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दर्पण में अपना ही चेहरा देख उग्र हुआ बंदर ने युवक को छत से ढकेला

(फतेहबहादुर गुप्ता)
रतनपुरा/मऊ। बाजार में पागल एवं हिंसक बंदर का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है,यह बंदर बाजार के मिश्रा कटरा से लेकर आसपास के मकानों को अपना रिहायश बना रखा है। बताया जाता है कि हिंसक बंदर को सबसे ज्यादा चीढ दर्पण से है। दर्पण में अपना ही चेहरा देख कर के वह उग्र से उग्र रूप धारण कर ले रहा है और इसके बाद तहस-नहस का दौर शुरू कर दे रहा है। कम्युनिस्ट पार्टी के युवा नेता जितेंद्र राजभर ने बताया कि उक्त हिंसक बंदर भगवान दास गुप्त के मकान को अपना सेंटर बना रखा है और वहीं से देवेंद्र प्रसाद मिश्र के कटरा को निशाना बनाकर के वहां के लोगों पर हमला कर रहा है।
गुरुवार के दिन हिंसक बंदर ने जमकर उत्पात मचाय। उसके नग्न तांडव से आसपास के व्यापारी पूरी तरह से दहशत में आ गए है। यही नहीं छत के ऊपर अपने किसी कार्य से गए ब्लॉक का एक कर्मचारी इस हिंसक बंदर की चपेट में आ गया। ज्योंहि यह कर्मचारी बंदर को देख कर के सीढ़ियों के तरफ भागने का प्रयास किया, तभी बंदर ने रेलिंग के सटे युवा ब्लॉक कर्मचारी को धक्का देकर के नीचे की तरफ गिरा दिया। गनीमत यही थी की कर्मचारी लटकते हुए साइकिल के ऊपर गिर पडे जिसे उन्हें मामूली चोटें आई, परंतु जिस साइकिल के ऊपर गिरे थे ,उसका पहिया क्षतिग्रस्त हो गया। इस नजारे को देख कर के प्रत्यक्षदर्शियों को पूरी तरह से सकते में डाल दिया। 11 जनवरी 2018 को गुरुवार के दिन इस पागल और बहशी बंदर के नग्न तांडव को देखने के लिए प्रत्यक्षदर्शियों की भारी भीड़ जमा हो गई थी। फिलहाल लाठी डंडा और पत्थर लेकर के लोगों ने इसे भगाया ,परंतु वह कभी भी आ धमकता है।
यही नहीं बंदर किसी भी समय किसी के दुकान में धमकता है। दुकान में आते ही दुकान मालिक की सिट्टी पिट्टी गुम हो जाती है। अगर दुकान में ग्राहक हैं तो स्थिति उस समय और भयावह हो जाती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग विभाग को इस बंदर से कस्बेवासियों को निजात दिलाने के लिए तुरंत कार्रवाई करना चाहिए। वन विभाग अगर किसी प्रकार का लापरवाही या कार्रवाई में देर करेगा तो इससे किसी भी समय भयंकर क्षति हो सकती है और वन विभाग किसी भी प्रकार की अनहोनी का जिम्मेदार होगा।

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