7वीं मोहर्रम में अलम और दुलदुल का निकला जुलूस, चप्पे-चप्पे पर कड़ी सुरक्षा
मऊ। जनपद मुख्यालय पर सातवीं मोहर्रम का जुलुस गुरुवार को बड़े ही धूमधाम से निकाला गया। नगर के मुंशीपुरा अन्जुमन मासूमियां के तत्वावधान में सांतवी मोहर्रम में अलम व दुलदुल का जुलूस इमाम चौक से मन्जर इमाम एडवोकेट के घर के पास से निकला और अपने कदीमी रास्ते होते हुये कर्बला रेलवे क्रासिंग सैय्यद बाबा की मजार तक गया और मिट्टी लेकर इमाम चौक वापस आया। जुलूस में हाय हुसैन की आवाज की गूंज रही। इसी क्रम में अम्मा बार-बार गला मेरा दुखता है व शाह का नन्हा सिपाही कर्बला में आ गया नौहे को मजहर इमाम ने पढ़ा और कर्बला का वाक्या बयान किया। इसी क्रम में नन्हें मुन्ने बच्चों ने नौहाख्वानी की जो पूरे शहर में चर्चा का विषय बना रहा। जुलूस में मुख्य रुप से शमीम कमाल, जमाल अख्तर, मजहर इमाम, मु. इसराइल, अफजल, मु. महताब, अब्बास, असलम आदि लोग रहे। संचालन शमीम कमाल ने किया। उधर शहर के मुख्य मार्ग पर अलम का जूलुस आहिस्ता-आहिस्ता कर्बला की ओर रवाना हुआ। मुंशीपुरा, रौजा, भेली बाजार, घास बाजार, तिरकोनिया मस्जिद, काजीटोला, सदर चौक, क्यारीटोला आदि स्थानों पर कमेटी ताजियादारों की तरफ से 7वीं मोहर्रम का जूलुस निकला। जिसमें अलम व दुलदुल के साथ नौहाख्वानी करते हुए हजरत अब्बास अलमदार की याद में 7वीं मोहर्रम का जूलुस निकला। जूलुस में शामिल ताजियादारों के अतिरिक्त बाहर से भी मातम में महारत रखने वाली मजलिसें भी आहुत की गयी हैं। जूलुस में हसन और हुसनै की याद में नौहाख्वानी करते हुए जूलुस आगे बढ़ता रहा। जूलुस में मुंशीपुरा सेलटेक्स रोड पर अंजुमन मासूमिया के मिम्बरों ने नौहा ख्वानी कर मातम किया। जूलुस में नगर सहित बाहर से भी आये हुए लोग शामिल रहे। उधर मलिकटोला इमामबाड़ा से सातवीं मोहर्रम की अलम व दुलदुल का जुलूस निकलकर कर्बला पहुंचा। जहां शहर के सभी इमाम चौक से होता हुआ मलिकटोला इमामबाड़ा में जाकर समाप्त हुआ। इस अवसर पर मंजर इमाम ने कहा कि एक इंसान को अपने देश अपने समाज के प्रति वफादार रहना चाहिए। इसका सबूत उन्होने कर्बला में हजरत अब्बास इमाम हुसैन के भाई थे उनकी मिशाल पेश की वफादारी का आलम यह था कि बगैर इमाम हुसैन के हजरत अब्बास कोई भी काम उनसे पूछे बगैर नही करते थे। लेकिन मानवता को बचाने के लिए यजीद के जुल्मों सितम के खिलाफ आवाज उठायी। अलम जो कि हजरत अब्बास अलमदार कि निशानी थी। दुलदुल इमाम हुसैन की सवारी थी। बाद में मजलिस नौहाख्वानी अंजुमन बाबुल इल्म आफरिया ने साहिबे ब्याज मकसूद खां ने नौहा पढ़ा। सातवीं मोहर्रम का जुलुस सम्पन्न कराने में अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, नगर मजिस्ट्रेट, क्षेत्राधिकारी, शहर कोतवाल सुरेश चन्द मिश्रा, एसओजी टीम व पुलिसककर्मी मौजूद रहे।