मोह में जकड़ी मनुष्यता दुःखों की यात्रा पर है : स्वामी ओमा दी अक्क

◆ अक्क परिवार का जन्माष्टमी समारोह
वाराणसी। मोह बंधन है, प्रेम मुक्त करता है। प्रेम परमात्मा से मिलन कराता है। प्रेम आत्म साक्षात्कार कराता है। आप जिससे प्रेम करते हैं, उससे आप अपेक्षा करते हैं कि वो भी आपसे प्रेम करे। उसके लिए आप उपलब्ध नहीं होते बल्कि उससे अपने प्रति उपलब्ध होने की अपेक्षा करते हैं। एक जिद रखते हैं। आपको जानना होगा कि ये प्रेम नहीं है। ये मोह है। मोह अपेक्षा रखता है और अपेक्षा दुःख का निर्माण करती है। प्रेम में कोई शर्त नहीं होती। प्रेम आपको निर्भार करता है। आपको भी और जिससे आप प्रेम करते हैं, उसको भी।
उपरोक्त बात स्वामी ओमा दी अक्क ने कही। स्वामी ओमा दी अक्क क्लब स्प्रिचुअल बाई अक्क द्वारा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर आयोजित “अटैचमेंट से अचीवमेंट” विषयक “मोह – न ” आध्यात्मिक सत्संग को संबोधित कर रहे थे। स्वामी ओमा दी अक्क ने आगे कहा कि उपलब्धि के लिए उपलब्ध होना प्राथमिक योग्यता है। आप उपलब्धियां तो चाहते हैं लेकिन उपलब्धियों के साथ उपलब्ध नहीं होते। सब कुछ आपको उपलब्ध होना चाहिए, लेकिन आप इच्छित उपलब्धियों के साथ कभी उपलब्ध नहीं होते। आपको सिर्फ़ प्राप्ति की दरकार है, देना तो मानो आप भूल ही गए हैं। मोहग्रस्त इस संसार ने मोह को ही प्रेम मान लिया है। और मोह में जकड़ी मनुष्यता हर रोज़ दुःखों की यात्रा पर है। श्रीकृष्ण गीता में यही कहते हैं कि मोह मेरा सबसे बड़ा शत्रु है। जब श्रीकृष्ण कहते हैं कि मोह मेरा सबसे बड़ा शत्रु है तो मनुष्यता के प्रति प्रेम से भरे हुए हैं। वो तुम्हारे लिए उपलब्ध होते हैं और तुम मोहग्रस्त अनुपलब्ध होते हो। श्रीकृष्ण को तुमसे कुछ नहीं चाहिए, वो तुम्हारे प्रति कृपालु हैं। तुम्हारे प्रति प्रेम से भरे हैं। अब तुमको समझना है कि मोह क्या है और प्रेम क्या है। उपलब्ध और उपलब्धि क्या है। जब तक तुम मोहग्रस्त रहोगे, तुम प्रेमी नहीं बनोगे, तुमको प्रेम की प्राप्ति भी नहीं होगी। जब तक तुम किसी के लिए उपलब्ध नहीं रहोगे, जब तक तुम किसी को मुक्त नहीं करोगे, तुम मुक्त नहीं होगे। तुम्हारे पास उपलब्धि भी नहीं रहेगी।


इस अवसर पर हुई संगीत मय संध्या और कृष्ण कीर्तन ने समारोह ने उपस्थित लोगों को श्री कृष्ण भक्ति की गहरी यात्रा कराई। जीवन में “मोह” के सार्थक और निरर्थक पक्ष को समझने के लिए आयोजित इस “मोह निशा ” कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार अम्बरीष राय ने किया। कार्यक्रम में आए अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के संयोजक साकिब भारत ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण इंसानियत को मुहब्बत का संदेश देते हैं। एक ऐसी मुहब्बत जो लोगों को जोड़े, तोड़े नहीं। कार्यक्रम में आए लोगों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए अक्क के व्यवस्थापक हितेश अक्क ने सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ दीं।
कार्यक्रम में सर्वश्री मोहित अग्रवाल, रोहित अग्रवाल, अंजनी डिडवानिया, बाहुद्दीन सिद्दीकी, विशाल भारत, नज़मी सुल्तान, सोनिया डिडवानी, वर्षा प्रधान, संजय प्रधान, डॉ. संजय, प्रो. अनिता मोहन, शाहिद खान, सदानंद शाही, डॉ. पूर्णिमा अवस्थी, सोनी जायसवाल, गुंजन सिंह, आलोक श्रीवास्तव, मुमताज़ भारत आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।