गेहूं पर अतिरिक्त शुल्क को लेकर मऊ के व्यापारियों ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
मऊ। एक तरफ केंद्र सरकार द्वारा बहुप्रतीक्षित कर योजना जीएसटी के अंतर्गत वादा किया गया कि इस कर प्रणाली के अंतर्गत एक राष्ट्र एक कर की व्यवस्था की जाएगी। वही खाद्यान्नों में प्रमुख अनाज चावल और गेहूं पर कृषि उत्पादन मंडी समिति द्वारा 2.5% शुल्क लगाए जाने से व्यापारियों में रोष उत्पन्न हो गया। मंगलवार को जिलाधिकारी ऋषिरेन्द्र कुमार से मिलकर लघु उद्योग भारती के नेतृत्व में व्यापारियों ने मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन सौंपा।
गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश में गेहूं व चावल पर कृषि उत्पादन मंडी समिति द्वारा 2.5% शुल्क वसूला जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में जीएसटी कर प्रणाली लागू किए जाने पर व्यापारियों को उम्मीद थी कि अब इस अतिरिक्त शुल्क से छुटकारा मिल सकेगा, क्योंकि सरकार द्वारा जीएसटी के अंतर्गत अन्य कोई कर लगाने का प्रावधान नहीं रखा गया था। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पहले से वसूले जा रहे कृषि उत्पादन मंडी समिति शुल्क को हटाया नहीं गया व इसे निरंतर जारी रखने का निर्णय लिया गया। जिससे व्यापारियों में रोष उत्पन्न हो गया। जिसको लेकर लघु उद्योग भारती जिला संयोजक भरथ ठरड के नेतृत्व में व्यपारियो ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।
इस सम्बंध में व्यवसायी मृत्युंजय द्विवेदी, कन्हैया जायसवाल, नरेंद्र गुप्ता, उदयभान जायसवाल, पुल्लू मद्धेशिया इत्यादि ने कहा कि पड़ोस के प्रांत बिहार में गेहूं चावल पूर्णतया कर मुक्त है, ऐसे में पूर्वांचल के जनपद के सभी व्यवसाई बिहार की कर प्रणाली से प्रभावित होंगे। इसके साथ ही कुछ लोगों द्वारा टैक्स बचाने के चक्कर में कालाबाजारी भी किया जा सकता है, जिससे कहीं ना कहीं व्यापार प्रभावित होगा। इतना ही नहीं प्रदेश में गेहू पर 2.5% अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने से उपभोक्ताओं को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इस संबंध में मंगलवार को लघु उद्योग भारती जिलासंयोजक भारत थरड के नेतृत्व में व्यापारियों ने मुख्यमंत्री को प्रेषित एक ज्ञापन जिलाधिकारी ऋषिरेन्द्र कुमार से मिलकर उन्हें सौंपा। ऋषिरेन्द्र कुमार ने पूरे मामले को गंभीरता से सुनते हुए मामले को शासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।