जांच पूरी होने के एक साल बाद भी नहीं सौंपी रिपोर्ट
-डूडा व नपा में बिना कार्य कराये करोड़ों के भुगतान का मामला
-161 कार्यों में सिर्फ 93 की हुई जांच, 68 फाइलें गायब
मऊ : डूडा व नगर पालिका में हुए करोड़ों रुपये घोटाले के मामले में जांच पूरी होने के एक साल बाद भी तकनीकी कमेटी ने जिला प्रशासन को रिपोर्ट नहीं सौंपी। जांच में घोटाले की पुष्टि होने के बाद रिपोर्ट नहीं सौंपे जाने को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है।
सपा शासन में वर्ष 2010 से 2017 के बीच डूडा एवं नगर पालिका द्वारा विभिन्न निर्माण कार्यों के नाम पर करोड़ों रुपये के फर्जी भुगतान का मामला सामने आया था। भदेसरा निवासी डा. पवन कुमार सिंह ने 18 जनवरी 2022 को इसकी शिकायत तात्कालीन जिलाधिकारी से की थी। इसमें डूडा के 33 और नगर पालिका के 128 कामों का विवरण था। इस दौरान डीएम ने तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट से जांच कराई थी। इस दौरान 11 कार्यों की जांच हो पाई थी। इसमें अनियमितता भी उजागर हुई। सिटी मजिस्ट्रेट ने विस्तृत जांच के लिए तकनीकी टीम के गठन की सिफारिश की। इस आधार पर तात्कालीन जिलाधिकारी ने मुख्य राजस्व अधिकारी की अध्यक्षता में तकनीकी जांच कमेटी का गठन किया। जिला विकास अधिकारी और पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता को कमेटी का सदस्य बनाया गया। इस तकनीकी कमेटी ने 42 अभियंताओं की 20 टीमों का गठन कर जांच की जिम्मेदारी सौंप दी। इसके बाद टीम जांच में जुट गई। कुल 161 कार्यों की जांच होनी थी, लेकिन सिर्फ 93 कार्यों की ही फाइलें जांच टीमों को उपलब्ध हो पायीं। शेष 68 फाइलों को जमीन खा गया या आसमान, इसका पता नहीं चला। जांच टीमों ने उपलब्ध फाइलों के आधार पर 93 कार्यों की जांच कर 27 सितंबर 2024 को ही अपनी आख्या तकनीकी कमेटी को सौंप दी। इस जांच व्यापक पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया। अनेक कामों में सिर्फ फाइलों में ही काम कराते हुए शत प्रतिशत फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई। लेकिन करीब एक साल से जांच आख्या फाइलों में दबी हुई है। तकनीकी कमेटी ने वह रिपोर्ट जिला प्रशासन को नहीं सौंपी। चर्चा है कि इसमें कई अफसरों की गर्दन फंस रही है। इसकी वजह से जांच रिपोर्ट को दबाया जा रहा है।
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जांच टीमों को निर्देशित किया गया है कि वह उचित प्रारूप में रिपोर्ट तैयार करे। रिपोर्ट मिलते ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।
दिनेश मिश्र, सीआरओ मऊ