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नशाखोरी,अशिक्षा, कुपोषण से मुक्त हो बच्चें : बाल दिवस पर गोष्ठी

नदवासराय/मऊ। बाल दिवस मनाना तभी सार्थक होगा, जब हम बच्चों के बालमन को समझेगें और उनके जीवन को नशाखोरी से, अशिक्षा से, कुपोषण आदि से मुक्त कर सकेगें और समाज में ऐसी व्यवस्था बना सकेंगे कि हमारे समाज में बच्चों का सही पालन-पोषण हो सके और कोई भी बच्चा स्वयं को उपेक्षित व असहाय महसूस न कर सके।उक्त बातें मंगलवार को बाल दिवस के अवसर पर अल्पाइन कान्वेंट पब्लिक स्कूल पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानाध्यापक शशिधर पाण्डेय ने व्यक्त किया।
शिक्षक उमेश श्रीवास्तव ने कहा कि निष्चित रूप से बच्चे ही राष्ट्र की सम्पति व भविष्य होते हैं इसलिए उनके विकास पर ध्यान देने की जरूरत है। शिक्षक महेन्द्र चौहान ने कहा कि देश-प्रदेश में अधिकांश बच्चे बाल श्रमिकों के रूप में जीवन गुजारते देखें जाते हैं। उनसे काम लेने वाले लोग जमकर उनका पोषण करते हैं जबकि बच्चों को उनका सुकोमल बचपन मिल सके। शिक्षिका अंजली भारद्वाज व ताहिरा मुहीद ने नेहरू जी के जीवन पर प्रकाष डाला और कहा कि यह विद्यालय धीरे-धीरे शिक्षा के क्षेत्र में रफ्तार पकड़ रहा है। बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर मुख्यरूप से रेखा मिश्रा, ज्योति गुप्ता, आराधना, अमृता शर्मा, शंकर यादव, श्रवण, रामकरन सहित सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं।

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