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Facebook live : अद्भुत भव्य समारोह बिना ब्रेक 12 घंटे का घनाक्षरी महोत्सव

लखनऊ। साहित्य संगम संस्थान घनाक्षरी महोत्सव का भव्य आयोजन 25 जून को लाइव चल रहा है। Facebook live के माध्यम से सुबह नौ बजे से देर रात्रि तक अनवरत चलने वाला लगभग 12 घंटे का भव्य घनाक्षरी महोत्सव में लोग उत्साह और ऊर्जा के साथ शामिल हो रहे हैं।
इस कार्यक्रम को सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों एवं घनाक्षरी शाला के आयोजन कर्ताओ ने अथक प्रयत्न करके इसको संभव कर दिखाया है। प्रत्येक प्रतिभागी का पल पल स्वागत और निमंत्रण इतने आकर्षक और शानदार ढंग से किया गया जो कि लाजबाब है तकरीबन 80 रचनाकार अपनी लाइव प्रस्तुती दे देंगे। छोटी से छोटी जानकारी तुरंत उपलब्ध कराना, शंका समाधान एवं सभी से संयमपूर्वक वार्तालाप यह इतनी भावपूर्णता और कुशलता से किया गया हैं की ‘मैं ही नही सभी गदगद एवं नतमस्तक हैं इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनकर।
इस आयोजन में संस्थान के यशस्वी अध्यक्ष राजवीर, कार्यकारी अध्यक्ष कुमार रोहित रोज, सह अध्यक्ष मिथिलेश सिंह मिलिंद, संगीता मिश्रा, जय श्री कांत, मंजूषा एवं संस्थान के अन्य पदाधिकारी विगत कुछ दिनों से रात दिन एक कर के इस आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रयासरत हैं। उनका प्रयास अतुलनीय एवं सराहनीय है। परिणाम आप सब खुद ही परीलक्षित करेंगे।
साहित्य साधना मे आप एक साधक है। हर घड़ी आप नित नई साधना का एक नया लक्ष्य हासिल करते हैं चमकते हैं निखरते हैं और समृद्ध होते हैं, परंतु उसके लिए मर्यादित और अनुशासित होना पहला मापदंड है इस कसौटी पर जो खरा उतरता है वह पीछे मुड़कर नही देखता निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहता है जैसे आग मे तपकर सोना निखरता है वैसे ही साहित्यकार ।
हिंदी हमारे रोजमर्रा के जीवन में हम सभी के हदय की धड़कन की तरह है। हम सब जानते तो है पर ज्ञान और अभ्यास के कपाट बंद कर देते हैं बस नेत्रों से पढ़ और कान से सुन लेते है। लिखने के लिए वो भी अच्छा और सही हमे साधक बन साधना करनी ही होगी और यह अवसर हमें साहित्य संगम संस्थान नित नए बहुआयामी आयोजन करके निरंतर देता रहता है। आप आइए आपका स्वागत है यहां सब बराबर है जितना भी जानते हैं उतना प्रस्तुत करिए अवसर को साधिए और खुद को निखारिए जैसे की मैने किया। छंद को पुनः पढ़ा, अभ्यास किया परिणाम आपके सामने है। किसी भी कार्य को न करना सबसे आसान होता है परन्तु अथक प्रयास करके उसे पूर्ण करने मे जो आनंद और सुख मिलता है वह अनुभूति का ‘विषय है। उसे शब्दो मे बाधना असंभव है मगर नामुकिन नहीं।

घनाक्षरी महोत्सव मे घनाक्षरी छंदो पर आधारित, स्वरचित रचनाएं सभी प्रतिभागी अपने निमंत्रण पत्र में दिए गए समय के अनुसार फेसबुक लाइव के माध्यम से घनाक्षरी शाला समृद्ध भव्य पटल पर अपनी लाइव प्रस्तुती देगें। निश्चय ही यह आयोजन भव्य विशाल एवं साहित्य को एक समृद्ध शाली पहचान देने में समर्थ होगा और काव्य की लुप्त प्राय विधियों, व्याकरण के नियमों को पुनः जीवित करने में और समृद्धिशाली बनाने में मील का पत्थर साबित होगा और नए कीर्तिमान की ओर अग्रसर सहित संगम संस्थान मंच सज कर तैयार है फिर एकनया शिलालेख आज साहित्य संगम संस्थान घनाक्षरी साला रचने को तैयार है। इस सुंदर विशाल लाजबाब प्रयास एवं आयोजन के लिए कोटी कोटी शुभकामनाएं।

डा महिमा सिंह ने बताया कि मैं लखनऊ उत्तर प्रदेश से हूं मैं घनाक्षरी शाला के अंतर्गत मनहरण घनाक्षरी मे अपनी रचना प्रस्तुत करूँगी। समृद्ध पटल ने यह शुभ कुसुमित काव्य अवसर प्रदान कर मुझे काव्य के छंद पराग से पल्लावित किया है जो अन्यत्र संभव नहीं था। साहित्य संगम की यह यात्रा अनवरत जारी रहे नित नये कीर्तिमान बने यही मेरी शुभकामना है।

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