मेडी बडी कम्पनी में नौकरी के बाद पहली बार घर लौटे प्रियांश, लगाया तिलक उतारी आरती
० बेटे ने कहा आईएएस बनना लक्ष्य, दादी ने कहा सपना जरूर होगा पूरा
@आनन्द कुमार…
मऊ। बच्चे होनहार हों और उनके अंदर आगे बढ़ने की जज्बा हो तो ऐसे कार्य जरूर करने चाहिए जिससे उनके अंदर जोश और जुनून पैदा हो और मंजिल पाने का लक्ष्य मजबूत हो। ऐसा ही कुछ अलग करने का प्रयास किया मऊ जनपद के घोसी के चिकित्सक परिवार ने। उनका कहना है कि हम अगर बच्चों को छोटी छोटी खुशियां देंगे और स्वागत करेंगे तो खुद के बच्चों के साथ अन्य बच्चों को प्रेरणा मिलेगी।
मऊ जनपद के वरिष्ठ फिजीशियन व घोसी निवासी डॉ संजय कुमार वर्मा व उद्यमी व बसपा से मधुबन विधानसभा की पूर्व प्रत्याशी श्रीमती नीलम सिंह कुशवाहा के पुत्र प्रियांश आर्यन के बिट्स पिलानी कॉलेज हैदराबाद में अपनी बीटेक की पढ़ाई, इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद टापर छात्रों की सूची में मऊ का नाम रोशन किया था। प्रियांश आर्यन का बड़े पैकेज के साथ कैम्पस सलेक्शन बीटेक की पढ़ाई के दौरान परीक्षा परिणाम आते ही बेंगलुरु में मेडी बडी कंपनी में एसोसिएट प्रोडक्ट मैनेजर के रूप में अच्छे पैकेज पर हो गया। प्रियांश अपनी कारपोरेट नौकरी के बाद पहली बार दीपावली की छुट्टी पर कल बेंगलुरु से रात 10 बजे घोसी स्थित आवास पंहुचे। वे कार से उतरकर घर की दहलीज में अभी कदम ही रखने वाले थे कि घर के पूरे सदस्य घर के बाहर आकर प्रियांश को ऐसी सरप्राइज़ दिए की वह फूले नहीं समा रहा है।
हाथों में रोली, चंदन, अक्षत, फूल सहित पूजा की थाली, माला व पुष्प गुच्छ लिए जब पूरे परिवार के लोग अपने लाडले के स्वागत के लिए कदम आगे बढ़ाए तो वह मंजर देखने लायक था। सभी के चेहरे पर मधुर मुस्कान झलक रही थी। दादी श्रीमती भाग्यवती देवी ने अपने पौत्र का तिलक लगाकर स्वागत किया और आरती उतारी। इस दौरान पिता डा. संजय वर्मा, मां नीलम सिंह कुशवाहा, डा. यशवंत वर्मा, रश्मि वर्मा, छोटी बहन सौम्या कीर्ती वर्मा, भाई मयंक राज वर्मा, सहित वेद प्रकाश मौर्या देवेंद्र सतेंद्र राधेश्याम ने पुष्पगुच्छ और माला पहनाकर स्वागत किया। उसके बाद सभी घर में वेलकम पार्टी देकर प्रियांश की इस सफलता पर केक काट व खाकर खुशियां मनाई।
प्रियांश आर्यन का कहना है कि परिवार के इस सरप्राइस वेलकम से अभिभूत हूं। वास्तव में मैं यह सोचा नहीं था कि किसी बच्चे की छोटी सी सफलता पर ऐसे भी वेलकम होता है।
उनकी दादी भाग्यवती देवी का कहना है कि प्रियांश ने मेरे परिवार में सबसे कम उम्र में बड़ी नौकरी पाई है। यह क्षण हम लोगों के लिए ऐतिहासिक है। इस उपलब्धि से परिवार का नाम गौरवान्वित हुआ है। दादी का कहना है कि उसका लक्ष्य आईएएस बनने का है और एक दिन यह सपना जरूर पूरा करेगा। स्वागत से अभिभूत प्रियांश का कहना है कि उसका लक्ष्य आईएएस बनना है और देश का नाम रोशन करना है।
मऊ के प्रियांश को बिट्स पिलानी में मिली मानद की उपाधि, महंगे पैकेज छोड़ करेंगे IAS की तैयारी
