आखिर वे लोग कौन हैं जो एके शर्मा की छवि को बदनाम कर रहे हैं!
@ आनन्द कुमार…
विकास के नाम पर मऊ में पूर्व केन्द्रीय मंत्री कल्पनाथ राय के निधन के बाद जो खाका ऊर्जा मंत्री एवं नगर निकाय मंत्री एके शर्मा खींच रहे हैं वास्तव में वह काबिले तारीफ है। क्योंकि बरसों बाद मऊ के विकास के बारे में जनप्रतिनिधि कुछ कुछ सोचने लगे हैं। चाहे वे जिस दल के हों या जिस दिल में हों। वैसे तो एक शर्मा जनप्रतिनिधि भले ही हैं लेकिन मऊ की जनता का उनके जनप्रतिनिधि बनने और बनाने में एक प्रतिशत का भी योगदान नहीं है। वह जनप्रतिनिधि बने हैं अपनी सरलता से अपनी सहजता से और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी निकटता से!
लेकिन अरविन्द शर्मा के मंत्री बनने के बाद ही उनके समर्थकों व शुभचिंतकों की बाढ़ सी आ गई है। यह स्वाभाविक भी है किसी नेता के लिए! लेकिन भीड़ ऐसी भी ना हो जाए कि उसमें से कुछ लोग उन्हें बदनाम करते रहे, उनकी छवि को खराब करते रहे। अगर आप सच में एके शर्मा के समर्थक हैं उनसे जुड़ अगर आप अपने लिए आर्थिक उपार्जन ईमानदारी से कर रहे हैं तो यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपनी ईमानदारी का ख्याल रखें और अपने नेता की छवि का ख्याल रखें!
लेकिन ऐसा हो भी रहा है और नहीं भी हो रहा है! आखिर उसका जिम्मेदार कौन है। एके शर्मा का मऊ में राजनैतिक पर्दापण के साथ जो कुछ लोग साथ थे उसमें से कुछ गंभीर चेहरे अब नजर नहीं आते हैं! लेकिन बहुत से ऐसे चेहरे भी भीड़ में अब नजर आते हैं जो साथ नहीं थे! इस विषय को आसानी से समझा जा सकता है कि यह पद और कद की गंभीरता का खेल है! क्योंकि कुछ ताक में होते हैं कुछ झांक में और कुछ मौके की तलाश में तो कुछ अपने लिए राजनैतिक व सामाजिक जमीं की तलाश में! ऐसे ही लोगों का हुजूम कैबिनेट मंत्री व मोदी के प्रिय एके शर्मा के ईर्द-गिर्द इन दिनों चहलकदमी कर रही है! उसमें से बहुतेरे ईमानदारी के साथ हैं तो कुछ मौका एक दस्तूर के हिसाब से हैं उन्हें छवि बचने व बचाने का हुनर नहीं है या उससे मतलब नहीं है!
तो कुछ को अजीब सी कशमकश दर्द है कि एके शर्मा की मऊ में राजनैतिक बिसात के आगे उनकी राजनैतिक पकड़ कमजोर हो रही है या उनका नुकसान हो रहा है!
एके शर्मा को मऊ में बहुत ही सावधान रहने की जरूरत है अपनी राजनैतिक, सामाजिक, ईमानदार, सरल, सहज व मोदी तक पंहुच वाली छवि को लेकर! जनता से ज्यादा उन्हें अपनी निकटता वाले व्यक्ति या उनके नाम पर मऊ में करीबी होने का दंभ भरने वालों से सजग रहने की आवश्यकता है!
क्योंकि जो व्यक्ति यूपी सरकार में कद्दावर मंत्री के पद पर बैठा हुआ है। वे ना तो मऊ की जनता की बदौलत है और ना ही उसके आगे पीछे घूम रही हजारों की भीड़ की बदौलत! प्रशासन से शासन तक पंहुच यह सिर्फ उसकी अपनी व्यक्तिगत कमाई है!
