मऊ में भाकपा का हुंकार: घृणा हिंसा, जातिवाद और महिला उत्पीड़न के खिलाफ ज़ोरदार प्रदर्शन
मऊ में भाकपा का ज़बरदस्त प्रदर्शन: जातीय हिंसा, महिला उत्पीड़न और नौकरशाही की निष्क्रियता के खिलाफ उठी बुलंद आवाज़
मऊ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राज्यव्यापी आह्वान पर गुरुवार को मऊ कलेक्ट्रेट परिसर में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने ज़ोरदार प्रदर्शन कर समाज के हाशिए पर खड़े समुदायों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज़ बुलंद की। प्रदर्शन का मुख्य केंद्र बिंदु दलितों, पिछड़ों, महिलाओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों पर बढ़ती घृणा हिंसा, भेदभाव और शासन-प्रशासन की निष्क्रियता रही।
प्रदर्शनकारियों ने जुलूस निकालकर जिलाधिकारी कार्यालय तक मार्च किया और महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कई गंभीर मामलों की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की गई। इनमें हरियाणा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वाई. पूरण कुमार की संदिग्ध आत्महत्या, बंथरा में छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार, और रायबरेली में दलित युवक हरिओम बाल्मीकि की नृशंस हत्या जैसे मुद्दे शामिल थे।
प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि:
- सुप्रीम कोर्ट के पीठासीन जज पर सार्वजनिक अपमानजनक टिप्पणी करने वाले दोषी को दंडित किया जाए।
- वाई. पूरण कुमार की आत्महत्या की निष्पक्ष जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से करवाई जाए।
- बलात्कारियों और हत्यारों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सज़ा दी जाए।
- पीड़ित परिवारों को मुआवज़ा और सरकारी नौकरी दी जाए।
- प्रशासनिक निष्क्रियता पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
प्रदर्शन में पूर्व विधायक इम्तियाज अहमद, राम सोच यादव, विनोद कुमार राय, मनोरमा देवी, गुलाइचा देवी, अनीस अहमद अंसारी, फखरे आलम, राम कुमार भारती सहित कई प्रमुख नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए।
प्रदर्शनकारियों ने सामाजिक न्याय, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए संघर्ष तेज करने की प्रतिबद्धता दोहराई।


