गाँव का विकास तभी संभव है जब यहाँ के बच्चे शिक्षित व स्वस्थ्य होगें : राजेश
मऊ। “ख्वाहिशों से ऐसे ही नहीं गिरते फूल झोली में, कर्म की शाख को हिलाना होगा, कुछ नहीं होगा अंधेरे को कोसने से,अपने हिस्से का दीया खुद ही जलाना होगा” ये पक्तियां मास्टर ट्रेनर राजेश श्रीवास्तव ने राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भोपतपुर सुतरहीं के एस.एम.डी.सी.के सदस्यों को प्रशिक्षित करते हुए कही। साथ ही कहा कि देश के विकास के बारे में तब तक सोचना बेमानी है, जब तक गाँवों का विकास न हो जाए और गाँव का विकास तभी संभव जब यहाँ के बच्चे शिक्षित व स्वस्थ्य होगें। इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अन्तर्गत इन विद्यालयों को संचालित किया जा रहा है। मास्टर ट्रेनर बृजेश कुमार गिरि ने बताया कि विद्यालयों के विकास में एस.एम.डी.सी की महत्वपूर्ण भूमिका है और प्रधानाचार्य को चाहिए कि बताये गए प्रक्रिया के अनुसार हर वर्ष के अन्त में व अगले वर्ष के नियोजन के पूर्व अपने विद्यालय के एस.एम.डी.सी. को अपने कार्य की समीक्षा करने के लिये प्रेरित करें।इस मौके पर प्रधानाध्यापिका आशा सिंह, पूर्व प्रधान रामू राम,सुषमा, सरिता, शिवचन्द, राधिका, सुनीता व तिरछू आदि मौजूद रहे।