लेकिन आज उनके जयकार लगाने वालों की भीड़ है यह अच्छी बात है लेकिन भीड़ का कोई हिस्सा या उनके विभाग के किसी अधिकारी, कर्मचारी या संविदा कर्मी के कृत्य से अगर एके शर्मा की छवि धूमिल हो रही है तो यह जिम्मेदारी हर उस शख्स की है कि उनकी छवि खराब ना हो! भीड़ के उस तथाकथित लोगों के साथ यह जिम्मेदारी स्वयं एके शर्मा की भी है कि वे पहचाने उनके आगे पीछे कौन हैं! कौन छवि दागदार कर रहा कौन ईमानदार समर्थक था तो अब भीड़ से अलग है! वर्ना इस कड़ी में नुकसान सिर्फ जनता का होगा और एके शर्मा का! मौके की तलाश वालों का क्या ?
महफ़िलें सजती हैं चेहरे बदलते रहते हैं,
कभी कोई पसंद आता कभी जी को कोई भाता।
एके शर्मा जी अभी तक तो मैं आप पर रामायण लिख रहा था अब महाभारत पर आता हूं!
बात सिर्फ मऊ की है बाकी जगह की बाद में! नगर पालिका व पंचायतों में क्या कुछ चल रहा था और चल रहा है मऊ नगर पालिका में पिछले दिनों हुए घटना क्रम से आप रू-ब-रू हैं। वहां बात सिर्फ चेयरमैन, सभासद, ठेकेदार कुछ अन्य और की थी! यानि वह मामला जनसामान्य से दूर था!
लेकिन शर्मा जी बिजली विभाग का मामला साधारण नहीं जन-जन से जुड़ा है! भले ही आपको विधान परिषद सदस्य से लेकर कैबिनेट मंत्री बनने में जनता का कोई योगदान नहीं है लेकिन मंत्री बनने के बाद अपने हर विभाग के प्रति जनता के प्रति आपकी जवाबदेही तय है! और मंत्री जी बिजली में सुधार तो खूब हुआ है लेकिन बिजली विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों व संविदाकर्मियों के आचरण व व्यवहार से नित्य रोज आप भी रुबरु हो रहे हैं! जो ठीक नहीं है! यह आपके छवि के लिए ठीक नहीं है! आखिर बिजली के नाम पर जनता का उत्पीड़न क्यों हो रहा! बिजली चोरी कर रहे और विभाग से साठ गांठ करके कार्य करने वाले लोग क्या शून्य हो गए! शायद आपके संज्ञान में हो या आप तलक नहीं पंहुचा तो यह आपकी कमी और आपके अपनों की लापरवाही या आपके साथ गलमाची है! मऊ में आपके विभाग से लोग परेशान हैं जो जांच का विषय है! कोपागंज का मामला ताजा है अंदरखाने से अपनों से पता लगाएं लोड, बाइपास बगैरह बगैरह पर लूट जारी है! आखिर क्यों! समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों का छोटे-छोटे उत्पीड़न आपकी ईमानदार छवि को दागदार कर रही है! चूंकि आपका मूल निवास मऊ नहीं होता तो आरोपों की चपेट में आप देर में आते लेकिन न तो इस मर्म को आपके अधिकारी, कर्मचारी समझ रहे न आपके नाम पर खेती करने वाले वे तथाकथित लोग! मंत्री जी आप बहुतेरे के करीब हैं लेकिन उन करीब लोगों में अगर लोग अगर आपके पास सच्चाई नहीं आने दे रहे हैं तो लोगों के चुनाव में आपकी कमी है! मंत्री जी आपके पास पंहुचा व्यक्ति अगर आपको मऊ से जुड़े हर मसले काम को all is well बता रहा तो वह आपका समर्थक नहीं है! अगर वे आपसे जुड़े दोनों विभाग की व उससे जुड़े पक्के व कच्चे अधिकारी व कर्मचारी के हर काम को very good बता रहा है तो बस इतना समझ लिजिए वह आपका नुकसान कर रहा है! इसलिए मंत्री जी चेत जाइए बहुत मुश्किल से मऊ को आप सौगात के रूप में मिलें हैं! आपकी छवि कुछ लोग खराब कर रहे हैं!