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कैलाश सत्यार्थी की भारत यात्रा बलिया पंहुची,5 हजार बच्चों में गूंजा बचपन बचाओ का नारा

बलिया। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा बाल यौन शोषण और तस्करी के प्रति अभूतपूर्व जागरूकता पैदा करने के लिए शुरू की गई भारत यात्रा 35 दिवसीय लंबे मार्च के 24वें दिन बुधवार को बलिया पहुंची।
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन और यात्रा के कोर मार्च (प्रदर्शनकर्ता जुलूस निकालने वाले) का स्वागत उत्साहित बच्चों द्वारा किया गया, जो यह सुनिश्चित होने पर उत्सुक थे कि वो अपनी चिंताओं और विचारों को आवाज देते हुए यात्रा में हिस्सा लेंगे।
चन्द्रशेखर आजाद चौक से भगत सिंह चौक तक के मार्च में लगभग 4000-5000 युवाओं और वर्किंग प्रोफेशनल्स की भागीदारी सुनिश्चित की, जो हमारे देश के सबसे युवा नागरिकों के लिए आवश्यक अधिकारों की मांग को बुलंद कर रहे थे। इस दौरान स्टॉप चाइल्ड एब्यूज, डाउन विद सैक्चुअल असॉल्ट आदि बलिया क्षेत्र में गूंजे। यात्रा में चल रहे मार्च ने देश के नागरिकों से कदम उठाने और बच्चों के लिए लड़ने का आह्वान किया। उन्होंने बलिया के रहवासियों से सेफ चाइल्डहुड-सेफ इंडिया के निर्माण का आग्रह किया। नाथ बाबा मठ के श्री शैलेश गिरी महाराज ने कहा कि यदि बचपन खतरे में है, तो हम भारत को नहीं बचा सकते। उनकी सुरक्षा, कुशलता और कल्याण सुनिश्चित करना हम सभी की जिम्मेदारी है। हमें अपने बच्चों और जो सक्षम हैं, से परे सोचने की आवश्यकता है। हमें बचे हुए कमजोरों की जिम्मेदारी उठानी चाहिए। फाउंडेशन के प्रवक्ता ने यौन उत्पीड़न और हमले के बारे में चुप्पी तोड़ने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि समाज में गलत तरीकों को हटाने के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने सही बदलाव लाने के लिए बाल यौन शोषण और तस्करी से लड़ने के लिए युवाओं से अपील की। उन्होंने सवाल खड़ा किया कि यदि बच्चे स्कूल और घरों में सुरक्षित नहीं हैं, तो सही मायनों में वो कहां सुरक्षित हैं?
सामाजिक कार्यकर्ता राजीव सिंह ने कहा कि आज जिन छात्रों ने मार्च किया है, वो कैलाश सत्यार्थी है। यह देखकर मुझे दुख होता है कि शिक्षा व्यवस्था इतनी हिंसक हो गई है। देश में हर दिन एक बच्चे के साथ दुर्व्यवहार, बलात्कार या शोषण जैसी घटनाएं होती हैं। हमें इसे रोकने की जरूरत है।
यह सत्यार्थी जैसे लोगों के नेतृत्व में ही मुमकिन है कि पहले से मौजूद कानून बेहतर ढंग से लागू किए जाऐंगे और नए कानूनों के लिए रास्ता प्रशस्त किया जाएगा। हमें उनके साथ हाथ मिलाकर सेफ चाइल्डहुड-सेफ इंडिया को सुनिश्चित करना है।
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन ने राज्य संस्थानों से अपील कि बच्चों के लिए विशेष अदालतों और निर्दिष्ट अभियोजन पक्षों को सुनिश्चित किया जाए, जो बच्चों के अधिकारों से संबंधित मामलों को देखें। उन्होंने पीड़ितों और बचे लोगों के पोस्ट ट्रॉमा पुनर्वास की जरूरत और प्राथमिकता पर भी जोर दिया।

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