कल का दिन ऐतिहासिक था

@ अरूणिमा सिंह…

सब लोग सुबह से ही उत्साहित थे क्योकि आज उनके राम एक बार फिर “” हरि रहिया” के रास्ते अयोध्या पधार रहे थे।

जी हां! “हरिरहिया “जिस राह से श्री राम चन्द्र जी वन को गए थे। उसका नाम “हरि रहिया” पड़ा था। जिसका बिगड़ा हुआ रूप आज “हर्रैया” है।
वही विधानसभा हर्रैया जिसके विधायक अजय सिंह हैं।
छोटा सा कस्बा तहसील हर्रैया हमारे घर का नजदीकी बाजार है जहाँ के बालिका इंटर कालेज से हम इंटर पास हुए थे जहाँ पर विद्यार्थी बनकर गोरखपुर से हर्रैया आये तिवारी जी नब्बे दशक के न जाने कितने बच्चों को टीयूशन पढ़ाकर इलाहाबाद रवाना कर दिये आज उ सब लइके खुद मास्टर बनकर सबको पढा रहे हैं हालांकि जितने बच्चे इलाहाबाद गए थे उनमें से कोई मास्टर बनने नही बल्कि आईएस पीसीएस बनने गया था लेकिन जब कुछु न बन सके तो मास्टर बनकर गांव वापस लौट आए और तेवारी जी अब पढ़ाना बन्द करके खुद का इस्कूल खोल लिए है।
उसी हर्रैया का कल बायपास रोड, मुरादी पुर चौराहा इत्यादि खचाखच स्त्री, पुरूष, बूढ़े बच्चो से भरा हुआ था। हर किसी के दिल में नेपाल से आ रही वर्षों पुरानी शिलाखंड को एक झलक देखने, स्पर्श करने की चाहत थी।
आंखों में दर्शन की अभिलाषा, हाथों को उसे छूकर तर जाने की चाहत और होंठो पर “जय श्री राम” की जय जय कार थी।
ढोल नगाड़ों का गगनभेदी संगीत बज रहा था, फूलों की वर्षा हो रही थी, धूप दीप जलाए पीले वस्त्र में सुसज्जित नैन बिछाए स्त्रियां सड़को के किनारे स्वागत में खड़ी थी, बाइक से, ट्रैक्टर से, चारपहिया वाहन से जिसके पास जो भी साधन था या पैदल, नंगे पैर करतल ध्वनि के साथ राम जी का जय जयकार करते हुए सब राम जी के साथ चलने को तैयार थे।
जिसने छूकर देखा वह भाग्यशाली रहा क्योकि आज की ये शिलाखंड कल की रामलला बनेगी और तब उनके दर्शन करना ही सौभाग्य की बात होगी छुना तो सम्भव ही नहीं है।
कल जिस तरह से जन सैलाब उमड़ा था उसे देखकर मन में मेरे एक खयाल आया कि आने वाले समय में राम नगरी अयोध्या जी मे लाखों श्रद्धालु आएंगे और इससे आस पास के क्षेत्रों को बहुत लाभ होगा। जो श्रद्धालु आएंगे उनके रहने खाने, घूमने, दर्शन करने, खरीदारी करने से आस पास के लोग लाभान्वित होंगे।
ये बहुत अच्छी बात है लेकिन सरकार को चाहिए कि इस पावन भूमि को आस्था का स्थान बनाये। समुचित व्यवस्था करे क्योकि यदि ये पर्यटन स्थल बना तो यहाँ अनेको अनैतिक कार्य होंगे और हमारी आस्था को ठेस पहुचेगी।
यहां की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि बुरी नियत वाले लोगों की, गलत चीजो की एंट्री ही न हो।
अयोध्या जी के प्रवेश द्वार पर ही पूरी चेकिंग के दौरान सारी अवांछित वस्तुएं नष्ट करवा दी जाय।
अयोध्या जी के व आस पास के क्षेत्रों में मदिरा व मांस पर पूर्ण रूप से पाबंदी हो।
इस तरह से कई चीजें हैं जिनका ध्यान रखना होगा ताकि हमारे राम लला की नगरी दूषित न होने पाए।

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