अतिथि उप मुख्य कार्मिक अधिकारी पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर श्रीमती गुरमीत कौर ने निर्भया सेना के महिलाओं के सम्मान के प्रति किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए बधाई दी। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ मंडल संकेत एवं दूरसंचार इंजीनियर त्रयम्बक त्रिपाठी ने कहा सतीश मिश्र बाबा का संगठन निर्भया सेना का कार्य प्रशंसनीय है।
अपने संबोधन में निर्भया सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश मिश्र बाबा ने कहा की मऊ की पावन धरती पर वे यह आयोजन व मनीषियों का सम्मान कर अपने को धन्य महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निर्भया सेना महिला सम्मान व महिला उत्थान के प्रति अडिग है। उन्होंने कार्यक्रम में कई प्रांतों और जनपदों से आए संगठन के पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं की भर्ती आभार व्यक्त किया
कार्यक्रम के दूसरे चरण में गणमान्य अतिथियों एवं निर्भया सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मऊ शहर के तमाम क्षेत्रों में अपना बेहतर योगदान देने वाले व्यक्तियों का सम्मान माल्यार्पण करते हुए अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिह्न देकर किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रामायण यादव, सलाहकार – राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, भारत सरकार, कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार श्रीवास्तव, चेयरमैन – वरिष्ठ नागरिक प्रकोष्ठ निर्भया सेना, अति विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती गुरजीत कौर, उप मुख्य कार्मिक अधिकारी पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर, विशिष्ट अतिथि के रूप में दिनेश चंद्र, चेयरमैन बौद्धिक चयन समिति निर्भया सेना, प्रभाकर त्रिपाठी, चेयरमैन आयोजन समिति निर्भया सेना बी. पी. सिंह, उप निदेशक, प्रशिक्षण केंद्र गोरखपुर त्रयम्बक तिवारी, वरिष्ठ मंडल संकेत एवं दूरसंचार इंजीनियर , वाराणसी मंडल शिवेंद्र कुमार सिंह, उप निबंधक, करछना, प्रयागराज, पूर्वांचल के वरिष्ठ पत्रकार शतानन्द उपाध्याय, व्यवसायी व सामाजिक सरोकारों से जुड़े हबीबुल्लाह टांडवी, पत्रकार आनन्द कुमार, गीतकार माही मृदुल को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्रम से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए संचालनकर्ता रविन्द्र नाथ मिश्र ( राष्ट्रीय प्रवक्ता निर्भया सेना) ने निर्भया सेना का संक्षिप्त इतिहास श्रोताओं को देकर उन्हें निर्भया सेना के उद्देश्यों से भी परिचित कराया।
निर्भया सेना का यह कार्यक्रम कोविड काल में अपने प्राणों की आहुति देने वाले तमाम शहीदों को समर्पित था । मंचासीन अतिथियों एवं सभागार में उपस्थित भारत भर से आए पदाधिकारियों एवं स्थानीय निवासियों ने उन शहीदों के प्रति कृतज्ञता एवं सम्मान ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में सम्मान पत्रिका का विमोचन मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया। इस पत्रिका को निर्भया सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कोविड काल में काल कवलित हुए अमर सपूतों को समर्पित किया ।
पत्रिका विमोचन के उपरांत मंचासीन विद्वत जनों ने निर्भया सेना के कार्यों एवं इसके पदाधिकारियों की प्रशंसा करते हुए इस कार्यक्रम को अपने आप में अनूठा एवं ऐतिहासिक बताया।
पत्रिका विमोचन के उपरांत मंचासीन अतिथियों ने देश भर से आए निर्भया सेना के पदाधिकारियों को निर्भया सेना को प्रगति पथ पर बढ़ाने में अपना योगदान देने के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया ।
अंत मेंनिर्भया सेना की राष्ट्रीय संगठन मंत्री नसरीन फ़ात्मा जी को सौंपी। सभी अतिथियों का आभार ज्ञापन करते हुए फ़ात्मा जी ने नारी सशक्तिकरण की बात मंच से उठाई और सभागार में उपस्थित आधी आबादी को ललकार लगाते हुए अत्याचार एवं अनैतिक कार्यों के प्रति आवाज बुलंद करने के लिए प्रेरित किया।
इस प्रकार वनदेवी की पावन धरा पर यह कार्यक्रम अपने ऐतिहासिकता को समेटे हुए सम्पन्न हुआ।