पापा के चरणों में वंदन अर्पित
@ डॉ गुलाब चंद पटेल…
कोरोंना ने रास्ता है नापा
बहुत ही प्यारे थे मेरे श्री पापा
बारिश बिना हे ये धरती प्यासी
मेरे पापा का नाम था नरसी
खेत किनारे चमक रहा है रेती
मेरे पापा करते थे खेत में खेती
होली के त्यौहार मे उभरे हैं रंग
उतरायन में वो उड़ाते थे पतंग
घर हमारा था झुग्गि झो्पड़े
दीपावली मे वो दिलाते कपड़े
खेत में वो बहुत ही काम करते
भगवान शिवा न किसी से डरते
कपड़े मिलमे वो करते थे काम
रख दिया उन्होने गुलाब मेरा नाम
पढ़ने न आता था उन्हे बाइबल
लेकिन वो चलाते थे सायकिल
गांव में मुखिया फूला भाई नामदार
मेरे पापा थे एक मिल कामदार
हमारे घर में निकला था एक चिता
पापा ने कहा कि तुम सिगरेट मत पीना
पढ़ना चाहे तुम गीता और रामायण
श्री गुलाब कहे तुम करना पापा का पूजन
डॉ गुलाब चंद पटेल
कवि लेखक अनुवादक
नशा मुक्ति अभियान प्रणेता
ब्रेसट कैंसर अवेर्नेस प्रोग्राम
Mo 8849794377