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उप मुख्यमंत्री ने राघवेन्द्र के पत्र का लिया संज्ञान, मामला बार-बार डीसीएसके को परीक्षा केन्द्र बनाने का

मऊ। नगर मुख्यालय पर स्थित डीसीएसके पीजी कॉलेज में बार-बार हो रहे बाहरी परीक्षाओं व उससे कालेज में पढ़ने बाले छात्र-छात्राओं का ठीक ढंग से पठन-पाठन न हो पाने के कारण, इस गंभीर समस्या को ध्यान में रखकर अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के जिला संयोजक राघवेन्द्र राय शर्मा से डीसीएसके पीजी कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने छात्रों के हित में शिकायत पत्र सौंपी थी। जिसको तत्काल गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए राघवेंद्र शर्मा ने यूपी के उपमुख्यमंत्री को समस्याओं को विस्तृत ई-मेल कर बताया। उपमुख्यमंत्री के निजी सचिव कल्याण सिंह ने इस मामले में अपर मुख्य सचिव को किया पृष्टान्कित आदेश, इस क्रम में अपर मुख्य सचिव ने रजिस्ट्रार , जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया को निर्देशित किया है डीसीएसके के अध्यक्ष ने बताया कि डी.सी.एस.के.पी.जी.कॉलेज में सभी महत्वपूर्ण परीक्षाओं का आयोजन होने से कॉलेज की शिक्षा व्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है। कक्षाओं का नियमित संचालन नहीं होने से पाठ्यक्रम अधूरा रह जाता है। जनपद में और भी विद्यालय स्थापित है जहाँ पर इन परीक्षाओं का आयोजन किया जा सकता है। किन्तु सभी प्रकार की परीक्षाओं का आयोजन सिर्फ डी.सी.एस.के. पी.जी. कॉलेज में निर्धारित होने से इस कॉलेज के छात्र -छात्राओं की कक्षाएं सुचारू रूप से नहीं चल पाती है। परीक्षाओं के आयोजन से प्रबंधतंत्र को क्या फायदा होता है कि वे कॉलेज में सभी प्रकार की बाहरी परीक्षाओं की स्वीकृति प्रदान करते है। यह एक जांच का विषय है, जबकि जनपद में और भी कॉलेज है। पहले से छुट्टी सुनिश्चित नहीं होने से छात्रों को असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। वर्ष के 365 दिनों में लगभग 100 दिन भी कक्षाओं का नियमित संचालन नहीं हो पाता है। इस कॉलेज में जनपद मऊ के आस पास एवं सुदूर के क्षेत्रों के लगभग 4200 छात्र-छात्राएं पढ़ने के लिए आते है। पहले से सुचना नहीं होने से कभी-कभी छात्रों को कॉलेज आने के बाद पता चलता है कि विद्यालय बंद है इससे छात्रों को काफी असुविधा होती है। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के जिला संयोजक राघवेन्द्र राय शर्मा ने कहा छात्रों को शैक्षिक सत्र के शुरुआत में ही होने वाली छुट्टियों के बारें में पता होना चाहिए। बाहरी परीक्षाओं के आयोजन के लिए जनपद में और भी कॉलेज स्थापित है। इस विषय पर अगर सुधार होता है तो छात्रों के शिक्षा स्तर को बढाने में महत्वपूर्ण प्रयास साबित होगा। डीसीएसके जनपद के सर्वश्रेष्ठ कॉलेजों में से एक है। यहाँ से अनेक प्रतिभाएं निकलती रहती है जो विभिन्न क्षेत्रों में अपना और जनपद का नाम रोशन करती है।

One thought on “उप मुख्यमंत्री ने राघवेन्द्र के पत्र का लिया संज्ञान, मामला बार-बार डीसीएसके को परीक्षा केन्द्र बनाने का

  • Rajaram Chauhan

    Very good

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