रचनाकार

पिता से बड़ा किसी का बलिदान नही होता, पिता से बड़ा कोई महान नही होता

@ आकाश धुसिया…

एक पिता अपने बच्चो के लिए जीता है।
कितनी भी तकलीफ में हो हर तकलीफ सहता है।
दर्द में रह लेता है अकेले किसी से नही वो कुछ कहता है ।
खराब तबियत लेकर भी वह काम पर जाता है ।

त्याहरों पर बीवी बच्चों को नए नए कपड़े दिलाता है ।
खुद एक पैंट शर्ट में अपनी जिंदगी गुजारता है ।
जब बच्चे कहते है, आप अपने लिए खरीद लो ।
तो वो अपने लिए कंजूस हो जाता है।

अपनी सेहत को वो अपने बच्चों को दे देता है।
खुद कम खाकर, बच्चो को वो ज्यादा खिलाता है ।
मां बच्चो को केवल घर में संभालती है ।
बाप तो बच्चो की जिंदगी संवारता है ।

एक पिता सब कुछ बर्दाश्त कर सकता है ।
लेकिन अपने बच्चो का दर्द सह नही पाता है।
बच्चों को दर्द मैं देख वह छुप छुप कर रोता है ।
ऐसे में वह, रात रातभर नही सोता है।

आज कल के कुछ बच्चे पिता की डॉट से चिढ़ जाते हैं।
नही सुनते है बात, उनसे ही वो भीड़ जाते है ।

कृपया अपने पिता का सम्मान करिए।
सिर्फ फादर्स डे पर ही नही ,
जब तक है जान तब तक करिए ।।

पिता से बड़ा किसी का बलिदान नही होता।
पिता से बड़ा कोई महान नही होता ।।

लेखक- पकवाइनार, बलिया, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है।

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