महाकुंभ
कुंभ कहो, महाकुंभ कहो
शंभू- शंकर- स्वयंभू कहो,
पावन पवित्र प्रयागराज में
सत्य सनातन जय कहो।
मिलन सरस्वती-गंगा-यमुना
निर्मल-दिव्य रूप छलकना,
त्रिवेणी-संगम पर्व पुनीता
शुद्ध कमल हृदय खिलना,
नमन कर प्रयागराज को
शिवशंकर को हरपल भजना।
कुंभ कहो, महाकुंभ कहो
शंभू- शंकर- स्वयंभू कहो,
पावन-पवित्र प्रयागराज में
सत्य सनातन जय कहो।
आस्था की डुबकी लगाना
मन का मैल धोकर जाना,
साधु-संतों की लिए ऊर्जा
वापस अपनी नगरी जाना,
आनंदित हो कर्म में लगना
स्मरण सदैव महाकुंभ रखना।
कुंभ कहो, महाकुंभ कहो
शंभू- शंकर- स्वयंभू कहो,
पावन पवित्र प्रयागराज में
सत्य सनातन जय कहो।
विशाल,विविधता का संगम
सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक,
सामाजिक एकता व सद्भाव
दान-पुण्य,धार्मिक अनुष्ठान,
खगोलीय घटनाओं से जुड़ा
पवित्र नदियों का अमृतस्नान।
कुंभ कहो, महाकुंभ कहो
शंभू- शंकर- स्वयंभू कहो,
पावन पवित्र प्रयागराज में
सत्य सनातन जय कहो।