मऊ। पढ़ाई के दौरान कैम्पस सलेक्शन और वह भी अच्छे पैकेज के साथ और नौकरी का एक माह पूरा भी नहीं हुआ कि कॉलेज के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के हाथों मानद की उपाधि और सम्मान यह किसी युवा के जिंदगी का वह टर्निंग प्वाइंट है जहां से वह अपने देखे सपनों की उड़ान की ओर बढ़ते हुए चल पड़ता है और पाना चाहता है सिर्फ और सिर्फ अपना मंजिल। उसका मकसद और जुनून होता है कि उसके सपनों को पंख लगे। तभी तो मिली बड़ी कामयाबी के प्रति दिलचस्पी न रखते हुए वह युवा लाखों के पैकेज को छोड़ते हुए उस ओर ध्यान लगाना चाहता है जो उसका असल मकसद है और जुनून।
मऊ जनपद के घोसी निवासी प्रियांश आर्यन (Priyansh Aryan) ने बिट्स पिलानी कॉलेज हैदराबाद (Bitts pilani college Haidrabad) में दीक्षांत समारोह में अपनी बीटेक की पढ़ाई, इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद टापर छात्रों की सूची में मऊ का नाम रोशन किया है। उसे मुख्य अतिथि The former Director of the Indian Institute of Chemical Technology (IICT) Dr. Srivari Chandrasekhar ने मानद की उपाधि के साथ सम्मानित किया है। प्रियांश आर्यन (Priyansh Aryan) हाई स्कूल मऊ के सनबीम स्कूल (Sunbeam school mau) से तथा इंटरमीडिएट सेलाकुई इंटरनेशनल बोर्डिंग स्कूल …… (Selaqui international bording school) का अपने स्कूल में टॉपर रहा है। प्रियांश आर्यन का अच्छे पैकेज के साथ कैम्पस सलेक्शन बीटेक की पढ़ाई के दौरान परीक्षा परिणाम आते ही बेंगलुरु में मेडी बडी कंपनी में एसोसिएट प्रोडक्ट मैनेजर के रूप में हो गया। अभी उनकी नौकरी सिर्फ एक माह ही हुआ है।
महंगे पैकेज की नौकरी में नहीं है दिलचस्पी, सिर्फ सिखने के लिए कर लिया नौकरी…
प्रियांश आर्यन (Priyansh Aryan) कहते हैं मैं पूरी मेहनत और लगन से नौकरी कर तो रहा है लेकिन वह इस नौकरी को ज्यादा दिन तक करने वाला नहीं है। कहते हैं अधिकतम छ माह तक ही नौकरी करेंगे। उन्होंने कहा चुंकि उनका कैम्पस सलेक्शन हुआ था इसलिए नौकरी ज्वाइन कर लिया कि प्राथमिक जानकारी सीख सकूं। वह कहते हैं वह अपने लक्ष्य को लेकर अडिग हैं इस लिए छ माह में नौकरी छोड़ देंगे, और लग जायेंगे अपने मिशन पर।
आईएएस बनना है लक्ष्य…
प्रियांश आर्यन का कहना है कि उनका लक्ष्य आईएएस बनना है। क्योंकि उन्हें इसके बारे में कक्षा 8 में पढ़ाई के दौरान कुछ कुछ जानकारी मिली थी। तभी से वे आईएएस (IAS) बनने का सपना संजोए हुए हैं। उनका कहना है कि आईएएस बनना ही उनका लक्ष्य, मंजिल और जुनून है। आर्यन कहते हैं कि समाज में परिवर्तन लाने का यह एक अच्छा प्लेटफार्म है और यह उन्हें पसंद है।
माता-पिता हैं आदर्श…
बचपन से ही मेधावी प्रियांश आर्यन पढ़ाई में कभी पीछे नहीं हटें। उनका कहना है कि उनके आदर्श उनके माता-पिता हैं जिनके आशीर्वाद की बदौलत वे सफलता पर सफलता पढ़ाई में पाते गए। उन्होंने कहा कि भले ही एक छात्र पढ़ाई के लिए मेहनत करता है लेकिन अगर उसके पीछे उसकी मां और पिता का आशीर्वाद हो तो मंजिल मिलने में मुश्किल नहीं होती।
तैयारी कर रहे छात्र छात्राओं के लिए आर्यन का संदेश…
प्रियांश आर्यन कहते हैं कि पढ़ाई के दौरान बहुत घबड़ाना नहीं चाहिए अपने को एकाग्र रखकर अपनी मंजिल तय करना चाहिए। पढ़ाई तो मेहनत से अवश्य करिए लेकिन अगर आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो उस समय आपको सिर्फ जमकर तैयारी करना चाहिए। कहां कि तैयारी के दौरान 06 घंटे से ज्यादा सोना नहीं चाहिए।
Bahut khoob
Badhai ho