राजकीय पाॅलीटेक्निक में प्रथम दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्रायें सम्मामनित
मऊ। जनपद के कंधेरी गांव स्थित राजकीय पाॅलीटेक्निक कालेज में कालेज प्रशासन द्वारा प्रथम दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शहर के सम्भ्रांत लोग उपस्थित रहे। दीक्षांत समारोह के मौके पर काजेल के प्रधानाचार्य ने अतिथियों को सम्मानित करते हुये दीक्षांत समारोह पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस आधुनिक दौर में हमें शिक्षा प्राप्ति के साथ रोजगार परक शिक्षा भी ग्रहण करना आवश्यक है, इससे हमारा जीवन स्तर ऊपर उठता है और हम आत्मनिर्भर बनकर दूसरों की मदद करने हेतु सक्षम बन पाते हैं। उन्होंने संस्थान के परिचय के दौरान बताया कि जनपद मऊ के एक मात्र बहुधंधीय संस्थान (पालीटेक्निक कालेज) के रूप मे राजकीय पाॅलीटेक्निक कालेज, मऊ का अनूठा मुकाम है। यहां की बुनाई कला एवं वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नई तकनीक द्वारा शिक्षण-प्रशिक्षण सुनिश्चित कराने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार ने 2006-2007 में जनपद मुख्यालय से 6 किमी दूर कन्धेरी स्थित दूरदर्शन केन्द्र के समीप 7 एकड़ भूमि पर राजकीय पाॅलीटेक्निक, मऊ की स्थापना की। उन्होंने बताया कि राजकीय पाॅलीटेक्निक कालेज में टेक्सटाइल टेक्नोलाजी, टेक्स्टाइल कैमिस्ट्री इलेक्ट्रिानिक इंजीनियरिंग एवं कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग पाठयक्रम संचालित हो रहे हैं। संस्था में प्रशासनिक, शैक्षिक, वर्कशाप, लैब एवं आवासीय भवनों के अतिरिक्त 90 एवं 60 सीटों की क्षमता वाले दो छात्रावास निर्मित कराये गये हैं। इसी के साथ एक महिला छात्रावास एवं एक पुरूष छात्रावास भी निर्माणाधीन हैं। संस्थान के 25 प्रतिशत छात्र छायें हमारे निर्देशन में उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर हैं।
दीक्षांत समारोह के दौरान उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने वाले छात्र एवं छात्राओं को सम्मानित किया गया। राजकीय पाॅलीटेक्निक कालेज, मऊ से कम्प्यूटर साइंस में अर्जुन पाण्डेय, श्वेता कुमारी, प्रियंका यादव, इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग में प्रिंस त्रिपाठी, अमन कुमार राय, अरूण कुमार सिंह, टेक्स्टाइल टेक्नाॅलोजी में विकास शर्मा, तौकीर आरिफ, नीतू यादव, टेक्स्टाइल केमिस्ट्री में शरद कुमार, चन्दन यादव, कु0 प्रिया राय एवं राजकीय पाॅलीटेक्निक कालेज जिगिरसन्द, बलिया से टेक्स्टाइल डिजाइन में हरिओम कुमार, आदित्य चैहान एवं मोहित कुमार शामिल हैं जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं त्रितीय स्थान प्राप्त किया है।
इस अवसर पर मौजूद वक्ताओं ने अपने सम्बोधन में कहा कि कोई भी समाज चाहे वह कितना भी अगड़ा क्यों न हो उसे शिक्षा प्राप्ति के लिये दक्ष, शालीन एवं विद्यार्थियों के मष्तिक को समझकर उन्हें समझाने वाली सलाहियत रखने वाले अध्यापको की ही आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जिस अध्यापक में यह गुण मौजूद होते हैं वही समाज के सृजन में अहम भूमिका निभा पाते हैं, क्यों कि छात्रों में शिक्षा के प्रति रूचि पैदा करने के लिये शिक्षकों की भूमिका एवं मार्गदर्शन सर्वाेपरि हैं। शिक्षा पद्धति पर चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि मऊ में ऐसे रोजगार परक एवं बहुधंधीय संस्थान की अति आवश्यकता थी जो राजकीय पाॅलीटेक्निक कालेज की स्थपना से जरूर पूरी हुयी है, पर इसकी सार्थकता तभी लाभपरक हो सकती है जब मऊ के छात्र एवं छात्रायें यहां से आधूनिक शिक्षा प्राप्त कर अपने जीवन को आगे की ओर ले जायें। कई वक्ताओं ने देश के सर्वांगीण विकास के प्रति अपना मन्तब्य जाहिर करते हुये कहा कि यही वह छात्र हैं जो कल देश की बाग डोर संभालेंगे। उन्होंने उदाहरण स्वरूप कहा कि नगर, जनपद एवं सूबों से ही देश का निर्माण हेाता है और हमारा नगर अरशद जमाल की देख-रेख में निरन्तर विकास की धुरी पर तेजी से घूम रहा है। नगर की तरक्की इस बात की द्योतक है कि श्री जमाल को राजनैतिक क्षेत्र में दक्षता प्राप्त है। इसी प्रकार प्रत्येक क्षेत्र में लोगों को निपुण होना चाहिये तभी हमारा सम्पूर्ण विकास सम्भव हो पायेगा, क्यों कि दक्ष लोग ही समाज के अलग-अलग क्षेत्र में अपना योगदान ठीक से दे सकते हैं।
इस अत्यन्त महत्वपूर्ण अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद पूर्व पालिका अध्यक्ष अरशद जमाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि आप समाज के उस तब्के से तअल्लुक रखते हैं जिसके मार्गदर्शन के बिना कोई भी समाज कुशल एवं दक्ष नहीं बन पाता। शिक्षक ही हमारे अन्तःकरण में मानवीय आधारों को नियत करता है इस लिये इसकी जिम्मेदारियां दूसरों की अपेक्षा अधिक बड़ी हैं। उन्होंने चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा कि बहुत तलाश के बाद ही हमंे कई अध्यापक ऐसे मिल पाते हैं जिनमें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होता है और साथ ही वह अपने क्षेत्र में भी दक्ष होते हैं। हमें अपने अन्दर कर्तब्य पालन के एहसास को पैदा करने की आवश्यकता है। जीवन के किसी भी क्षेत्र में मार्गदर्शन करने वाला व्यक्ति ही वास्तव में व्यवहारिक गुरू है। श्री जमाल ने कहा कि जब तक अध्यापक अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझेंगे अच्छा विद्यार्थी पैदा नहीं कर सकते इसी प्रकार जब तक छात्र अपने गुरूओं का सम्मान एवं उनके प्रति स्वयं को न्योछावर नहीं कर लेता हमारी ऐसी कई शैक्षिक संस्थायें हमें मात्र शिक्षित कर सकती हैं व्यवहारिक एवं निपुण नहीं बना सकतीं। उन्होंने बताया कि आज हर क्षेत्र को विशेषज्ञों की आवश्यकता है, पर अमेरिका में ही हर क्षेत्र के विशेषज्ञ मौजूद हैं क्यों कि वहां के लोग विशेषकर शिक्षक समाज कर्तब्यों के प्रति जागरूक है और छात्र-छात्रायें अपने गुरूओं के प्रति आज भी समर्पित हैं। इस दीक्षांत समारोह के अवसर पर राजकीय पाॅलीटेक्निक कालेज परिवार एवं छात्र-छाओं के इलावा बड़ी संख्या में विद्वान एवं समाज के जिम्मेदार लोग उपस्थित रहे।