टीबी रोग की अधिक जानकारी के लिए 24 घंटे सेवा टोलफ्री नंबर
मऊ। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा ‘टीबी हारेगा देश जीतेगा’ थीम के साथ प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान अन्तर्गत टीबी उन्मूलन के लिए जन भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राजकीय टीबी क्लिनिक में सोमवार को जिलाधिकारी प्रवीण मिश्रा के निर्देश पर सीएमओ नंद कुमार की अध्यक्षता में जिला क्षयरोग अधिकारी के नेतृत्व में रेड क्रॉस सोसाइटी के तत्वाधान में 40 क्षय रोगियों को गोद लेने के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें इन टीबी के रोगियों को गोद लेकर उनके छह माह तक देखभाल, जागरूकता और उनके पौष्टिक आहार की जिम्मेदारी ली गई। इस कार्यक्रम में रेड क्रॉस सोसाइटी से देवभास्कर तिवारी डीएवी प्रिंसिपल, वरिष्ठ सदस्य रमाकांत पांडे, अजीत सिंह रोटरी अध्यक्ष मौजूद रहे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. नन्दकुमार ने जानकारी दी कि शासन द्वारा सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों को आगे आकर टीबी रोग से ग्रसित लोगों को गोद लेने के लिए सभी सामाजिक संस्थाओं से आह्वान किया गया है। क्षय रोग पर अधिक जानकारी के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा टोल फ्री नंबर 104 और 1800 11 6666 जारी किया गया है। इस पर संपर्क कर और भी अन्य जानकारियां ली जा सकती हैं।
रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष इं. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा देश को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया है। रेड क्रॉस सोसाइटी ने 40 टीबी के रोगियों को गोद लिया है, पहले भी टीबी के रोगियों को गोद लिया था और आगे भी यह क्रम जारी रहेगा।
रेड क्रॉस सोसाइटी के कोषाध्यक्ष पूर्व अध्यक्ष मु. तैयब पालकी ने बताया कि इस बीमारी में अगर कोई किसी आर्थिक समस्या के कारण प्रोटीन या किसी आवश्यक पदार्थ से वंचित होने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाता है और लोग टीबी के बीमारी के प्रभाव में आ जाते हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें आवश्यक पौष्टिक सामग्री उपलब्ध कराकर उन्हें सहयोग दिया जाता है और आगे भी इस तरह से अन्य क्षय के रोगियों की मदद की जाएगी।‘’
डीटीओ डा.आर.के. सिंह ने लोगों को बताया कि टीबी (क्षय) रोग एक संक्रामक रोग है जो कीटाणु से उत्पन्न होता है। टीबी के लक्षण दो सप्ताह से ज्यादा खांसी आना, छाती में दर्द होना, वजन घटना, भूख में कमी, बलगम के साथ खून आना यह टीबी होने के लक्षण हैं। घर में किसी व्यक्ति को इस तरह के लक्षण दिखाई दे तो तत्काल जिले के किसी भी नजदीकी राजकीय चिकित्सालय पर लाकर चिकित्सक से परामर्श लें, इस रोग का पूरा इलाज छह से आठ माह तक चलता है।
डिप्टी डीटीओ डा. एच.आर. सोनी ने बताया इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन कर गोद लेने का उदेश्य समाज के सभी लोगों में टीबी को लेकर जागरुकता लाना उनके मनोबल को बढ़ाना है। उन्हें यह बताना है कि यह लाइलाज बीमारी नहीं है। टीबी का नियमानुसार इलाज किया जाये और दवाइयों का सेवन किया जाए तो इसका रोगी निश्चित अवधि में में ठीक हो जायेगा। एमडीआर के मरीजों के इलाज पर लाखों सरकार द्वारा खर्च किया जाता है।
इस मौके पर जयदेश यादव डीपीपीएम, प्रमोद कुमार सिंह डीओ,अशोक यादव एसटीएस, गजेंद्र सिंह फार्मासिस्ट अविनाश सिसोदिया एलटी, बृजेश यादव टीबी एचबी,
आदि उपस्थित रहे।