रचनाकार

क्यों हरवर्ष नए रावण पैदा हो रहे हैं?

डॉ. निशा नंदिनी भारतीय…

हर वर्ष नए रावण पैदा हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि आज घर, विद्यालय हर स्थान पर किताबी शिक्षा तो दी जा रही है पर संस्कार शिक्षा को ताक पर रख दिया गया है। सभी लोग किताबी शिक्षा प्राप्त कर बड़े-बड़े पदों पर पहुंचकर अहंकारी हो रहे इसलिए चारों तरफ रावण पैदा हो रहे।

अच्छाई और बुराई यह जीवन काल से ही चली आ रही है लेकिन आज उस बुराई को खत्म करने वाले राम पैदा नहीं हो रहे हैं। चारों तरफ कंस और रावण ही दिखाई दे रहे हैं। संतुलन बिगड़ रहा है।

पहले संयुक्त परिवारों में दादी नानी व्यवहारिक ज्ञान की शिक्षा देती थी। संयुक्त परिवार तो अब सिर्फ कहानियों में रह गए हैं। आज के माता-पिता को धन कमाने से फुर्सत नहीं है बच्चों को संस्कार कौन देगा ? कलयुगी मशीन जिसे की मोबाइल कहा जाता है। वह जन्म से ही बच्चे के हाथ में पकड़ा दिया जाता है। उसी के संस्कार लेकर बच्चा बड़ा हो रहा है तो अब आप सब समझ सकते हैं कि बच्चा राम बनेगा या रावण बनेगा।

अगर रावण और कंस का दमन करना है तो जन्म से ही बच्चों में सुसंस्कार और सनातन संस्कृति के बीच बोना अनिवार्य हैं। विद्यालय का सिलेबस बच्चों को संस्कारी बनाने वाला होना चाहिए ना की नोट छापने की मशीन। अध्यापकों का चयन भी उनकी शिक्षा से अधिक उत्तम व्यक्तित्व के आधार पर होना चाहिए।
माता-पिता भी बच्चों को भरपूर स्नेह-प्रेम और सुसंस्कारों के साथ पाले, जिससे कि वह बड़े होकर देश, समाज व परिवार का गौरव बने। अगर ऐसा हो सका तो चाहे कितने ही रावण और कंस पैदा हो पर मर्यादा पुरुषोत्तम राम उनका अंत अवश्य करेंगे।

लेखिका तिनसुकिया, असम की रहने वाली हैं।

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