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मासिक धर्म के दौरान दर्द को लेकर न करें संकोच, चिकित्सक से लें सलाह 

● राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत किशोर स्वास्थ्य  मंच का आयोजनकिशोर एवं किशोरियाँ व्यक्तिगत  साफ-सफाई पर दें  विशेष ध्यान फास्ट-फूड से करें परहेज, खायें घर का बना ताजा खाना  कार्यक्रम में आधी आबादी की रही दमदार साझेदारी 


मऊ। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जनपद के सभी नौ  ब्लॉक एवं नगर क्षेत्र  के दो इंटर कॉलेजों में किशोर स्वास्थ्य मंच आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मौजूद  किशोर-किशोरियों को किशोरावस्था के दौरान होने वाले शारीरिक व मानसिक बदलावों के बारे में वरिष्ठ चिकित्सकों ने विस्तार से जानकारी दी | इंटरमीडिएट  की दो छात्राओं सलोनी और गोल्डी ने बताया कि इस कार्यक्रम में महिला रोग विशेषज्ञ ने  जो बातें बताईं   वह  काफी ज्ञानवर्धक रहीं,  हम लोग आगे से अपने खान-पान के साथ स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखेंगे।
हाईस्कूल में पढ़ने वाले विशाल गोड और आदित्य साहनी ने बताया कि हम लोगों का फास्टफूड से काफी लगाव था | इस कार्यक्रम के कारण काफी जानकारी मिली जिसके चलते हमने फैसला किया है कि  आज से ही अपने खान-पान को ठीक करेंगे।    
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ बीके यादव ने  किशोरावस्था में होने वाले परिवर्तनों के बारे में  विस्तार से जानकारी दी |  उन्होने बताया कि किशोरावस्था   में लड़कियों व लड़कों दोनो में शारीरिक बनावट में बदलाव होता है। प्रजनन अंगों का विकास होता हैं। वहीं आवाज आदि में भी बदलाव होता हैं। इसके साथ-साथ किशोरियों में माहवारी भी इसी समय में शुरू होती हैं। उन्होने  इस दौरान खान-पान आदि में भी विशेष सावधानियाँ बरतने के बारे में  जानकारी दी। इसके साथ ही बताया कि फास्ट फूड न खायें और घर का  बना शुद्ध खाना खायें।  इस उम्र में अधिक से अधिक हरी व पत्तेदार सब्जियों के साथ फलों के सेवन की सलाह दी गई। 
 इस मौके पर डॉ श्रवण कुमार ने राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के विभिन्न आयामों पर चर्चा करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हीमोग्लोबिन  लेवल की विभिन्न श्रेणी के बारे में  विस्तार से समझाया और 10 ग्राम से कम पाये जाने पर आयरन फोलिक  एसिड के टैबलेट लेने की सलाह दी। वहीं 6 ग्राम से कम हीमोग्लोबिन पाये जाने पर ऐसे किशोर-किशोरियों को रिफर किये जाने की सलाह दी,   जिससे कि अस्पतालों में उनका सही उपचार हो सके,  साथ ही सभी ब्लॉक के आरबीएसके टीमों द्वारा किशोर एवं किशोरियों को जागरूक किया गया।
डॉ अनीता सिंह, डॉ प्रियंका, डॉ  ऋतु, डॉ सीमा, डॉ नीतू, डॉ सगुफ्ता, डॉ आफरीन, डॉ दिव्या आदि  द्वारा विभिन्न ब्लॉक के इंटर कालेजों में किशोरियों में सुरिक्षत माहवारी प्रबन्धन  तकनीक के बारे में जानकारी दी | उन्होंने कहा कि मासिक धर्म  के दौरान हर तीन घंटे पर सेनेटरी पैड  को बदलते रहें एवं मासिक धर्म के दौरान अधिक दर्द होने पर संकोच नही करें और चिकित्सक से सलाह लें।
संतोष सिंह, जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक  ने किशोर व किशोरियों के लिये संचालित स्वास्थ्य सम्बन्धी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होने किशोरियों एवं किशोरों की व्यक्गित साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिये जाने पर जोर दिया।
डीईआईसी मैनेजर अरविन्द कुमार वर्मा ने किशोर – किशोरियो को स्वस्थ  जीवन का मूलमंत्र देते हुए सभी को स्वस्थ  एवं स्वच्छ रहने की सीख दी | उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहना जीवन का  मूल आधार है। सभी स्वस्थ हों,  इसके लिए व्यवहार व आदतों में बदलाव लाना जरूरी है ।
सभी ब्लॉक के नेत्र परीक्षण अधिकारी ने आँखों की   देखभाल व हरी साग-सब्जियाँ आदि खाने की सलाह दी। उन्होने कार्यक्रम में भाग लेने वाले  छात्र छात्राओं से कहा-  विटामिन ए की कमी शरीर मे न होने दें, इसके लिए खान पान पर विशेष ध्यान रखने की सलाह दी।
सभी ब्लॉक में बीपीएम्, बीसीपीएम, काउंसलर इत्यादि ने किशोरियों व किशोरों के लिए राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत किये जा रहे कार्यो पर जानकारी दी एवं किशोरों को सही व उचित सलाह के लिये इस कार्यक्रम से जुडे लोगो से  सलाह  मशविरा लेने  की बात की। 
डॉ वेद प्रकाश, डॉ नौशाद, डॉ स्वामीनाथ, डॉ एसके पांडेय, डॉ अंजनी, डॉ धीरज, डॉ हरिशंकर, डॉ अजहर, डॉ शैलेश, डॉ रामदास, डॉ राजेश, डॉ फिरोज, डॉ सुनील, डॉ मनोज मित्तल, डॉ लल्लन आदि उपस्थित रहे |

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