रचनाकार

शालिनी सिन्हा की पुस्तक मकीशा का विमोचन 5 जनवरी को

सीवान। नए ज़माने की उभरती हुई लेखिका शालिनी सिन्हा (लवली) की बहुप्रतीक्षित पुस्तक मकीशा ( नए ज़माने की कविता) का विमोचन 5 जनवरी को सीवान के अर्श होटल में होने जा रहा है। हालांकि यह पाठकों के लिए ऑनलाइन उपलब्ध हो चुकी है। 123 पेज की इस क़िताब में कुल 113 कविताएं है । आप इसे अमेज़न, फ्लिपकार्ट, किंडले जैसी वेबसाइटों से खरीद सकते है। इवेंसपब पब्लिकेशन से प्रकाशित इस पुस्तक में हिंदी और ऊर्दू लब्ज़ को इस्तेमाल करते हुए देशभक्ति, रोजमर्रा की जिंदगी के साथ ही कई सबक देने वाली कविताएं भी है।


शालिनी सिन्हा एक युवा लेखिका है जो मूलतः बिहार के सीवान जिले से हैं। पेशे से पत्रकार, मुक्त लेखिका, अनुसंधान सहायिका और विजिटिंग लेक्चरर है । इन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से मॉस कम्युनिकेशन में मास्टर डिग्री और बीएड का कोर्स किया है। बतौर संपादक, उप-संपादक और सह-संपादक सहित दर्जन भर के प्रतिष्ठित अखबारों में सेवाएं देने के साथ-साथ अपने समसामयिक तथा बेहतरीन फीचर लेखन तथा अन्य विविध प्रकार के लेखनों के लिए जानी जाती है।शालिनी सिन्हा विभिन्न प्रकार के लेखन में काफी समय से अखबारों एवं वेब पोर्टल में अपनी सक्रीय भूमिका निभाते आ रही है । इनके द्वारा लिखित स्त्री-विमर्श, तात्कालिक गतिविधियों पर लेख, वैज्ञानिक लेख,व्यंग्य और कविताएँ भी देश के नामी अख़बारों और मैग्ज़ीनों में सदैव प्रकाशित होती रहती है। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ,लखनऊ में मीडिया रिसर्च एसोसिएट पद पर कार्य करने के साथ ही इन्होंने कई सारी किसान उपयोगी समाचारों और लेखों को लिखना शुरू किया, जिससे किसानो को नयी तकनीक व खेती के वैज्ञानिक पद्धति की जानकारी हासिल हो सके। इसके लिए यह देश की विभिन्न प्रतिष्ठित कृषि एवं वैज्ञानिक संस्थाओं से जुड़ी तथा कृषि सम्बंधित लेख लिखने के साथ ,हरित वातावरण और पर्यावरण संरक्षण जैसे गंभीर मुद्दों को देश भर के कृषि जनरल, अखबारों व मैगज़ीनों में प्रकाशित करवाने में अपनी अहम भूमिका निभा रही है ।

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