स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी राष्ट्रीय अस्मिता एंव राष्ट्रीय पहचान के लिए प्रासंगिक है : डॉ0 निवेदिता राय
मऊ। नेहरु युवा केन्द्र मऊ के तत्वावधान में स्वामी विवेकानंद की जयन्ती राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में सोमवार को राम लच्छन महाविद्यालय अमिला के प्रांगण में मनाई गई। इस दौरान कार्यक्रम का उद्घाटन स्वामी विवेकानंद के चित्र के समक्ष अतिथियो नें दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यक्रम के दौरान अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ0 निवेदिता राय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी राष्ट्रीय अस्मिता एंव राष्ट्रीय पहचान के लिए प्रासंगिक हैं। सर्व धर्म सम्मेलन शिकागों में स्वामी जी ने जो उद्गार व्यक्त किए उसमें महान भारत के ऋषित्व परम्म्परा, विश्वबधुत्व, एकात्मवादी चितंन की झलक, वीरता व दानभक्ति का पूर्ण समावेश झलक रहा था। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक मतई सिंह ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि अगर ‘भारत व विवेकानंद को जानना चाहते हो तो विवेकानन्द को पढो। विवेकानंद का भव्यचित्र हम सबको आकर्षित करता है, शिकामो धर्म सम्मेलन में स्वामी जी ने खुद को भारत के पांच हजार साल पुराने यानी कि विश्व के सबसे प्राचीन धर्म के प्रतिनिधि के तौर पर पेश किया। उन्होने धर्म के झगडे में फसीं दुनिया को यह बताने का साहस किया कि सभी धर्मो का मूल एक ही है उस सम्मेलन के वे एक मात्र उपदेशक थे जिसने दूसरे धर्मो को छोटा साबित करने में समय नही गवांया, उनमें सभी धर्मो के सार को पहचानने एवं मानने का अपूर्व साहस था। कार्यक्रम के शुरुवात में कु0 खुशबू व पम्मी चौधरी ने सरस्वती वंदना तथा कु0 अंजू ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया ।
नेहरु युवा केन्द्र के लेखाकार ओम प्रकाश मिश्र ने स्वामी जी के जन्मदिन से संचालित किए जा रहे राष्ट्रीय युवा सप्ताह के कार्यक्रमों का विवरण प्रस्तुत करते हुए उनको रुप रेखा पर प्रकाश डाला। अंत में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी जय प्रकाश यादव ने युवाओं का आह्वान करते हुए सामाजिक कुरीतियो को दूर करने हेतु आगे आने को कहा। कार्यक्रम में राष्ट्रीय युवा स्वयं सेवक अभय कुमार गांधी ,कु0 संगीता अंगेश शर्मा,रविकान्त सिंह,सोनी गुप्ता,सुमन चौहान, सगुप्ता ने सहयोग किया । संचालन अशोक कुमार शर्मा ने किया। राष्ट्रगान ‘जनगण मन अधिनायक जय हे’ के गायन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।