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प्राथमिक विद्यालय रकौली में बच्चे पढ़ेंगे ऐप पर, सहायक अध्यापिका सदफ कौसर ने प्रधानाध्यापक सतीश सिंह के सहयोग से कर रही हैं नये सत्र में नये स्तर से शिक्षा देने की तैयारी

(आनन्द कुमार)

मऊ।जिन्दगी जीना है तो कुछ अलग जियो, तमन्ना संजो कर उस ओर बढ़ो, करो कुछ ऐसा की जमाना याद रखे, चाहे सरकारी नौकरी में रहो या प्राइवेट नौकरी में रहो। यह पंक्तियां बिल्कुल नयी है और लिखी गयी है जनपद के परदहां क्षेत्र के रकौली गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापक सतीश कुमार सिंह व विद्यालय की सहायक अध्यापिका कुमारी सदफ कौसर के ऊपर। मन में तरह-तरह के सपनों को संजो उन सपनों को पंख देने की जो उड़ान इस विद्यालय के इन दो युवाओं ने भरी है उसकी जितनी भी तारीफ की जाये कम है।

जिस प्राथमिक विद्यालय में पठन-पाठन से लोग दूर भागते हैं जिसमें शिक्षक को देखने व समझने का लोगों को नजरिया ही बदल जाता है। जिस प्राथमिक विद्यालयों को शासन व प्रशासन स्तर से भी बेहतर बनाने का कोई सुगम रास्ता नहीं है, ऐसे में अगर आपको मौका मिले तो प्राथमिक विद्यालय रकौली को देखने और समझने ग्राम रकौली, मऊ जरूर जाइए, सच में आप इस विद्यालय को देख कर न सिर्फ प्रधानाध्यापक व अध्यापक बल्कि विद्यालय के एक- एक बच्चे के प्रति आप कह उठेंगे अरे यह सरकारी विद्यालय है। विद्यालय का साज-सज्जा, रंग-रोगन, फूल-बगिया सब कुछ आपके चेहरे पर सिर्फ मुस्कान लाएंगे और आप कह उठेंगे विद्यालय के प्रधानाध्यापक सहित सभी अध्यापक व बच्चे की जितनी तारीफ की जाये कम है। 

यह ही नहीं आप यह भी कह कह उठेंगे की विद्यालय के विकास में जिस भी व्यक्ति ने आर्थिक, कम्प्यूटर, लैपटाप, पंखा, ब्रेंच आदि जो भी संसाधन दिया है वह सही जगह खर्च हुआ। इतना ही विद्यालय के निरन्तर विकास को देखकर सहयोग करने बाले भी स्वेच्छा से विद्यालय परिवार के साथ कदमताल कर बैठते हैं। प्राथमिक विद्यालय रकौली का नाम शासन स्तर से लेकर मंडल व जनपद स्तर पर रोशन करने बाले इन युवाओं के कुछ अलग करने की ललक से कुछ सीखने की जरूरत है और इनके हुनर को आगे बढ़ाने की। 

प्राथमिक विद्यालय रकौली के प्रधानाध्यापक व सहायक अध्ययापिका की बदौलत यह विद्यालय आगामी सत्र 2018-19 से पूरी तरह डिजिटल शिक्षा प्रदान करने की तैयारी में है। जनपद मऊ का यह एक मात्र ऐसा परिषदीय प्राथमिक विद्यालय है जहां वर्ष 2013 से  ICT (इनफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नालॉजी) उपकरणों का प्रयोग करते हुए बच्चों को आधुनिकतम तरीके से गुणवत्तायुक्त एवम मनोरंजक शिक्षा प्रदान की जा रही है।

वर्तमान में विद्यालय के बच्चों को खेल-खेल में अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए विद्यालय की सहायक अध्यापिका कुमारी सदफ कौसर ने हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यम में कई मोबाइल ऐप तैयार किया है तथा कई और ऐप तैयार कर रही हैं। ये मोबाइल ऐप मोबाइल , लैपटॉप तथा कम्प्यूटर किसी पर भी सरलतम तरीके से चलाए जा सकते हैं।

