दो बच्चों के जन्म में अंतर रखने में कारगर है अंतरा इंजेक्शन- प्रभारी सीएमओ, मऊ
• अंतरा इंजेक्शन के साथ महिला को दिये जायेंगे 100 रुपये
• प्रत्येक तीन माह पर लेनी होती है इंजेक्शन की डोज
मऊ , 06 अगस्त 2022
दंपति के बीच साझेदारी बढ़ाने और मां बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य व पोषण के लिए आवश्यक है कि शादी के दो साल बाद ही पहले बच्चे की योजना बनाई जाए, इसके अलावा दो बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर अवश्य रखा जाए। इसमें बेहतर और कारगर है गर्भ निरोधक साधन त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन। यह कहना है प्रभारी सीएमओ डॉ जीसी पाठक का।
डॉ पाठक ने बताया कि इसकी डोज हर तीन महीने पर लेनी होती है। दो से पांच वर्ष तक गर्भनिरोधक में यह काफी मददगार है। जिले में अंतर अपनाने वाली प्रत्येक लाभार्थी महिला को प्रति डोज 100 रुपये देने का प्रावधान है, जोकि एक अप्रैल 2022 से लागू कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 में 2021 महिलाओं ने त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन को पसंद किया है। इस वर्ष अप्रैल से जून माह तक 1,263 महिलाओं ने अंतरा का नि:शुल्क लाभ लिया है। इसकी सुविधा सीएससी, पीएससी, न्यूपीएचसी और सभी स्वास्थ्य उप केंद्रों पर भी उपलब्ध है। इस सुविधा का लाभ आशा कार्यकर्ता की मदद से लिया जा सकता है। अंतरा की लाभार्थी को सुविधा दिलाने वाली आशा कार्यकर्ता को भी 100 रुपये प्रति डोज दिलवाने के मिलते हैं। इंजेक्शन का पहला डोज चिकित्सक या कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर (सीएचओ) द्वारा लाभार्थी की स्क्रीनिंग होने के बाद ही प्रशिक्षित स्टाफ नर्स से लगवाया जाता है। इस सेवा को सुदृढ़ करने के लिए उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट (यूपीटीएसयू) अहम भूमिका निभा रहा है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नोडल डॉ बीके यादव ने बताया कि अंतरा इंजेक्शन लगवाने के बाद न सिकाई करनी है, ना ही इंजेक्शन वाले स्थान पर मालिश करना है। यह इंजेक्शन बांह में या जांघ में लगाया जाता है। यह इंजेक्शन लगवाने के तुरंत बाद प्रभावी होता है और निर्धारित तिथि पर लगवाने से इसकी प्रभावशीलता बनी रहती है। जिन महिलाओं को गर्भनिरोधक गोली खाने में दिक्कत है। वह इस विधि का इस्तेमाल कर सकती है। स्तनपान कराने वाली महिला के लिए यह और भी उपयुक्त है। कुछ मामले में माहवारी की ऐंठन को कम करता है। गर्भाशय व अंडाशय के कैंसर से बचाव के साथ-साथ खून की कमी में फायदेमंद है। इस इंजेक्शन को बंद करने के बाद पुनः गर्भधारण में सात से 10 माह लग जाते हैं। अगर बच्चे में तीन साल का अंतर रखना है तो चार से पांच बार अंतरा इंजेक्शन डोज काफी है।