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जयंती विशेष: आंबेडकर, ख़ुद से जीतने वालों को मेरा सलाम

@ ज़ैनब फ़ातिमा बरेली से…

इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कुछ फिरंगियों को मुंह बनाकर बोलते हुए सुना, “स्मेली इंडियन्स” बदबूदार लोग। बोला तो उन गोरे लड़कों ने अपमान में था, लेकिन इतनी ज़ोर से कि हम सबको सुनाई दे। वो अपमानजनक रेसेस्ट बात मुझे आज भी चुभती है और मुझे यक़ीन है सुनकर आपको भी अच्छा नही लगा होगा। नौ साल के भीमराव अंबेडकर जब स्कूल जाते तो अपने साथ एक बोरी लेकर जाते, क्लास के बाहर बैठते और शाम को उस बोरी को वापस साथ लेकर आते क्योंकि स्कूल में कोई भी सफ़ाई करने वाला भी इस बोरी को हाथ नही लगाना चाहता था। कई टीचर्स अंबेडकर जी को पढ़ाना नही चाहते थे। कारण, भीमराव अंबेडकर का जन्म महार जाति में हुआ था। जो उस समय अछूत मानी जाती थी। पढ़ने लिखने अच्छी नौकरी और समाज की तो आप बात छोड़ ही दीजिये अछूतों के लिए पानी पीने, रहने और सेहत की बड़ी अमानवीय स्थिति थी। यह वो समय था जब लोगों को एक अछूत जाति के इंसान की परछाई और आवाज़ से भी परेशानी थी। स्कूल में छोटे भीमराव अंबेडकर नल से पानी नही पी सकते थे स्कूल का चपरासी भी उन्हें ऊपर से पानी पिलाता था।
डॉ अंबेडकर (Writing For A Visa) An Auto-Biography Of Dr. B.R.Ambedkar में लिखते हैं कि No Peon No Water, चपरासी के कई दिनों की छुट्टी पर जाने से किसी दूसरे ने उन्हें पानी भी नही पिलाया। एकबार प्यास से व्याकुल होकर जब उन्होंने छुपकर पानी पीने की कोशिश की तो उन्हें बुरी तरह मारा पीटा गया। हम याद रखें कि यह सारी घटना एक 8-9 साल के बच्चे के साथ हो रही थी।
क्या करेगा प्यार वो भगवान को, क्या करेगा प्यार वो ईमान को। जन्म लेकर गोद मे इंसान की, कर सका न प्यार वो इंसान को। बाबा साहब कहते हैं कि परेशानी तो तब है जब आपको परिस्थिति से निपटना नही आता। डॉ बीoआरoअंबेडकर को 11 भाषाओं का ज्ञान था और वो 64 विषयों के मास्टर थे। लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स ने उन्हें (Doctor Of All Science) की डॉक्टरेट दी थी। वे विश्व मे पहले और अभी तक केवल एक ही व्यक्ति हैं जिनके पास सारे विषयों पर डॉक्टरेट का ख़िताब है। डॉ भीमराव अंबेडकर को संघर्ष कभी रोक ही नही पाया। हमारा संविधान देखकर नेल्सन मंडेला ने कहा था, कि इस भारत के महान बेटे के विचार देखकर हमको प्रेरणा मिलती है कि साउथ अफ़्रीका का नया कन्स्टिट्यूशन लिखा जाए।
3 साल की कड़ी मेहनत, 40 देशों के कन्स्टिट्यूशन्स पढ़ने और कई देशों के समाज और कानून व्यवस्था समझने के बाद डॉ अंबेडकर के नेतृत्व में दुनिया का सबसे बड़ा कन्स्टिट्यूशन लिखा गया। उन्होंने भारत के लिए एक प्रोग्रेसिव कन्स्टिट्यूशन का निर्माण किया था, इसलिए बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को (फ़ादर ऑफ़ इंडियन कन्स्टिट्यूशन) कहा जाता है। संविधान निर्माता व राष्ट्र निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर जी के जन्मदिन के अवसर पर उन्हें शत शत नमन करते हैं। जयहिंद

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