विद्यालय द्वारा इस सत्र की समाप्ति तक विद्यालय में पढ़ाई जाने वाली सभी किताबों को ई-बुक के माध्यम से डिजिटलाइज्ड करने की भी तैयारी प्रारम्भ कर ली गई है। किताबों के ई-बुक में बदल लेने के बाद भविष्य में विद्यालय एवं बच्चों को पुस्तकों से निजात मिलेगी। बच्चे विद्यालय के कम्प्यूटर एवम प्रोजेक्टर पर ही नियमित रूप से अपने पाठ्यपुस्तकों को पढ़ सकेंगे।

उल्लेखनीय है कि विद्यालय में बच्चों के लिए 4 कंप्यूटर एवं 3 लैपटॉप का लैब वर्तमान में उपलब्ध है जिसका लाभ बच्चे प्राप्त भी कर रहे हैं। आगामी सत्र से विद्यालय की सभी कक्षाओं में एक सेट कम्प्यूटर लगाने की भी योजना पर कार्य हो रहा है। आगामी माह से विद्यालय को डिजिटल करने की कड़ी में सभी चारो कक्षाओं के कम्प्यूटर एवं प्रोजेक्टर को सर्वर के माध्यम से प्रयोगशाला से जोड़ दिया जाएगा जिससे एक स्थान से ही सभी कक्षाओं को एक साथ पाठ्य सामग्री प्रदान करते हुए संचालित किया जाने लगेगा। इससे अध्यापकों की कमी की समस्या का पूर्ण समाधान होने के साथ कक्षाओं में पढ़ाई जाने वाली सामग्रियों पर प्रभावी नियंत्रण के साथ नियमित निगरानी रहेगी।

विद्यालय को डिजिटल करने में सबसे उल्लेखनीय कार्य कुमारी सदफ कौसर द्वारा बनाये गए ऐप करेंगे जिनके माध्यम से बच्चे खेल खेल में सभी प्रकार की शैक्षिक जानकारियां सरलता से प्राप्त कर सकेंगे। वर्ष 2013 में प्रधानाध्यापक सतीश कुमार सिंह बच्चों को लैपटॉप और मोबाइल के माध्यम से खेल-खेल में शिक्षा प्रदान करने की शुरुआत किया इसके बाद विद्यालय में स्मार्ट क्लास की शुरुआत कराई।
इस क्रम में सर्वप्रथम एक कक्षा में प्रोजेक्टर के माध्यम से बच्चों को स्मार्ट क्लास की सुविधा प्राप्त थी, धीरे धीरे 4 कक्षाओं में प्रोजेक्टर उपलब्ध हुआ और बच्चे स्मार्ट क्लास की सुविधा प्राप्त करने लगे। विद्यालय के बच्चों को प्राइवेट विद्यालयों से भी बेहतर सुविधा प्रदान करने के प्रयास के अंतर्गत सभी कक्षाओं को उच्च गुणवत्ता के फर्नीचर, पंखे आदि स्वयं के संसाधन से उपलब्ध कराए गए।

विद्यालय की सुरक्षा एवम बच्चों सहित पठन पाठन पर नियामित निगरानी के लिए विद्यालय को सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में किया गया। बच्चे अच्छी और गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्राप्त कर सकें इसके लिए विद्यालय में प्रचुर मात्रा में शिक्षण सामग्री के साथ एक समृद्ध पुस्तकालय की भी स्थापना की गई।
उपरोक्त सभी कार्य प्रधानाध्यापक सतीश कुमार सिंह ने स्वयं के संसाधनों एवं एवं अपने शुभेच्छुओं के माध्यम से किया। इसमें किसी प्रकार का कोई विभागीय अथवा शासकीय धन का उपयोग नहीं किया गया है।
उन्होनें बताया की विद्यालय के साथ ही जनपद के कई और शिक्षकों को प्रेरित कर लगभग 20 विद्यालयों को स्मार्ट क्लास की सुविधा से सुस्ज्जित कराया है तथा अन्य कई विद्यालयों में स्मार्ट क्लास प्रारम्भ कराने की योजना हैं। जितने भी विद्यालय स्मार्ट क्लास की सुविधा प्रदान कर चुके हैं तथा जो होने जा रहे हैं, उन सभी को विद्यालय द्वारा तैयार किये जा रहे तकनीकी टूल्स निःशुल्क प्रदान किये जायेंगे। साथ ही इसके अतिरिक्त और भी कई योजनाएं हैं जिनपर कार्य हो रहा है।

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  • Akansha gupta

    बहुत ही सराहनी कार्य है| शुभकामनाएं 🙏

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