जमीअत ए उलमा का प्रतिनिधिमण्डल डीएम से मिला, रोहन्गिया के मुस्लिम पर हो रहे अत्याचार के विरोध में ज्ञापन सौंपा
मऊ। जमीअत ए उलमा का एक प्रतिनिधिमण्डल ज़िला अध्यक्ष मौलाना अब्दुल हई के नेतृत्व में सोमवार को ज़िलाधिकारी से कलेक्ट्रेट में मुलाकात करके 5 सूत्रीय मांग पत्र सौंप कर बरमा के म्यांमार में रोहन्गिया के मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार एवं नस्लकुशी के विरूद्ध विरोध प्रदर्शन किया। मांग पत्र के माध्यम से मांग की गयी कि म्यांमार की भयावह स्थिति मे सरकार द्वारा अत्याचार तथा नरसंहार की कड़े शब्दों में निन्दा की जाय तथा म्यांमार के राजदूत को बलाकर उसकी सरकार को कानून की बालादस्ती कायम रखने केलिए बलपूर्वक कहा जाय। म्यांमार के मुसलमानों पर जो अत्याचार नरसंहार हो रहा है वह ने केवल मानवता के विरूद्ध है बल्कि सरकारी आतंकवाद के दायरे में आता है इस लिए म्यांमार के राजदूत को तलब करके रोहन्गिया के मुसलमानों के नरसंहार पर जवाब तलब किया जाय। भारत सरकार अपने प्रभाव का प्रयोग करते हुए म्यांमार सरकार पर दबाव बनाए कि वहां की सेना द्वारा रोहन्गिया मुसलमानों की नस्लकुशी व अत्याचार तुरन्त बन्द किया जाय। म्यांमार की स्थिति सामान्य होने तक रोहन्गिया के मुसलमानों को भारत में रखा जाये और स्थिति शान्त व सामान्य होने के बाद ही संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में इस आश्वासन के साथ वापस भेजा जाय कि वहा इन की जान माल इज़्ज़त आबरू की सम्पूर्ण सुरक्षा की जायेगी। भारत सरकार की ओर से रोहन्गिया मुसलमानों की हर स्तर पर सहायता की जाये तथा उनके खाद्यान, दवा इलाज की व्यवस्था की जाये। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष मौलाना अब्दुल हई ने कहा कि म्यांमार के मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार और नरसंहार पर संसार का हर इंसाफ पसंद इंसान बेचैन है। म्यांमार सरकार की मुजरिमाना खामोशी और नस्लकुशी पर हर दर्दमंद दिल इंसान तड़प रहा है। नगर अध्यक्ष मौलाना अब्दुल अलीम नदवी ने कहा कि संसार के अधिकांश देश, संयुक्त राष्ट्र तथा मानवाधिकार संगठनों ने इस नरसंहार की कड़े शब्दों में निन्दा की है। मौलाना इफ्तेखार अहमद मिफ्ताही ने कहा कि भारत की पूरानी संस्कृति भी यही रही है कि यहां की जनता एवं सरकार ने सदैव अत्याचार नरसंहार के विरूद्ध शोषित एवं पीड़ितों के पक्ष में आवाज़ बुलन्द की है। इस अवसर पर मुख्य रूपसे मौलाना अब्दुल हई, मौलाना नज़ीर अहमद, मौलाना अब्दुल अलीम नदवी, मौलाना इफ्तेखार अहमद मिफ्ताही, मौलाना अहमदुल्लाह क़ासमी, मौलाना फैयाज़ अहमद, मौलाना कमाल अख्तर, मौलानो मरगूबुल हक, अबू बकर अंसारी, नौशाद अंसारी, मकसूद अहमद, इस्लामुददीन आज़मी, मौलाना अरशद जमाल, मुम्ताज़ मज़हरी, मौलाना अनवर रशीद, मोहम्मद अबूज़र, मोहम्मद शाबान, राजू आदि उपस्थित रहे।