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सनबीम ! छात्र-छात्राओं ने किया स्कूल में विजयदशमी पर्व का मंचन

मऊ। सनबीम स्कूल में विजय दशमी उत्सव बड़े ही धूम-धाम से मंगलवार को मनाया गया इस अवसर पर विद्यालय में छात्रों द्वारा रामलीला का आयोजन किया गया। जिसमें उन्होनें श्रीराम के जीवन से सम्बंधित विविध पहलुओं को दर्शाया। बच्चों ने यज्ञ द्वारा अपनी प्रस्तुती प्रारम्भ करते हुए राम जन्म, उनकी बाल-लीला, कैकयी संवाद, राम वनवास, भरत मिलाप, हनुमान-अशोका वाटिका प्रवेश, लक्ष्मण को शक्ति लगना, संजीवनी औषधी लाना, मेघनाद वध, रावण वध, रावण का लक्ष्मण जी को राजनीति का उपदेश, राम दरबार उपदेश आदि भागों का नाट्य मंचन किया। उनकी इस कला एवं नाट्य मंचन से सभी भाव-विभोर हो उठे। साथ ही यह भी जाना कि भगवान राम ने राक्षस रावण का वध कर माता सीता को उसकी कैद से छुड़ाया था और सारा समाज भयमुक्त हुआ था। बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी और इन्ही कारण से इसे विजयदशमी भी कहा जाता है। चौपाई और दोहों से सम्पूर्ण वातावरण गूँज उठा। इस प्रकार के आयोजनो का मुख्य उद्देश्य छात्रों को भारतीय परम्परा सभ्यता एवं संस्कृति से परिचित कराना एवं जोड़े रखना होता हैं। ताकि उनमें आदर्श मूल्यों की स्थापना हो सके। साथ ही नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से तत्कालीन सामाजिक नैतिक मूल्यों एवं शिक्षाओं को छात्रों को देने का प्रयास किया गया। ताकि छात्र अपने जीवन में उनका अनुसरण करके अपने जीवन को सफल एंव स्वस्थ समाज के निर्माण में योगदान कर सके। छात्रों ने गुरूकुल शिक्षा दीक्षा के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया कि चाहे राजकुमार हों या सामान्य कुल में उत्पन्न बालक गुरू के समक्ष सभी समान हैं। आहिल्या उद्धार के माध्यम से यह बताया कि भाव की शुद्धता सर्वापरि है वही शबरी के जूठे खाकर उन्होने जाति पाति से ऊपर उठकर समानता की शिक्षा दी।
इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक राकेश गर्ग उपस्थित रहे। उन्होनें छात्रों एवं शिक्षकों के प्रयास की सराहना की और बच्चो को इस प्रकार के कार्यक्रम करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए छात्रां को मर्यादा पुरूषोत्तम राम के द्वारा दिखाये गये मार्ग का अनुसरण करने की शिक्षा दी और उन शिक्षाओं को जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया।

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