चर्चा में

राहुल श्रीवास्तव की कविता संग्रह ‘तुम और मैं’ एवं मंडल द्वारा प्रकाशित त्रैमासीक पत्रिका ‘काशी प्रतिविंब’ का विमोचन

वाराणसी। मंडल रेल प्रबन्धक एस.के.झा के निर्देशन में वृहस्पतिवार को मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय पर मनाए जा रहे राजभाषा पखवाड़ा का समापन समारोह पुरस्कार वितरण कार्यक्रम एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन मंडल कार्यालय के आकांक्षा सभाकक्ष में संपन्न हुआ। काव्य गोष्ठी में जाने-माने रचनाकार डा0 वशिष्ठ द्विवेदी, डा0श्रुति मिश्रा, चन्द्र भूषण पति त्रिपाठी उर्फ भूषण त्यागी, श्रीमती सत्यंवदा शर्मा, श्रीमती रंजना राय, धर्मप्रकाश मिश्र एवं नागेश शांडिलय ने काव्य पाठ किया । इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधक वी.के.श्रीवास्तव, मंडल कार्मिक अधिकारी राहुल श्रीवास्तव एवं विभिन्न शाखाधिकारियों समेत स्टेशनों से पधारे प्रतियोगिताओं में सफल कर्मचारी उपस्थित थे ।
विचार गोष्ठी में अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में बोलते हुए एस.के.झा ने कहा आज इस कवि सम्मेलन में आमंत्रित सभी कवियों का मैं हार्दिक स्वागत करता हूँ । वाराणसी मंडल सदैव से राजभाषा प्रयोग-प्रसार की दिशा में उल्लेखनीय भूमिका निभाता रहा है । हमारे यहाँ सांस्कृतिक एवं साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित करने की पुष्ट परंपरा विद्यमान है। हम इन कार्यक्रमों की मदद से अपने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को हिंदी के प्रति प्रोत्साहित करते हैं । इसी का परिणाम है कि यह मंडल संपूर्ण भारतीय रेल में राजभाषा प्रयोग के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ है । भारतीय संस्कृति और संविधान के अनुच्छेद 351 का समादर करते हुए हम रेल के प्रत्येक कार्यक्षेत्र में राजभाषा के प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर सजग हैं । आज आयोजित होने वाला यह कवि सम्मेलन एवं पुरस्कार वितरण समारोह उसी की एक महत्वपूर्ण कड़ी है ।  कवि सम्मेलन एक ऐसा आयोजन होता हैं जहां विभिन्न धारा के कवि मंच से अपनी कविता का पाठ करते हैं । कवि सम्मेलन साहित्य और मंच-कला का मिश्रण है। जेसा कि आप जानते हैं कि सहित्य समाज का दर्पण होता है। कवि सम्मेलन जैसे आयोजन  इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। दुनिया का कोई भी व्यक्ति काव्य और संगीत के आनंद से अछूता नहीं है। कविता में प्रतिकों के माध्यम से कवि अपने समय के समाज का हृदयस्पर्शी चित्रण करते हुए दिखाई देता है। सही अर्थों में कविता एक सजग प्रहरी के रुप कार्य करते हुए समाज को नई दिशा प्रदान  करने के साथ-साथ स्वस्थ मनोरंजन भी करती है।
अपर मंडल रेल प्रबंधक वी.के. श्रीवास्तव ने समारोह में पधारे सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि काशी की यह धरती कई साहित्यकारों की कर्मभूमि रही है । इस नगरी से कलम के धनी साहित्यकारों ने अपने रचनाओं के माध्यम से समय और समाज का सशक्त पथ-प्रदर्शन किया है । हम जानते हैं कि कविता न केवल सुखद आनंद की अनुभूति कराती है बल्कि जीवन में एक नई उमंग एवं जोश भर देती है । कविताएं जनमानस के लिए संजीवनी का कार्य भी करती हैं । कविताओं ने देश की आजादी में भी अपनी अहम भूमिका निभाई है । इस अवसर पर मंडल कार्यालय की राजभाषा सप्ताह के अन्तर्गत आयोजित राजभाषा पखवाड़ा के दौरान आयोजित निबंध , टिप्पण , वाक एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं मे सफल 18 कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र एवं नगद पुरस्कार प्रदान कर  पुरस्कृत किया । उन्होने स्थान प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को बधाई देते हुए अन्य कर्मचारियों से अग्रह किया कि वे भी राजभाषा में अपनी रुचि बढ़ाएं एवं प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त करें ।
इस अवसर पर मंडल कार्मिक अधिकारी राहुल श्रीवास्तव द्वारा रचित कविता संग्रह ‘तुम और मैं’ एवं मंडल द्वारा प्रकाशित त्रैमासीक पत्रिका ‘काशी प्रतिविंब’ का विमोचन एवं प्रकाशन किया गया। श्री राहुल श्रीवास्तव ने उक्त कविता संग्रह के विषय में विस्तृत विवरण दिया और सभी अतिथियों को वितरित भी कराया गया ।

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